लखीमपुर : पलिया से दुधवा होकर गौरीफंटा जाने वाले मार्ग पर जंगली हाथियों ने करीब आधा घंटे तक कब्जा जमाए रखा। राहगीरों के शोर मचाने के बाद हाथी सड़क से टस से मस हुए तब जाकर आवागमन सुचारू हो सका।
गौरीफंटा मार्ग पर दुधवा के पास गुरुवार की शाम को जंगल से निकले हाथियों के झुंड ने कब्जा जमा लिया। हाथी सड़क व उसके किनारे काफी देर तक मदमस्त होकर टहलते रहे। हाथी काफी चिघ्घाड़ भी रहे थे। हाथियों के सड़क पर आ जाने से यातायात रुक गया। कुछ लोगों ने हिम्मत जुटाकर आगे बढ़ने का प्रयास किया तो हाथियों ने उन्हे दौड़ा लिया। जिससे उनकी हिम्मत जवाब दे गई। सड़क पर दोनों तरफ यात्री हाथियों के हटने का इंतजार करने लगे। करीब आधा घंटे तक हाथी नहीं हटे तो राहगीरों ने मिलकर सामूहिक रूप से शोर मचाना शुरू किया जिसके बाद हाथी जंगल में चले गए। हाथियों के जाने के बाद मार्ग पर आवागमन शुरू हो सका। इस बीच दोनों तरफ काफी लोग जमा हो गए थे। पार्क के उपनिदेशक मनोज सोनकर ने बताया कि जंगल में हाथियों का सड़क पर आ जाना सामान्य बात है लेकिन, उस दौरान लोगों को सतर्क रहना चाहिए और उनसे छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए नहीं तो वे नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे समय में थोड़ा धैर्य रखकर शांति से इंतजार कर लें हाथी कुछ देर बाद आप की उपस्थिति का भान होने के बाद स्वत: जंगल में चले जाते हैं। दुधवा-चंदनचौकी मार्ग पर दिन में तीन बार दिखा बाघ दुधवा-चंदनचौकी मार्ग पर अभी भी बाघ की चहलकदमी जारी है। शुक्रवार को तीन घंटे के अंतराल में बाघ तीन बार राहगीरों को दिखाई दिया। शुक्रवार को दोपहर में बाइक से जा रहे ग्राम बुद्धापुर के रामप्रसाद और गुड्डू को सूरमा मार्ग से आगे कुछ दूरी पर बाघ सड़क पार करते दिखाई पड़ा। बाघ पर नजर पड़ते ही वे अपने को सुरक्षित रखते हुए तुरंत बाइक रोककर खड़े हो गए। इसके करीब दो घंटा पूर्व दस बजे चंदनचौकी के रत्तीराम पलिया से वापस आ रहा था। उसने भी बाघ देखने का दावा किया है। उसका कहना है, सड़क किनारे उगी झाड़ियों में बाघ जाते दिखा। वह बाइक तेज भगाते हुए भाग निकला। इधर रामप्रसाद ने बताया जब बाघ को देखा तो रुककर और लोगों का इंतजार करने लगे। कुछ ही देर में सात से आठ और बाइक वाले आ गए। हम लोग अभी आगे बढ़ने की सोच ही रहे थे तभी बाघ फिर से झाड़ियों से निकलकर सड़क पार गया। दोबारा बाघ देखकर लोगों की हिम्मत जवाब दे गई। पलिया जाने का इरादा छोड़कर वापस हो लिए।
------------------ झाड़ियां कट जाएं तो सुरक्षित रहेंगे राहगीर
एक पखवाड़े से बाघ का लगातार दिखना और हमलावर होना घातक सिद्ध हो सकता है। ऐसे में सड़क किनारे उगी बड़ी बड़ी झाड़ियां और घास-फूस बाघ के छिपने सहायक सिद्ध हो रही है। वन विभाग इन झाड़ियों को कटवा दे तो काफी हद तक राहगीर सुरक्षित महसूस करेगे। खासकर बाइक सवार।
इस बाबत रेंजर दुधवा सोबरनलाल ने बताया कि सड़क किनारे जहां- जहां पर झाड़ियां बड़ी हो चुकी हैं उनकी कटाई पर अधिकारियों से बात करके शीघ्र कुछ उपाय किया जाएगा।
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पलिया-गौरीफंटा मार्ग पर हाथियों ने जमाया कब्जा - दैनिक जागरण
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