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राठ। डेढ़ दशक इंतजार के बाद बीते साल टोला खंगारन मार्ग का निर्माण कार्य शुरू होने से ग्रामीणों को सुगम आवागवन का सपना पूरा होते दिख रहा था। मगर गिट्टी डालने के बाद डामरीकरण का काम अधर में लटका है। सड़क पर पड़ी मिक्स गिट्टी भी उखड़ गई। जिससे परेशानी हो रही है।
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अटगांव से टोला खंगारन जाने वाला मार्ग करीब चार किमी तक डेढ़ दशक से जर्जर हालत में रहा। सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे होने से बारिश में पानी भर जाता है। जिसके बाद गांव का संपर्क पूरी तरह से कट जाता था। यहां से गुजरने वाले राहगीर हादसों का शिकार बनते थे। मार्ग निर्माण के लिए ग्रामीणों ने अनेक बार धरना व प्रदर्शन किया। वहीं बीते विधानसभा चुनाव में मतदान बहिष्कार तक का प्रयास हुआ। प्रशासन ने किसी तरह दबाव देकर कुछ वोट डलवा लिए थे।
ग्रामीणों का संघर्ष उस समय सफल होता दिखा जब 23 अक्तूबर 2019 में शासन ने मार्ग निर्माण के लिए 2 करोड़ 22 लाख 49 हजार रुपये की धनराशि स्वीकृत की। जिसमें पहली किस्त एक करोड़ 11 लाख 29 हजार की जारी हुई। मार्च 2020 तक पहली किस्त से काम हुआ। टेंडर प्रक्रिया में देरी होने पर दिसंबर में काम शुरू हो सका। गांव के प्रधान प्रतिनिधि पुष्पेंद्र यादव, भास्कर तिवारी, महबूब खान, गंगा यादव, मनीराम पाल, भगवानदास, डॉ. जगरूप आदि ने बताया मिक्स गिट्टी के दो कोड हुए हैं। इधर पिछले फरवरी से काम बंद है।
डामरीकरण न होने से सड़क पर पड़ी गिट्टी उखड़ने लगी है। जिससे ग्रामीण परेशानी झेल रहे हैं। वहीं सड़क पर पुलिया का निर्माण हुआ पर इसकी दोनों साइडों में मिट्टी का भराव नहीं कराया है। ऐसे में ग्रामीण खेतों से होकर निकलने को मजबूर हैं।
अटगांव से टोला खंगारन जाने वाला मार्ग करीब चार किमी तक डेढ़ दशक से जर्जर हालत में रहा। सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे होने से बारिश में पानी भर जाता है। जिसके बाद गांव का संपर्क पूरी तरह से कट जाता था। यहां से गुजरने वाले राहगीर हादसों का शिकार बनते थे। मार्ग निर्माण के लिए ग्रामीणों ने अनेक बार धरना व प्रदर्शन किया। वहीं बीते विधानसभा चुनाव में मतदान बहिष्कार तक का प्रयास हुआ। प्रशासन ने किसी तरह दबाव देकर कुछ वोट डलवा लिए थे।
ग्रामीणों का संघर्ष उस समय सफल होता दिखा जब 23 अक्तूबर 2019 में शासन ने मार्ग निर्माण के लिए 2 करोड़ 22 लाख 49 हजार रुपये की धनराशि स्वीकृत की। जिसमें पहली किस्त एक करोड़ 11 लाख 29 हजार की जारी हुई। मार्च 2020 तक पहली किस्त से काम हुआ। टेंडर प्रक्रिया में देरी होने पर दिसंबर में काम शुरू हो सका। गांव के प्रधान प्रतिनिधि पुष्पेंद्र यादव, भास्कर तिवारी, महबूब खान, गंगा यादव, मनीराम पाल, भगवानदास, डॉ. जगरूप आदि ने बताया मिक्स गिट्टी के दो कोड हुए हैं। इधर पिछले फरवरी से काम बंद है।
डामरीकरण न होने से सड़क पर पड़ी गिट्टी उखड़ने लगी है। जिससे ग्रामीण परेशानी झेल रहे हैं। वहीं सड़क पर पुलिया का निर्माण हुआ पर इसकी दोनों साइडों में मिट्टी का भराव नहीं कराया है। ऐसे में ग्रामीण खेतों से होकर निकलने को मजबूर हैं।
डेढ़ दशक बाद शुरू हुआ मार्ग का निर्माण लटका - अमर उजाला
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