जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : वार्ड 46 की न्यू फ्रेंड्स कालोनी निवासी विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं। कालोनी के कई मार्ग बहुत नीचे पड़ गए हैं। घर का पानी बाल्टी से फेंकना पड़ रहा है। सफाई व्यवस्था की भी मुकम्मल व्यवस्था नहीं है। कूड़े की गाड़ी कुछ गलियों में ही जाती है। लोगों का कहना कि चुनाव के समय नेता वोट मांगने आ जाते हैं, लेकिन जब जीत जाते हैं, तो विकास कार्यों से मुंह मोड़ लेते हैं। नगर निगम टैक्स तो ले लेता है, लेकिन विकास कार्य नहीं करता। लोगों में जनप्रतिनिधियों व नगर निगम के खिलाफ गुस्सा है। दैनिक जागरण की टीम ने रविवार को कालोनी का जायजा लिया, तो स्थानीय निवासियों ने प्रमुखता से अपनी समस्याओं को बयां किया।
विशेषता
लोकेशन की लिहाज से कालोनी महत्वपूर्ण है। कालोनी से कुछ दूरी पर ही जिला संयुक्त अस्पताल है। 24 घंटे आवागमन के साधन उपलब्ध होते हैं। पास में ही फल व सब्जी बाजार लगता है। कालोनी से बस अड्डा पांच किलोमीटर और नया रेलवे स्टेशन चार किलोमीटर की दूरी पर है। दिल्ली-मेरठ हाईवे तीन किलोमीटर की दूरी पर है।
इतिहास
करीब 11 साल पहले यह कालोनी कालोनाइजर ने बसाई थी। यहां पर करीब 10 हजार लोग निवास करते हैं। कालोनी में आबादी लगातार बढ़ रही है, लेकिन विकास कार्यों की रफ्तार बहुत धीमी है।
जल निकासी के लिए खरीदना पड़ा मोटर
यहां पर जल निकासी की सबसे बड़ी समस्या है। मुख्य मार्ग को ऊंचा बना दिया गया है। इस मार्ग से जुड़ने वाले मार्गों का लेवल बहुत नीचा पड़ गया है। एक मार्ग पर तो सुबह को ड्यूटी जाने से पहले लोग घंटों तक मोटर से पानी निकालकर नाले में डालते हैं। यदि पानी नहीं निकाला जाता, तो घरों में पानी भर जाता है। बारिश होने पर पूरी गली पानी-पानी हो जाती है। कई बार पार्षद इस मार्ग को बनवाने का वादा कर चुके हैं, मगर अभी तक निर्माण कार्य के लिए टेंडर तक नहीं हुआ है।
जर्जर सड़क पर हो रहे हादसे
कालोनी की कई सड़कें जर्जर हो चुकी हैं। टूटी सड़क के कारण दोपहिया वाहन चालक हादसे का शिकार हो जाते हैं। बच्चे सड़क पर गिरकर चोटिल हो रहे हैं। यदि कोई बीमार हो जाता है, तो कालोनी के भीतर एंबुलेंस का आना मुश्किल हो जाता है। बारिश में सड़क पर पानी भर जाता है। कीचड़ में निकलना मुश्किल हो जाता है।
गलियों की ऊंचा ढलान बनी आफत
मुख्य मार्ग से कई मार्ग बहुत नीचे हैं। इन गलियों की ढलान बहुत ऊंची है। बुजुर्गों को मुख्य मार्ग पर चढ़ने में परेशानी होती है। बच्चे साइकिल चलाते हुए गिर जाते है। बारिश होने पर लोग फिसलकर गिर जाते हैं। मार्ग ज्यादा नीचा होने के कारण कूड़े की गाड़ी भी नहीं आ पाती है। कालोनी में साफ-सफाई नहीं होने के कारण गंदगी में मच्छर पनप रहे हैं।
वर्जन..
कालोनी में फॉगिग नहीं होती है। मच्छर से लोग परेशान हैं। नगर निगम में कई बार शिकायत कर चुके हैं। नगर निगम टैक्स ले लेता है और काम कुछ नहीं करता है।
- ईशान कौशिक, स्थानीय निवासी
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मार्ग बहुत नीचा पड़ गया है। रोज मोटर से पानी निकालना पड़ रहा है। इससे बिजली का बिल बहुत बढ़ गया है। अधिकारियों को हमारी परेशानी समझनी चाहिए।
-भृगुनाथ, स्थानीय निवासी
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कूड़े की गाड़ी मुख्य मार्ग से होती हुई बाहर से बाहर ही निकल जाती है। निगम ने दावा किया था कि डोर टू डोर कूड़ा उठाया जाएगा। अब नगर निगम में प्रदर्शन होगा।
- जावेद, स्थानीय निवासी
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बारिश शुरू होने पर हमारा घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाएगा। बारिश शुरू होने से पहले मार्ग का निर्माण किया जाना चाहिए। कालोनी के लोग परेशान हो रहे हैं।
- हरदीप चौधरी, स्थानीय निवासी
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कालोनी की किसी भी सड़क पर सीवर लाइन नहीं है। सीवर लाइन डालने पर जल निकासी की समस्या का हल होगा। कालोनी में पौधे भी रोपित होने चाहिए।
-इंदिराज सिंह, स्थानीय निवासी
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नालियों की सफाई नहीं होती है। कालोनी वालों ने निजी सफाईकर्मी को लगाया हुआ है। नगर निगम में शिकायत करके थक गया हूं। हमारी परेशानी बढ़ती ही जा रही है।
- कपिल शर्मा, स्थानीय निवासी
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लोगों ने सड़क के लेवल से काफी नीचे मकान बना रखे हैं। इसकी वजह से पानी निकासी और निर्माण कार्य में दिक्कत आ रही है।
- अजय वीर सिंह, पार्षद, 46
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मामले की जानकारी की जाएगी। मौके पर टीम भेजकर समस्या को दिखवाया जाएगा। इसके बाद समस्या का समाधान होगा।
- महेंद्र सिंह तंवर, नगर आयुक्त
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जागरण सुझाव
- बारिश शुरू होने से पहले खड़ंजों को बनवाया जाए।
- लोगों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था कराई जाए।
- डोर- टू-डोर कूड़ा उठाया जाना चाहिए।
- कालोनी में सफाईकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए।
- कालोनी में सीवरलाइन डाली जानी चाहिए।
- कालोनी में पुलिस की गश्त बढ़ाई जाए।
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लोग खुद मोटर से निकाल रहे मार्ग का पानी - दैनिक जागरण
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