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Tuesday, June 29, 2021

कीचड़ में तब्दील हुए गांवों के मार्ग - Nai Dunia

Publish Date: | Tue, 29 Jun 2021 09:54 PM (IST)

अमर चौधरी सिरोल्या(नईदुनिया)

बारिश का मौसम है और ऐसे में कच्चे मार्ग कीचड़ से लथपथ होने लगे हैं। कीचड़ से भरे मार्गों से होकर गुजरना ग्रामीणों के लिए कठिन हो गया है। अधिक बारिश होने पर तो कीचड़ से भरे मार्गों से आवाजाही प्रभावित हो जाती है। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में अब सड़कों का निर्माण हो रहा है, लेकिन कई गांव अब भी विकास की धारा से कटे हुए हैं। यहां के लोगों को वर्षभर ही कच्चे, उबड़-खाबड़ मार्ग से होकर गुजरना पड़ रहा है। सिरोल्या व उसके आसपास के कई गांवों की सड़क वर्षों से अपने हाल पर है। तीन-चार बार की बारिश से ही ये मार्ग पैदल चलने के लायक भी नहीं रहे।

सिरोल्या से धामंदा को जोड़ने वाली पांच किमी तक सड़क पर इन दिनों अत्यधिक कीचड़ फैल रहा है। इस मार्ग का दो साल पहले मुरमीकरण हुआ था। इसके बावजूद बारिश में यह मार्ग कीचड़ से लथपथ हो रहा है। इस मार्ग से सैकड़ों लोगों का आनाजाना होता है। अधिक बारिश होने पर यहां से ट्रैक्टर भी निकालना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। कई बार ट्रैक्टर भी कीचड़ में फंस जाते हैं। गांव के लोग सिरोल्या तक नहीं आ पाते हैं। किसान अर्जुन चौधरी ने बताया कि हमारा खेत धामंदा में है। बारिश के दिनों में मार्ग पर कीचड़ अधिक हो जाता है। यूं तो खेत की दूरी अधिक नहीं है, लेकिन कीचड़ हो जाने पर देवास रोड होकर सात-आठ किमी का चक्कर लगाकर खेत पर जाना पड़ता है। अन्य ग्रामीणों ने बताया कि कई बार पंचायत को समस्या से अवगत कराया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।

कट जाता है संपर्क-

सिरोल्या से हापाखेड़ा तक करीब दो किमी का मार्ग भी अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। इस मार्ग पर मुरमीकरण भी नहीं हुआ। बारिश के दिनों में पैदल चलना भी कष्टप्रद हो जाता है। मार्ग पर बड़े-बड़े पत्थर है और कीचड़ फैल रहा है। अधिक बारिश होने पर इस मार्ग से सिरोल्या का संपर्क कट जाता है, जिन्हें सिरोल्या जाना होता है, वे पांच किमी घूमकर अन्य मार्ग से जाते हैं। ग्रामीण मूलचंद पटेल ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों को भी मार्ग के बारे में जानकारी है। पंचायत को भी कई बार सड़क बनाने के लिए निवेदन किया। ग्राम पंचायत हर बार आश्वासन देती है और नेता भी कई बार घोषणा कर चुके हैं। जब तक डामरीकरण नहीं हो, तब तक बारिश को देखते हुए मुरम डलवा देना चाहिए।

बन गई तालाब जैसी स्थिति-

सिरोल्या से बांगरदा करीब छह किमी के मार्ग पर ग्राम पंचायत ने मुरमीकरण किया था, लेकिन इन दिनों यह मार्ग चलने लायक स्थिति में नहीं है। सिरोल्या से एक किमी दूर इसी मार्ग पर गांधीनगर कालानी है। यहां 250 से अधिक लोग निवास करते हैं। इनके आनेजाने का मुख्य मार्ग यही है। बारिश में इस मार्ग पर जगह-जगह तालाब जैसी स्थिति बन गई है। लोगों को गंदे पानी और गड्ढों से होकर गुजरना पड़ रहा है। ग्रामीण प्रतीक चौधरी ने बताया कि हर वर्ष बारिश में इसी प्रकार की समस्या होती है। जब तक मार्ग नहीं बनता, तब तक यहां मुरम बिछाना चाहिए, ताकि कीचड़ ना फैले।

बढ़ गई है फिसलन-

सिरोल्या से टिगरिया गोगा तक सड़क का निर्माण आगामी दिनों में किया जाना है। यहां रोड निर्माण के लिए दोनों ओर की झाड़ियों व पेड़ों की कटाई हो चुुकी है। मुरम बिछाकर एक महीने से काम रोक दिया है। बारिश होने से मार्ग पर अधिक फिसलन हो गई है। कई जगह गड्ढे भी है। यह मार्ग सिरोल्या, कैलोद व टिगरिया गोगा को जोड़ता है। तीनों गांवों की आबादी करीब 18 हजार है। यहां से बड़ी संख्या में वाहनों की आवाजाही होती है। वाहन चालकों को आनेजाने में फिसलने का डर बना रहता है। सिरोल्या निवासी मुकेश बंदावाला ने बताया कि यह सड़क जल्द ही बनना चाहिए। सड़क के दोनों ओर खेत लगे हुए हैं। बारिश के दिनों में किसानों को खेत तक पहुंचने में कठिनाई होती है। खेत तक ट्रैक्टर व अन्य वाहन नहीं जा पाते। इस ओर ध्यान देना चाहिए।

होती हैं दुर्घटनाएं-

सिरोल्या से सुतारखेड़ा तक छह किमी की सड़क गड्ढों में तब्दील हो चुुकी है। सड़क की साइड भी उखड़ रही है। यहां से बड़ी संख्या में भारी वाहन भी गुजरते हैं, जिस कारण सड़क पूरी तरह से जर्जर हो रही है। गति अवरोधक नहीं होने से वाहन तेज गति से गुजरते हैं। ऐसे में दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं। ग्रामीण रामअवतार चौधरी ने बताया कि सड़क पर नए सिरे से डामरीकरण किया जाना चाहिए। बारिश को देखते हुए गड्ढों पर भराव होना चाहिए। गड्ढों में पानी भरा होने से कीचड़ भी हो जाता है।

पैदल चलना भी मुश्किल-

सिरोल्या बायपास से बरोठा रोड तक तीन किमी का कच्चा मार्ग है। यह मार्ग पूरी तरह से कीचड़ में तब्दील हो गया है। जिन किसानों के खेत यहां पर है, उन्हें पैदल ही अपने खेत पर जाना पड़ता है। कई बार ट्रैक्टर भी कीचड़ में फंस जाते हैं।

किसानों को अपने वाहन दूर रखकर यहां पैदल होकर जाना पड़ता है। कई बार ट्रैक्टर भी फंस चुके हैं। किसान ईश्वर चौधरी ने बताया कि अधिक बारिश होने पर यहां पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। हमें खेत पर घूमकर जाना पड़ता है। इस ओर ध्यान दिया जाना चाहिए।

सिरोल्या क्षेत्र की सड़कों की स्थिति निश्चित तौर पर खराब है। सिरोल्या से टिगरिया गोगा मार्ग का बारिश बाद डामरीकरण होगा। सिरोल्या-हापाखेड़ा के दो मार्ग है, एक पर डामरीकरण हो चुुका है और दूसरा भी जल्द बनेगा। सिरोल्या-बांगरदा, सुतारखेड़ा, धामंदा के मार्गों की मैंने विशेष स्वीकृति कर दी है। बारिश के मद्देनजर मार्गों पर पंचायत द्वारा सुदूर सड़क के तहत मुरम डलवाएगी।

- मनोज चौधरी, क्षेत्रीय विधायक

Posted By: Nai Dunia News Network

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