Rechercher dans ce blog

Saturday, March 27, 2021

मुक्ति का मार्ग बताता है भागवत कथा का सार - दैनिक जागरण

संवाद सूत्र, दलाही: भागवत कथा का सार मुक्ति का मार्ग बताता है। भागवत कथा को सुखदेव गोस्वामी महाराज से राजा परीक्षित ने जिस प्रकार सुन कर बैकुंठ धाम की यात्रा कर मोक्ष प्राप्त किया, इस कलिकाल में भी श्रोता व वक्ता भागवत निष्ठ होकर कथा को सुनते व सुनाते हैं तो मोक्ष का द्वार खुल सकता है। उन्हें मानव जीवन व अन्य योनियों में पुन: बार बार नहीं भटकना पड़ता है। उन्हें प्रभु श्रीकृष्ण के चरणों में स्थान मिल जाता है।

शुक्रवार की देर शाम कथा सुनाते हुए कथावाचक ताराचंद्र शास्त्री ने भगवान कृष्ण और माता रुक्मिणी का विवाह प्रसंग, शिशुपाल व जरासंध वध आदि प्रसंगों को बड़े ही मार्मिक ढंग से सुनाया। गो माता की महिमा का जिक्र करते हुए कहा कि गोमाता में तैतीस कोटि (प्रकार) देवताओं का स्थान है। गोबर में माता लक्ष्मी व गोमूत्र में माता गंगा का निवास है। देसी गाय के गोबर का लेप लगाकर धूप में सुखाकर नहाने से हर एक चर्म रोग से मुक्ति मिलती है। गोमूत्र में कैंसर जैसे घातक रोगों का समाधान है। केवल सुबह-शाम गोमाता पर हाथ फेरने मात्र से उच्च रक्तचाप में आशातीत लाभ प्राप्त होते हैं। हिंदू समाज के लोगों को यह समझना होगा कि गाय का दूध उनका बोनस है। केवल गोमूत्र व गोबर से अनेकानेक लाभ हैं। सैकड़ों घरेलू सामग्रियां बनाई जा सकती हैं। -------------------- कोरोना के प्रकोप से बचाने को चैताली पूजा

संवाद सहयोगी, रानीश्वर: सादीपुर के धर्मराज मंदिर में ग्राम को कोरोना महामारी के प्रकोप से रक्षा करने के लिए शनिवार को चैताली पूजा मनाई गई। पुरोहित बलाई चक्रवर्ती ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा व हवन किया।

इससे पहले शुक्रवार की देर शाम गांव के भक्तों ने प्रधान सेवाईत तरनी दे के साथ बिलकांदी गांव के धर्मराज मंदिर से धर्मराज, कालाराज, माता मनसा, माता शीतलता एवं बानेश्वर के बिग्रह के साथ पांच किलोमीटर शोभा यात्रा निकाली और गांव की परिक्रमा की। सुबह हुई पूजा में भक्तों के साथ महिला एवं पुरुष श्रद्धालु शामिल हुए। सेवानिवृत्त शिक्षक निताई लायेक ने बताया कि यहां के धर्मराज अत्यंत जाग्रत हैं। पूजा का चार सौ साल का इतिहास है। महामारी से बचाने के लिए पूजा की जाती है। अभी कोरोना का प्रकोप है। लोगों की रक्षा के लिए ही पूजा की गई। बताया कि छह दशक पूर्व गांव के झाड़ू लायेक ने चैताली पूजा बंद कर दी थी, तब गांव में चेचक का प्रकोप हो गया। बिलकांदी के मंदिर में सेवाईत प्रणव दत्त, स्वपन दत्त एवं मंगल दत्त नित्य पूजा करते हैं। मंगलवार की देर शाम बिग्रहों को शोभा यात्रा के साथ बिलकांदी के मंदिर पहुंचाया जाएगा।

kumbh-mela-2021

शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप

Let's block ads! (Why?)


मुक्ति का मार्ग बताता है भागवत कथा का सार - दैनिक जागरण
Read More

No comments:

Post a Comment

जोखिम भरा है सिढ़पुरा-सहावर मार्ग पर सफर करना - दैनिक जागरण

सिढ़पुरा, संवाद सूत्र : सिढ़पुरा-सहावर बाया मोहनपुर तक सड़क बदहाल हालत में है। इस मार्ग पर सफर करना जोखिम भरा है। वाहन चालकों को तो परेशानी ...