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विकासखंड कीर्तिनगर के विभिन्न क्षेत्रों में तीन दिन तक मूसलाधार बारिश ने समस्याओं से जूझ रहे ग्रामीणों के सामने चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। मोटर मार्ग और पैदल रास्ते क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। ग्रामीणों को अस्पताल, ब्लॉक और तहसील मुख्यालय आने-जाने के लिए चार से पांच किमी अतिरिक्त पैदल दूरी नापनी पड़ रही है।
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श्रीनगर जल विद्युत परियोजना झील में बारिश के दौरान लगातार जल भराव और पानी की निकासी के कारण पास से गुजरने वाले सुपाणा-धारी मोटर मार्ग को भारी नुकसान पहुंचा है। पीएमजीएसवाई के सहायक अभियंता हेमवंत नौटियाल ने बताया कि मोटर मार्ग के नीचे लगातार कटाव होने से मार्ग का करीब 70 मीटर भाग 8 मीटर नीचे धंस गया है। इस स्थान पर पैदल चलने तक का रास्ता नहीं बचा है। धारी, गंडासू, भ्यूपाणी और महरगांव के ग्रामीणों को कलियासौड़ होकर आवाजाही करनी पड़ रही है। वहीं दूसरी ओर मुलाणा कांडी मोटर मार्ग पर भारी चट्टान गिरने से मार्ग का करीब 15 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया है। इससे ग्रामसभा कांडी, ऐराड़ी, गौनी, चाचकंडा समेत दर्जनों गांवों के लोगों को सिल्काखाल मोटर मार्ग से करीब 20 किमी अतिरिक्त दूरी नापनी पड़ रही है। यही स्थिति ललथ सिवालीधार मोटर मार्ग की है। कई स्थानों पर दीवारें क्षतिग्रस्त होने के साथ ही मार्ग विभिन्न स्थानों पर धंस चुका है। वहीं डागर-कोठार, मलेथा-बडोन, व किलकिलेश्वर-नैथाणा मोटर मार्गों का भी बुरा हाल है।
मोटर मार्गों को खोलने का काम जारी है। छह मशीनें काम पर लगाई गईं हैं। सुपाणा-धारी और मुलाणा-कांडी मोटर मार्ग को खोलने में एक माह से अधिक का समय लग सकता है। अन्य मोटर मार्ग आवाजाही के लिए जल्द खोले जाएंगे।-जेपी रतूड़ी, अधिशासी अभियंता, पीएमजीएसवाई लोनिवि कीर्तिनगर।
श्रीनगर जल विद्युत परियोजना झील में बारिश के दौरान लगातार जल भराव और पानी की निकासी के कारण पास से गुजरने वाले सुपाणा-धारी मोटर मार्ग को भारी नुकसान पहुंचा है। पीएमजीएसवाई के सहायक अभियंता हेमवंत नौटियाल ने बताया कि मोटर मार्ग के नीचे लगातार कटाव होने से मार्ग का करीब 70 मीटर भाग 8 मीटर नीचे धंस गया है। इस स्थान पर पैदल चलने तक का रास्ता नहीं बचा है। धारी, गंडासू, भ्यूपाणी और महरगांव के ग्रामीणों को कलियासौड़ होकर आवाजाही करनी पड़ रही है। वहीं दूसरी ओर मुलाणा कांडी मोटर मार्ग पर भारी चट्टान गिरने से मार्ग का करीब 15 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया है। इससे ग्रामसभा कांडी, ऐराड़ी, गौनी, चाचकंडा समेत दर्जनों गांवों के लोगों को सिल्काखाल मोटर मार्ग से करीब 20 किमी अतिरिक्त दूरी नापनी पड़ रही है। यही स्थिति ललथ सिवालीधार मोटर मार्ग की है। कई स्थानों पर दीवारें क्षतिग्रस्त होने के साथ ही मार्ग विभिन्न स्थानों पर धंस चुका है। वहीं डागर-कोठार, मलेथा-बडोन, व किलकिलेश्वर-नैथाणा मोटर मार्गों का भी बुरा हाल है।
मोटर मार्गों को खोलने का काम जारी है। छह मशीनें काम पर लगाई गईं हैं। सुपाणा-धारी और मुलाणा-कांडी मोटर मार्ग को खोलने में एक माह से अधिक का समय लग सकता है। अन्य मोटर मार्ग आवाजाही के लिए जल्द खोले जाएंगे।-जेपी रतूड़ी, अधिशासी अभियंता, पीएमजीएसवाई लोनिवि कीर्तिनगर।
मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त, पैदल रास्ते भी नहीं बचे - अमर उजाला
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