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कैप्सन:-अब्दुल्लागंज जंगल को जोड़ने वाली सड़क के गड्ढों में पड़े बड़े- बड़े पत्थर
रुपईडीहा। संवाददाता
एनएच - 927 से पूर्व दिशा में स्थित अब्दुल्लागंज जंगल को जोड़ने वाला लगभग 7 किलोमीटर का डामरीकृत मार्ग वर्तमान समय मे चलने लायक नहीं रह गया है। आसपास के ग्रामीण बताते हैं कि लगभग 7-8 वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत इसका डामरीकरण किया गया था। कई बार मरम्मत के नाम पर लोकनिर्माण विभाग बहराइच व ठेकेदारों ने इस मार्ग पर लीपापोती भी की।
रुपईडीहा के पश्चिम नेपाल बॉर्डर पर बन रहे इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट पर मिट्टी पटाई के लिए इस रोड पर सैकड़ों की संख्या में डम्पर रात दिन चलते रहे। रोड के आसपास किसानों ने अपनी मिट्टी बेची। इसी वजह से यह रोड अब चलने लायक नहीं रह गई। जहां तहां रोड में भारी गड्ढे हो गए। इस रोड पर जैतापुर, दंदौली, मोहनापुर, तिगड़ा, तिगड़ी, संकल्पा, निधिनगर, गोपालपुर, लखइहा, दर्जिन पुरवा, खैरहनिया, बंजरिया व पंडितपुरवा सहित लगभग डेढ़ दर्जन गांव के ग्रामीण आते जाते हैं। यही नहीं इन गांव के बीमार चरदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्वास्थ्य केंद्र पर भी इलाज के लिए इस समय जाने को मजबूर हैं। इसी मार्ग का प्रयोग कर ग्रामीण रुपईडीहा, बाबागंज, नेपालगंज, नानपारा व बहराइच तक पहुचते हैं।
नेपाल सीमा से सटे इस मार्ग पर अब्दुल्लागंज तक पहुचने के लिए वनकर्मी, पुलिसकर्मी, एसएसबी के जवान व स्वास्थ्य कर्मी भी इसी जर्जर मार्ग पर आते जाते हैं। निधिनगर संकल्पा के नवनिर्वाचित प्रधान चौधरी चरण सिंह उर्फ गब्बर दर्जिनपुरवा निवासी रौनक अली, नफीस, चांद बाबू, रमेश वर्मा, मुनीर बाबा, निधिनगर ग्रामवासी बुद्धि लाल साहू, बरसाती यादव व रामानंद यादव आदि दर्जनों इस रोड पर आबाद ग्राम वासियों ने बताया कि एक माह पूर्व कोई ठेकेदार इस रोड के गड्ढों में बड़े बड़े पत्थर डाल कर फरार हो गया। इन पत्थरों को न तो दबाया और न ही इन पर मिट्टी या बालू डाली। कई बाइक व साइकिल सवार गिर कर चोटें खा चुके हैं। ग्रामीणों ने इस मार्ग को शीघ्र दुरुस्त कराए जाने की मांग की है।
जर्जर मार्ग पर चलने को मजबूर हैं ग्रामवासी - Hindustan हिंदी
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