जागरण संवाददाता, देहरादून। अगर रोडवेज के चालक ने निर्धारित मार्ग पर बस का संचालन नहीं किया तो उसके वेतन से पांच हजार रुपये काटने का फरमान सुनाया गया है। सबसे ज्यादा शिकायत दिल्ली मार्ग पर आ रही। आरोप है कि चालक तय मार्ग के बजाए एक्सप्रेस-वे से बस ले जा रहे हैं और इस वजह से बसों में मेरठ, मोदीनगर, मोहननगर व गाजियाबाद के यात्री परेशान हो रहे, जबकि रोडवेज प्रबंधन को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा।
दून-दिल्ली मार्ग पर रोडवेज की ओर से तय मार्ग छुटमलपुर-रुड़की-मुजफ्फरनगर से मेरठ-मोदीनगर-मुरादनगर-गाजियबाद होकर है। मौजूदा समय में एक्सप्रेस-वे के बन जाने के बाद ज्यादातर रोडवेज चालक समय और ईंधन बचाने के चक्कर में बसों का संचालन एक्सप्रेस-वे से कर रहे। पूर्व में यही शिकायत दून-रुड़की व सहारनपुर मार्ग के बीच आई थी, जब कुछ चालकों ने बसों का संचालन गागलहेड़ी एक्सप्रेस-वे पर शुरू कर दिया था।
इसमें छुटमलपुर व भगवानपुर से बसें नहीं जा रही थी, जबकि तय मार्ग यही है। अब चालक फिर अपनी मनमानी कर रहे। इस संबंध में रोडवेज के शिकायत प्रकोष्ठ में रोजाना दर्जनों शिकायत आ रही हैं। इस पर ग्रामीण डिपो एजीएम केपी सिंह ने आदेश दिए हैं कि सभी बस चालक निर्धारित मार्ग पर संचालन करें और जो चालक एक्सप्रेस-वे या बाइपास मार्ग से संचालन करते हुए पकड़ा गया, उसके वेतन से पांच हजार रुपये की कटौती करने के आदेश दिए गए।
पांच नए सीनियर फोरमैन नियुक्त
रोडवेज के प्रबंध निदेशक अभिषेक रूहेला ने पांच सीनियर फोरमैन-ग्रेड-2 को प्रोन्नत कर सीनियर फोरमैन-ग्रेड-1 के पद पर प्रोन्नति दी है। ग्रामीण डिपो में कसीम अहमद, टनकपुर डिपो में सुरेश चंद्र पांडे, काठगोदाम में इसम सिंह, ऋषिकेश डिपो में शशिकांत त्रिपाठी व मंडल कार्यशाला दून में सुखबीर सिंह इनमें शामिल हैं। साथ ही पांच कार्यालय सहायक को प्रधान लिपिक के पद पर प्रोन्नत किया गया है।
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उत्तराखंड: रोडवेज चालकों के लिए फरमान, तय मार्ग पर बस नहीं चलाई तो वेतन से कटेंगे पांच हजार - दैनिक जागरण
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