जासं, पिथौरागढ़/धारचूला : बीते माह की बारिश से बंद चीन सीमा को जोड़ने वाले मार्ग अभी भी बंद है। तीनों उच्च हिमालयी घाटियों सहित चौदास घाटी का सम्पर्क 14वें दिन भी भंग रहा। उच्च हिमालय में हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कार्य जारी है। शुक्रवार को 44 लोगों का रेस्क्यू किया गया।
बीते माह की 19 जून को भारी बारिश से चीन सीमा को जोड़ने वाले तवाघाट-गर्बाधार-लिपुलेख मार्ग, तवाघाट-सोबला-तिदांग मार्ग, तवाघाट-नारायण आश्रम मार्ग, दरकोट-धापा-मिलम मार्ग बंद हैं। इन मार्गो के बंद होने से पांच दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क कटा हुआ है। लोग अभी भी उच्च हिमालयी गांवों में फंसे हैं। इसके अलावा सीमांत के संपर्क मार्ग भी बंद है। जिले में अभी भी दस मार्ग यातायात के लिए बंद हैं। विभागों द्वारा मार्ग नहीं खोलने जाने से मायूस ग्रामीणों ने कुछ मार्गों से स्वयं मलबा हटाने का कार्य प्रारंभ किया है।
मार्ग बंद होने से अलग-थलग पड़े गांवों में अभाव की स्थिति बनी है। उच्च हिमालय में हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू चलाया जा रहा है। खाद्यान्न पैकेट भी पहुंचाए जा रहे हैं। उच्च मध्य हिमालय के अलग-थलग पड़े गांवों की स्थिति खराब है। ग्रामीण जान की बाजी लगा कर क्षतिग्रस्त मार्गों से कई किमी पैदल चलने को मजबूर हैं। नदी, नालों में पुल, पुलिया बहने से डंडे डाल कर आवाजाही हो रही है। वही मुनस्यारी के रालम मार्ग पर लिंगुरानी नदी में बहे पुलों के स्थान पर अस्थाई पुल बनने के बाद फंसे ग्रामीण निकल सके हैं। अभी भी रालम में ग्रामीण फंसे हैं। ग्रामीणों ने रालम के लिए भी हेलीकॉप्टर सेवा की मांग की है। बुजुर्ग, बच्चे और महिलाओं के लिए परेशानी पैदा हो रही है।
शुक्रवार को धारचूला से हेलीकॉप्टर से 44 लोगों का रेस्क्यू किया गया। हेलीकॉप्टर से दारमा, व्यास और चौदास घाटी से लोगों को धारचूला लाया गया। एडीएम एफआर चौहान और एसडीएम एके शुक्ला के निर्देशन में रेस्क्यू कार्य चल रहा है।
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एक पखवाड़े बाद भी नहीं खुले चीन सीमा को जोड़ने वाले मार्ग - दैनिक जागरण
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