रेल लाइन पर काम करते कर्मचारी। - फोटो : RAIBARAILY
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रायबरेली/जायस। लखनऊ-वाराणसी रेल मार्ग पर रायबरेली जिले के रूपामऊ और अमेठी जिले के जायस रेलवे स्टेशन के बीच दोहरीकरण कार्य को पूरा करा लिया गया है।
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करीब 20 किमी. की दूरी में दूसरा नया ट्रैक बिछाने के बाद जायस, फुरसतगंज और रूपामऊ स्टेशनों को कनेक्ट भी कर दिया गया है। दोहरीकरण कार्य का निरीक्षण करने 25 जून को रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) के आने का कार्यक्रम प्रस्तावित है। उनके निरीक्षण को देखते हुए सभी तैयारियां पूरी की जा रही हैं। हर छोटी-बड़ी खामियों और कमियों का पता लगाकर उन्हें दूर किया जा रहा है।
रायबरेली जिले में उतरेटिया से गंगागंज तक और दूसरी तरफ अमेठी जिले में जायस से आगे के हिस्से का दोहरीकरण कार्य पहले ही पूरा कराया जा चुका है। अब जायस से रूपामऊ के बीच दोहरीकरण कार्य पूरा कराया गया।
इस हिस्से की दूरी करीब 20 किमी. है। दोहरीकरण के तहत दूसरा नया ट्रैक बिछाया गया और विद्युत लाइन खींची गई है, ताकि इलेक्ट्रिक ट्रेनों का संचालन सुचारु रूप से हो सके।
दो दिन पहले इस ट्रैक को जायस, फुरसतगंज और रूपामऊ स्टेशनों से कनेक्ट करने का काम शुरू कराया गया। जो भी कमियां रह गई हैं, उन्हें अगले दो-तीन दिन में पूरा कर लिया जाएगा। रेल विकास निगम लिमिटेड के अधिकारी बराबर नजर रखे हुए हैं, ताकि कहीं कोई खामी न रहने पाए।
ट्रायल के लिए 145 की रफ्तार से दौड़ाया इंजन
जायस से रूपामऊ के बीच नए बिछाए गए ट्रैक को 160 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार के मानक के अनुरूप तैयार किया गया है। इस बात का दावा कार्यदायी संस्था के अधिकारी कर रहे हैं।
शनिवार को रेल विकास निगम लिमिटेड के उच्चाधिकारियों की देखरेख में नए ट्रैक का ट्रायल लिया गया। इस पर 145 किमी. प्रति घंटा की गति से इलेक्ट्रिक इंजन को दौड़ाकर ट्रायल पूरा किया गया।
रेलवे स्टेशनों की बदली तस्वीर, बढ़ाई सुविधाएं
दोहरीकरण कार्य के तहत 20 किमी. की दूरी में पड़ने वाले रेलवे स्टेशनों की हालत सुधारी गई है। जायस स्टेशन को सुधारने का काम पहले ही कराया जा चुका था।
अब फुरसतगंज और रूपामऊ स्टेशन की हालत भी सुधार दी गई है। इस हिस्से में काम कराने वाली संस्था केईसी के प्रोजेक्ट मैनेजर जुबैर अहमद ने बताया कि फुरसतगंज एवं रूपामऊ स्टेशनों पर प्लेटफार्म शेड के अतिरिक्त सर्कुलेटिंग एरिया को विकसित कराने के साथ ही सौंदर्यीकरण का कार्य किया गया है। रूपामऊ में फुट ओवरब्रिज बनवाया गया है।
सीआरएस का निरीक्षण कार्यक्रम लगभग तय
जायस से रूपामऊ रेलवे स्टेशनों के बीच कराए गए दोहरीकरण कार्य का निरीक्षण करने के लिए रेल संरक्षा आयुक्त 25 जून को आएंगे। आरवीएनएल के प्रबंधक राकेश यादव बताते हैं कि सीआरएस 25 जून को आ रहे हैं। उनके निरीक्षण का विस्तृत कार्यक्रम अभी नहीं मिला है। सीआरएस निरीक्षण कर दोहरीकरण कार्य को हरी झंडी देंगे। उनकी हरी झंडी मिलते ही नए ट्रैक पर ट्रेनों का आवागमन शुरू हो जाएगी।
करीब 20 किमी. की दूरी में दूसरा नया ट्रैक बिछाने के बाद जायस, फुरसतगंज और रूपामऊ स्टेशनों को कनेक्ट भी कर दिया गया है। दोहरीकरण कार्य का निरीक्षण करने 25 जून को रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) के आने का कार्यक्रम प्रस्तावित है। उनके निरीक्षण को देखते हुए सभी तैयारियां पूरी की जा रही हैं। हर छोटी-बड़ी खामियों और कमियों का पता लगाकर उन्हें दूर किया जा रहा है।
रायबरेली जिले में उतरेटिया से गंगागंज तक और दूसरी तरफ अमेठी जिले में जायस से आगे के हिस्से का दोहरीकरण कार्य पहले ही पूरा कराया जा चुका है। अब जायस से रूपामऊ के बीच दोहरीकरण कार्य पूरा कराया गया।
इस हिस्से की दूरी करीब 20 किमी. है। दोहरीकरण के तहत दूसरा नया ट्रैक बिछाया गया और विद्युत लाइन खींची गई है, ताकि इलेक्ट्रिक ट्रेनों का संचालन सुचारु रूप से हो सके।
दो दिन पहले इस ट्रैक को जायस, फुरसतगंज और रूपामऊ स्टेशनों से कनेक्ट करने का काम शुरू कराया गया। जो भी कमियां रह गई हैं, उन्हें अगले दो-तीन दिन में पूरा कर लिया जाएगा। रेल विकास निगम लिमिटेड के अधिकारी बराबर नजर रखे हुए हैं, ताकि कहीं कोई खामी न रहने पाए।
ट्रायल के लिए 145 की रफ्तार से दौड़ाया इंजन
जायस से रूपामऊ के बीच नए बिछाए गए ट्रैक को 160 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार के मानक के अनुरूप तैयार किया गया है। इस बात का दावा कार्यदायी संस्था के अधिकारी कर रहे हैं।
शनिवार को रेल विकास निगम लिमिटेड के उच्चाधिकारियों की देखरेख में नए ट्रैक का ट्रायल लिया गया। इस पर 145 किमी. प्रति घंटा की गति से इलेक्ट्रिक इंजन को दौड़ाकर ट्रायल पूरा किया गया।
रेलवे स्टेशनों की बदली तस्वीर, बढ़ाई सुविधाएं
दोहरीकरण कार्य के तहत 20 किमी. की दूरी में पड़ने वाले रेलवे स्टेशनों की हालत सुधारी गई है। जायस स्टेशन को सुधारने का काम पहले ही कराया जा चुका था।
अब फुरसतगंज और रूपामऊ स्टेशन की हालत भी सुधार दी गई है। इस हिस्से में काम कराने वाली संस्था केईसी के प्रोजेक्ट मैनेजर जुबैर अहमद ने बताया कि फुरसतगंज एवं रूपामऊ स्टेशनों पर प्लेटफार्म शेड के अतिरिक्त सर्कुलेटिंग एरिया को विकसित कराने के साथ ही सौंदर्यीकरण का कार्य किया गया है। रूपामऊ में फुट ओवरब्रिज बनवाया गया है।
सीआरएस का निरीक्षण कार्यक्रम लगभग तय
जायस से रूपामऊ रेलवे स्टेशनों के बीच कराए गए दोहरीकरण कार्य का निरीक्षण करने के लिए रेल संरक्षा आयुक्त 25 जून को आएंगे। आरवीएनएल के प्रबंधक राकेश यादव बताते हैं कि सीआरएस 25 जून को आ रहे हैं। उनके निरीक्षण का विस्तृत कार्यक्रम अभी नहीं मिला है। सीआरएस निरीक्षण कर दोहरीकरण कार्य को हरी झंडी देंगे। उनकी हरी झंडी मिलते ही नए ट्रैक पर ट्रेनों का आवागमन शुरू हो जाएगी।
जायस-फुरसतगंज-रूपामऊ रेल मार्ग का दोहरीकरण पूरा - अमर उजाला
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