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Monday, December 6, 2021

जोखिम भरा है सिढ़पुरा-सहावर मार्ग पर सफर करना - दैनिक जागरण

सिढ़पुरा, संवाद सूत्र : सिढ़पुरा-सहावर बाया मोहनपुर तक सड़क बदहाल हालत में है। इस मार्ग पर सफर करना जोखिम भरा है। वाहन चालकों को तो परेशानी तो होती ही है समय भी अधिक लगता है लेकिन लोक निर्माण विभाग लोगों की समस्या से अनभिज्ञ बना बैठा है। सड़कों के गड्ढे योगी सरकार के गड्ढा मुक्त सड़कों के फरमान को मुंह चिढ़ा रहे हैं।

सिढ़पुरा-सहावर बाया मोहनपुर तक 18 किलोमीटर का यह मार्ग बदहाल हो गया है। जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। इस मार्ग पर वाहन चलाना ही नहीं पैदल चलना भी दूभर है। बरसात में तो हालात यह हो गए थे कि मार्ग के गड्ढों में जलभराव हो गया। अब भले ही जल भराव न हो लेकिन उखड़ी सड़क और गड्ढे युक्त मार्ग पर सफर मुश्किल भरा है। एक बार नहीं कई बार जनप्रतिनिधियों एवं जिला प्रशासन से भी मार्ग को सही कराने की मांग कर चुके हैं, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात रहा है लोग परेशान हैं और जिम्मेदार लोक निर्माण विभाग लोगों की समस्याओं से मुंह मोड़े बैठा है। दो साल से अधिक का समय बीत गया मार्ग की दुर्दशा नहीं सुधारी जा रही है। आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है। अधिकारी और जनप्रतिनिधि अनभिज्ञ बने हुए हैं।

- गिरीश चंद्र पांडेय, स्थानीय निवासी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभी दो से तीन माह पूर्व सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के आदेश दिए थे, लेकिन लोक निर्माण विभाग पर इसका कोई असर नहीं है। सिढ़पुरा-सहावर मार्ग इसका प्रमाण है।

- प्रमोद उपाध्याय, स्थानीय निवासी सड़क की हालत ज्यादा खराब है। स्टीमेट तैयार करा लिया गया है। आगे की कार्रवाई की जा रही है। शीघ्र ही सड़क को बनवाया जाएगा।

- नंद किशोर, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी

Edited By: Jagran

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विधायक आवास मार्ग का सीवरेज सिस्टम फिर फेल, फोरलेन पर भरा गंदा पानी - दैनिक जागरण

जागरण संवाददाता, हिसार : विधायक डा. कमल गुप्ता के आवासीय मार्ग पर लंबे समय से सीवरेज सिस्टम अव्यवस्थित है। एक बार फिर यहीं स्थिति बन गई है कि लक्ष्मीबाई चौक से फव्वारा चौक मार्ग पर सीवरेज सिस्टम जाम हो गया है। फोरलेन पर गंदे पानी का भराव हो गया है। जिसके कारण फोरलेन पर आवाजाही करने वालों लोगों के लिए यह परेशानी का सबब बन गया है। बार बार जनस्वास्थ्य विभाग की टीम लाइन को दुरुस्त करने का दावा करने के साथ साथ कार्य तो शुरु करती है लेकिन आज तक सीवरेज लाइन को दुरुस्त नहीं कर पाए है। हालात ये है कि आज भी सीवरेज का गंदा पानी पूर्णत्य एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) तक नहीं पहुंच पा रहा है। आसपास के लोगों की माने तो करीब 70 प्रतिशत सीवरेज लाइन जाम पड़ी है। यह हालात एक-दो दिन में नहीं बने बल्कि यह सालों से हालात बने हुए है।

शहर का वीआइपी मार्ग, फिर भी बदहाल

विधायक आवास मार्ग शहर का वीआइपी मार्गों में से एक है। कारण है कि इस मार्ग पर नगर निगम कमिश्नर से लेकर एडीसी, एसडीएम और आईजी तक के आवास है। इसके अलावा नूर निवास स्कूल व नगर निगम कार्यालय भी इसी मार्ग पर है। लोगों के लिए बनाया गया जिदल पार्क से लेकर ज्ञान केंद्र तक इसी मार्ग पर है। ऐसे में यह मार्ग वीआइपी मार्ग होने के साथ ही इस मार्ग पर सीवरेज सिस्टम अक्सर जाम ही रहता है।

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ये भी जानें : क्षेत्रवासियों ने सिस्टम पर कटाक्ष करते हुए आरोप जड़ा कि पूर्व में इस मार्ग पर जो सीवरेज लाइन बिछाई गई उस सीवरेज लाइन का लेवल सही नहीं है। यही कारण है कि यहां पर सीवरेज सिस्टम अक्सर अव्यवस्थित रहता है। सालों से अधिकारी सीवरेज लाइन बिछाने वाले ठेकेदार व इंजीनियरों के बचाव में इस समस्या को झेलते आ रहे है। जिसका खामियाजा इस क्षेत्र के लोग भुगत रहे है। वर्जन

शहर में कई जगह सीवरेज सिस्टम का बुरा हाल है। बड़े स्तर पर सरकार व प्रशासन को सीवरेज सिस्टम सुधारने के लिए नई प्लानिग के साथ कार्य करना होगा।

- मनोहर लाल, पार्षद एवं चेयरमैन (सीवरेज, ड्रेनेज व पेयजल की सब कमेटी), नगर निगम हिसार।

Edited By: Jagran

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आज होगा लिंक मार्ग के लिए सेना-प्रशासन का संयुक्त सर्वे - अमर उजाला

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लिंक रोड के लिए सेना-प्रशासन का संयुक्त सर्वे आज
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मेरठ। बागपत रोड-रेलवे रोड लिंक मार्ग के लिए सेना और प्रशासन का संयुक्त सर्वे मंगलवार दोपहर 12.30 बजे से शुरू होगा। इस 800 मीटर मार्ग निर्माण के लिए 52 कॉलोनियों के निवासियों को सड़क पर बैठना पड़ रहा है। स्कूली छात्र भी समय-समय पर प्रदर्शन कर रहे हैं। एमडीए की ओर से इस मार्ग को 36 मीटर चौड़ा महायोजना मार्ग कहा गया है।
इस सर्वे में जिलाधिकारी की ओर से प्रशासन की टीम का गठन किया गया है। इसमें सेना की ओर से एडम कमांडेंट, प्रशासन की ओर से एडीएम सिटी दिवाकर सिंह, एमडीए सचिव चंद्रपाल तिवारी, एसपी ट्रैफिक जितेंद्र श्रीवास्तव, लोक निर्माण विभाग अधिशासी अभियंता अतुल कुमार, अधिशासी अभियंता एमडीए राजीव कुमार सिंह, सहायक अभियंता आरके गुप्ता, अवर अभियंता पवन कुमार शर्मा को शामिल किया गया है।
ये टीम सर्वे करने के बाद अपनी रिपोर्ट सेना और जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करेगी। सर्वे करने के बाद अगर सेना सहमति देती है तो रक्षा मंत्रालय के लिए एमडीए द्वारा आवेदन किया जाएगा। इसके बाद ही 52 कॉलोनियों की वर्षों पुरानी मांग पूरी हो सकेगी।

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आज होगा लिंक मार्ग के लिए सेना-प्रशासन का संयुक्त सर्वे - अमर उजाला
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शीश मार्ग यात्रा का नगर में पुष्पवर्षा के साथ जोरदार स्वागत - अमर उजाला

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बागपत। गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस पर सोमवार को नगर में शीश मार्ग यात्रा निकाली गई। यात्रा का नगर में जगह-जगह सर्वसमाज के लोगों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। यात्रा में नगर के सर्वसमाज के लोगों ने भाग लिया। जैन अतिथि भवन में लंगर कर प्रसाद वितरित किया गया।
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नगर की जैन धर्मशाला में गुरु तेग बहादुर की शहादत पर विशाल नगर कीर्तन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें दिल्ली के अतिरिक्त अन्य प्रदेशों से आए ग्रंथियों ने गुरु तेग बहादूर के जीवन पर प्रकाश डाला। धर्मशाला में कीर्तन दीवान व गुरु तेग बहादूर का दरबार लगाकर अन्य प्रदेश व जनपदों से आए लोगों को सरोपा भेंटकर स्वागत किया गया।
गुरुद्वारा शीशगंज साहिब दिल्ली से चलकर शीश मार्ग यात्रा बागपत पहुंची। यात्रा नगर के राष्ट्र वंदना चौक से शुरू होकर होलिका चौक, शौकत मार्केट, गांधी बाजार, सर्राफा बाजार, यमुना रोड से गुरुद्वारा श्री तेग बहादुर साहिब यमुना रोड पहुंची। जहां पर गुरद्वारे में अरदास हुई और गुरु प्रसाद वितरण किया गया। इसके उपरांत शीश मार्ग यात्रा कोर्ट रोड से होते हुए नगर के जैन अतिथि भवन पहुंची। वहां पर गुरु की अरदास के बाद लंगर कर प्रसाद का वितरण किया गया। इस मौके पर नंदलाल डोगरा, शादीलाल खुराना, जीत सिंह, गोपालदास नारंग, हिमांशु गुलियानी, मोहित, दीपक सिंधी, राजेश खुराना, लोट्टा उर्फ सचिन, अमन, मोंटी, सुरेन्द्र कुमार, सुनील खुराना, मोहित खट्टर, रोहन, ग्रवित अरोड़ा, कुनाल, तनिष्क, मोनू, सोनू ठेकेदार, हर्ष, गुन्नु, चुन्नु, संयम, सुमित, दीपू, तुषार, वैभव, भरत मौजूद रहे।

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शीश मार्ग यात्रा का नगर में पुष्पवर्षा के साथ जोरदार स्वागत - अमर उजाला
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नाली ओवरफ्लो होने से पानी महावीर मार्ग पर फैला, दुकानदार परेशान - अमर उजाला

बाजार की सड़क पर फैला नालियों का पानी । संवाद - फोटो : Narnol

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महावीर मार्ग पर ठाकुरजी मंदिर के पास नालियों का पानी ओवरफ्लो होकर सड़क पर बह रहा है। जिससे न केवल दुकानदारों को, बल्कि राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दुकानदारों की बार-बार शिकायत के बाद भी इस समस्या को समाधान नहीं होने से लोगों में रोष बना हुआ है। क्योंकि गंदा पानी उनकी दुकानों के सामने से बहने के कारण ग्राहक भी नहीं आते हैं। इससे उनकी दुकानदारी भी प्रभावित हो रही है। दुकानदारों ने नगर परिषद से नालियों की सफाई करवाने की मांग की है।
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दिनेश सोनी, नवीन राव, राजेश कुमार, दुलीचंद सैनी, मनीष बंसल, सतीश बंसल, महेश शर्मा, पंकज गुप्ता, वीरेंद्र कुमार, राहुल वर्मा ने बताया कि उक्त मार्ग पर नालियों की सफाई नहीं होने से वे अवरुद्ध हो गई हैं। जिसकी वजह से पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बह रहा है। कई जगह तो सड़क पर पानी भरा हुआ है। इससे स्थानीय दुकानदारों को काफी समस्या हो रही है, क्योंकि गंदे पानी के कारण दिनभर दुर्गंध आती रहती है। दुकानों के सामने पानी भरने से उनकी दुकानों पर नहीं आते हैं।
दुकानदारों का कहना है कि कुछ लोगों ने नाली पर अतिक्रमण कर बंद कर दिया है, जिससे पानी की निकासी नहीं हो पा रही है और पानी ओवरफ्लो होकर सड़क पर बहने लगा है।
गाड़ियों के आने-जाने से लोगों के ऊपर पड़ते हैं छींटे
नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बहने व जमा होने से स्थानीय दुकानदारों को परेशानी हो रही है। क्योंकि वाहनों के आवागमन के कारण गंदे पानी के छींटे उनकी दुकान में आते हैं। वहीं बाजार से गुजरने वाले ग्राहकों को परेशानी होती है। क्योंकि शादियों का सीजन होने के कारण प्रतिदिन काफी लोग बाजारों में खरीदारी के लिए आते हैं। दुकानदारों ने बताया कि यह समस्या पिछले एक पखवाड़े से बनी हुई है, जबकि नगर परिषद सफाई कर्मचारियों से प्रतिदिन नालियों की सफाई के लिए गुहार लगाई जाती है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।
दुकानदारी हो रही प्रभावित
सफाई के अभाव में नालियां अवरुद्ध हो गई हैं, जिनका गंदा पानी ओवरफ्लो होकर उनकी दुकानों के बाहर भर रहा है। जिससे उनकी दुकानदारी भी प्रभावित हो रही है। नवीन राव, दुकानदार।
एक पखवाड़े से बनी है समस्या
पिछले एक पखवाड़े से यह समस्या बनी हुई है। नगर परिषद कर्मचारियों को भी कई बार अवगत करवाया गया है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। राजेश कुमार, दुकानदार।
दुकानदार ही नहीं राहगीर भी हैं परेशान
नगर परिषद अधिकारियों को संज्ञान में लेकर उक्त समस्या का जल्द समाधान करवाना चाहिए। क्योंकि इससे न केवल दुकानदार परेशान है, बल्कि बाजार में आने वाले ग्राहकों को भी परेशानी हो रही है। वीरेंद्र कुमार, दुकानदार।

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संपर्क मार्ग का शिलन्यास किया - Hindustan हिंदी

हल्द्वानी। कालाढूंगी विधान सभा के फतेहपुर में कलावती बैंक्वेट हाल के समीप संपर्क मार्ग का शिलान्यास प्रधान मीना निगलटीया और क्षेत्र पंचायत सदस्य तरुण बिष्ट ने किया। सोमवार को आयोजित हुए कार्यक्रम में मौजूद विधायक प्रतिनिधि विकास भगत ने बताया कि शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत के निर्देश पर जिला खनिज फाउंडेशन के मद से मार्ग का निर्माण किया जा रहा है जिसकी लागत लगभग 32 लाख रुपये है। इस दौरान ममता भट्ट, ,संजू कार्की, गीता जोशी, सगत सिंह नेगी, नारायण मेहरा, कैलाश भगत, गणेश जोशी, हिमांशु भट्ट, बहादुर परिहार, गोपाल जलाल ,बहादुर डांगी, मदन बिष्ट, लक्ष्मण बोरा, जीवन दुम्का, नीरू कार्की, पंकज मलरा आदि मौजूद रहे।

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काशी विश्वनाथ परिक्रमा मार्ग में बने मंदिरों और स्थलों की मरम्मत, यूपी सरकार का प्लान समझिए - Aaj Tak

स्टोरी हाइलाइट्स

  • श्री विश्वनाथ धाम की परिक्रमा होगी आसान
  • धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यूपी सरकार की पहल
  • 70 किलोमीटर का है मुख्य परिक्रमा मार्ग

श्री काशी विश्वनाथ धाम (Shri Kashi Vishwanath Dham) जल्द ही अपने नए रंग रूप में नजर आने वाला है. 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM MODI) काशी कॉरिडोर का उद्घाटन करने वाले हैं. काशी कॉरिडोर (Kashi Corridor) के निर्माण के साथ ही काशी और आसपास के धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों का पुनर्निर्माण करने की तैयारी भी शुरू हो गई है. विश्वनाथ पंचकोसी परिक्रमा मार्ग को नए सिरे से तैयार करने की क़वायद जारी है. योगी सरकार की कोशिश है कि इसके ज़रिए धार्मिक पर्यटन को बल मिले.

क्या है योजना

विश्वनाथ पंचकोशी (पंचकोशी) परिक्रमा मार्ग 70 किलोमीटर का है. खास बात ये है कि ये ज्योतिर्लिंगाकार है. योगी सरकार ने काशी कॉरिडोर के निर्माण के साथ ही पूरे परिक्रमा मार्ग को व्यवस्थित करने और नए रूप में लाने की तैयारी शुरू हो गई है. इस योजना का DPR तैयार हो गया है. स्वीकृति मिलते ही काम शुरू हो जाएगा. इस योजना के तहत पूरे परिक्रमा मार्ग कायाकल्प किया जाएगा. मार्ग में पड़ने वाले 108 मुख्य मंदिरों और कुंडों और जलाशयों का जीर्णोद्धार किया जाएगा. खास बात ये है कि यात्रा मार्ग में 40 से ज़्यादा यात्री निवास और धर्मशाला हैं, उनको भी सुविधाओं की दृष्टि से रेनोवेट किया जाएगा.

परिक्रमा मार्ग के लिए योजना बनाई गई है कि इन मंदिरों में जो मंदिर पुराने हैं, उनके पौराणिक गौरव को भी सामने लाने की कोशिश होगी. यहां और सुविधाएं विकसित करने की भी योजना बनाई गई है, जिससे रोज़गार की संभावनाएं बढ़ें और स्थानीय पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिले. दरअसल ये पूरी योजना धार्मिक पर्यटन विकसित करने को ध्यान में रखकर तैयार की गई है.

योगी सरकार ने इससे पहले अयोध्या में इस तरह का कार्य शुरू किया है. इसमें मंदिर निर्माण के साथ ही पूरे शहर को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार विकसित करने पर काम शुरू किया था, जिसमें परिक्रमा मार्ग के अलावा ख़ास तौर पर पर्यटकों के लिए सुविधाओं को बढ़ाने और रोज़गार के अवसर देने की योजना पर काम चल रहा है. काशी विश्वनाथ धाम के नए रूप में आने के बाद यहां श्रद्धालुओं और लोगों की संख्या बढ़ेगी. उसके लिए बेहतर सुविधाएं और पूरे परिक्रमा मार्ग का विकास जरूरी है.

पंचकोशी परिक्रमा की यह है मान्यता

बाबा विश्वनाथ के मंदिर का पंचकोशी ( पंचकोसी) परिक्रमा मार्ग 70 किलोमीटर लंबा है. दूरी भले ही इतनी हो, पर आम तौर पर पांच दिन में इसे किया जाता है. इसकी काफी मान्यता है. कहा जाता है कि ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति के लिए राम ने भी पंचकोशी परिक्रमा की थी. पांडवों ने भी अज्ञातवास में परिक्रमा की थी. आम तौर पर काशी में पंचकोशी परिक्रमा एक दिन, 3 दिन और 5 दिन की होती है. 

पांच दिन की परिक्रमा में हर दिन एक पड़ाव पार कर रात्रि विश्राम होता है. काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रोफ़ेसर राम नारायण द्विवेदी के अनुसार, कंदवा, भीमचंडी, रामेश्वर, पंच पांडव और कपिलधारा में पांच दिन की यात्रा में एक-एक रात्रि विश्राम का विधान है. इसके अलावा इस धार्मिक मार्ग पर मंदिर, कुंड, तालाब और यात्री निवास स्थल हैं. पंचकोशी परिक्रमा की ख़ास बात यह है कि इस यात्रा में सभी धार्मिक स्थल दाहिने तरफ स्थित हैं.

परिक्रमा मार्ग पर होगा यात्री सुविधाओं का विकास

सरकार ने पंचकोशी मार्ग पर कई तरह के आयोजनों की योजना बनाई है, जिससे स्थानीय लोगों को रोज़गार और नए व्यवसाय के अवसर मिलेंगे. इससे वेलनेस सेंटर, रिसार्ट, होटल के अलावा पर्यटन संबंधित व्यवसाय को गति मिलेगी. परिक्रमा पथ में पड़ने वाले कुंडों को भी सजाया संवारा जाएगा. इनमें से कई कुंड ऐसे हैं, जिनका ऐतिहासिक महत्व है. 

कुछ ऐसे स्थान हैं, जहां धार्मिक आयोजन और कथाएं होती हैं. उनको लैंडस्केपिंग के माध्यम से खूबसूरत बनाया जाएगा. श्री काशी विश्वनाथ धाम के पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व पर काम करने वाले काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रोफ़ेसर राम नारायण द्विवेदी के अनुसार, पंच कोसी परिक्रमा मार्ग पर पड़ने वाले धार्मिक स्थलों के बारे में पूरी जानकारी भी वहां और रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड जैसी जगहों पर लिखी जाएगी, जिससे देश के अलावा विदेशी पर्यटक और पहली बार परिक्रमा करने वाले भी इन स्थलों के बारे में जान सकेंगे. 

योगी सरकार तीन चरणों में इसे विकसित करने का कार्य करेगी. पहला चरण 9.92 करोड़, दूसरा चरण 23.86 करोड़ और तीसरा चरण 22.15 करोड़ में पूरा करने का लक्ष्य है.

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जोखिम भरा है सिढ़पुरा-सहावर मार्ग पर सफर करना - दैनिक जागरण

सिढ़पुरा, संवाद सूत्र : सिढ़पुरा-सहावर बाया मोहनपुर तक सड़क बदहाल हालत में है। इस मार्ग पर सफर करना जोखिम भरा है। वाहन चालकों को तो परेशानी ...