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किश्तवाड़। डिवकॉम के किश्तवाड़ दौरे के दौरान सिंथन टॉप मार्ग बहाल करने की मांग पर डीडीसी सदस्य आपस में उलझ गए और उनमें बहसबाजी हो गई। वहीं, मढ़वा सदस्य ने डिवकॉम के समक्ष मामले को जोरदार ढंग से उठाने में साथ नहीं देने का आरोप लगाया है।
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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डीडीसी सदस्य मढ़वा जफरल्ला शेख ने मंडलायुक्त डॉ. राघव लंगर से मांग उठाई कि सिंथन मार्ग को जल्द खोला जाए, दूरदराज क्षेत्र के लोगों को सुविधा मिल सके। इस दौरान उन्होंने मढ़वावासियों के साथ सौतेला व्यवहार करने का भी आरोप लगाया। इस पर मंडलायुक्त भी नाराज हुए। बाद में चेयरपर्सन पूजा ठाकुर से बहस हुई।
सिंथन मार्ग है मढ़वा की जीवन रेखा
मढ़वा किश्तवाड़ जिले की दूरदराज तहसील है। जहां न तो सड़क सुविधा है और न ही मोबाइल क्नेक्टिविटी। सिंथन मार्ग के जरिये ही लोग देशदुनिया से जुड़ते हैं, लेकिन बर्फबारी के कारण यह मार्ग छह माह तक बंद रहता है। इस कारण क्षेत्र विकास से कोसों दूर हैं। डीडीसी सदस्य शेख जफरुल्ला ने कहा कि विकास के लिए ही लोगों ने चुना है। आजतक जो भी सरकारें रही हैं उन्होंने कुछ नहीं किया है। जिला मुख्यालय आने के लिए दो दिन पैदल सफर करना पड़ता है। पहले सिंथन मार्ग बर्फबारी के कारण बंद रहा और अब कोरोना के कारण बंद है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डीडीसी सदस्य मढ़वा जफरल्ला शेख ने मंडलायुक्त डॉ. राघव लंगर से मांग उठाई कि सिंथन मार्ग को जल्द खोला जाए, दूरदराज क्षेत्र के लोगों को सुविधा मिल सके। इस दौरान उन्होंने मढ़वावासियों के साथ सौतेला व्यवहार करने का भी आरोप लगाया। इस पर मंडलायुक्त भी नाराज हुए। बाद में चेयरपर्सन पूजा ठाकुर से बहस हुई।
सिंथन मार्ग है मढ़वा की जीवन रेखा
मढ़वा किश्तवाड़ जिले की दूरदराज तहसील है। जहां न तो सड़क सुविधा है और न ही मोबाइल क्नेक्टिविटी। सिंथन मार्ग के जरिये ही लोग देशदुनिया से जुड़ते हैं, लेकिन बर्फबारी के कारण यह मार्ग छह माह तक बंद रहता है। इस कारण क्षेत्र विकास से कोसों दूर हैं। डीडीसी सदस्य शेख जफरुल्ला ने कहा कि विकास के लिए ही लोगों ने चुना है। आजतक जो भी सरकारें रही हैं उन्होंने कुछ नहीं किया है। जिला मुख्यालय आने के लिए दो दिन पैदल सफर करना पड़ता है। पहले सिंथन मार्ग बर्फबारी के कारण बंद रहा और अब कोरोना के कारण बंद है।
सिंथन मार्ग खोलने की मांग पर आपस में उलझे डीडीसी सदस्य - अमर उजाला
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