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Saturday, March 20, 2021

संयम के मार्ग पर दिल में चुभते हैं कांटे - Nai Dunia

Publish Date: | Sat, 20 Mar 2021 08:21 PM (IST)

बदनावर (नईदुनिया न्यूज)। संयम के कठिन मार्ग पर चलने से सिर्फ पैरों में ही नहीं, बल्कि दिल में भी कांटे चुभते हैं। इन सबके बीच भी मुनिश्री रजतचंद्रविजयजी अपने लक्ष्‌य को लेकर आगे बढते रहे एवं गुरु गच्छ समुदाय का नाम रोशन करते हुए अपना विशिष्ट स्थान बनाया है। वे धर्म प्रभावना करते हुए श्रावक-श्राविकाओं को धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा इसी प्रकार देते रहेंगे।

उक्त बातें पूर्व सांसद एवं मोहनखेड़ा तीर्थ के ट्रस्टी मेघराज जैन ने यहां शंखेश्वरपुरम जैन तीर्थ पर रजत जयंती महोत्सव के दूसरे दिन राजेंद्र सूरि संयम वाटिका में अनुमोदना के दौरान शनिवार को कही। शंखेश्वरपुरम ट्रस्ट अध्यक्ष सुखराज कबदी भी उपस्थित थे। ट्रस्टी मांगीलाल रामाणि ने भी विचार व्यक्त किए। आचार्यश्री ऋषभचंद्रसूरीश्वरजी के शिष्य मुनिश्री पीयूष विजयजी, रजतचंद्रविजयजी सहित साधु-साध्वी मंडल मौजूद था।

बैंडबाजों के साथ निकाली शोभायात्रा

इससे पूर्व सुबह 6ः30 बजे सामूहिक सामायिक का आयोजन हुआ। इसमें श्रावक-श्राविकाओं ने 48 मिनट की साधु के समान संयम की साधना की। श्रीशंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान का नमिउण महाभिषेक मंत्रोच्चार के साथ किया। तत्पश्चात तीर्थ परिसर से बैंडबाजों के साथ शोभायात्रा निकाली गई। इसमें आगे चार नवयुवक पंचरंगी ध्वज धामे अश्व पर सवार होकर चल रहे थे। सुसज्जित रथ में भगवान पार्श्वनाथ एवं गुरु राजेंद्रसूरीश्वरजी के चित्र विराजित किए गए थे। मुनिमंडल के आगे युवा भक्ति गीतों पर नृत्य करते, तो केसरिया साड़ियों में महिला मंडल भक्ति गीत गाती चल रही थी। फोरलेन चौपाटी क्षेत्र में भ्रमण करते हुए शोभायात्रा पुनः तीर्थ परिसर पहुंची। जहां अनुमोदना सभा में परिवर्तित हो गई। सर्वप्रथम संयम उपकरण से संबंधित दर्शन, ज्ञान, चरित्र के उपकरण के उजमने की प्रदर्शनी का उद्घाटन ट्रस्टी जैन ने किया।

इनका किया बहुमान

रजत जयंती महोत्सव के अंतर्गत शनिवार के आयोजन के लाभार्थियों का बहुमान किया गया। इसमें पार्श्वनाथ भगवान के नमिउण अभिषेक करने के लाभार्थी चुन्नाीलाल शिवलाल जैन धुलिया महाराष्ट्र, गुरुपद महापूजन के गजिदेवी तुलसीचंद राठौर भीनमाल राजस्थान, गांवसांझी के पुखराज भीकाजी भंडारी कोटा राजस्थान, मेहंदी वितरण के नयना राकेशकुमार मेहता झाबुआ एवं विनयकुमार मारू नीमच, प्रभु की अंगरचना के मांगीलाल राजूबाई मेहता राजगढ़, प्रभुभक्ति के रंजीतकुमार घेवरचंद कश्यप विशाखापट्टनम, नवकारसी के माणकबाई सागरमल नलवाया उज्जैन, दोपहर के स्वामीवात्सल्य के शैलेशकुमार रौनक शाह झाबुआ एवं शाम के स्वामीवात्सल्य के वीरेंद्रकुमार सोमचंद मेहता परिवार खाचरौद आदि लाभार्थी शामिल हैं। दोपहर में श्रीराजेंद्रसूरि गुरुपद महापूजन, दीक्षा विधि के समान छाप भरने एवं केसर छांटने के कार्यक्रम हुए। रात में मेहंदी वितरण एवं चौबीसी सहित प्रभु भक्ति का संगीतमय आयोजन हुआ। इसमें प्रसिद्ध गीतकार अंकित लोढ़ा रायपुर एवं खुशबू कुंभट जोधपुर ने प्रस्तुतियों से सबका मन मोह लिया। महोत्सव में बड़ी संख्या में दूरदराज क्षेत्रों से श्रद्धालु शामिल हुए। ट्रस्ट की ओर से कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए सैनिटाइजर व मास्क अनिवार्य किया गया है।

आज होंगे ये आयोजन

महोत्सव के अंतिम दिन रविवार को प्रभातियां, बृहद शक्रस्तव महाभिषेक, संयम अनुमोदना सभा, आदिनाथ पंचकल्याणक पूजन एवं रात में प्रभु भक्ति का आयोजन रखा गया है। मंदिर में प्रभु श्रीशंखेश्वर पार्श्वनाथ व गुरु राजेंद्रसूरिश्वरजी की प्रतिमा की आकर्षक अंगरचना की जाएगी।

Posted By: Nai Dunia News Network

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