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सिकरारा-बरईपार मार्ग अब डॉ. लालजी सिंह के नाम से जानी जाएगी । पीडब्ल्यूडी ने पिछले महीने प्रस्ताव भेजा था जो मंजूर कर लिया गया है। जल्द ही इस मार्ग पर डॉ लालजी के नाम का बोर्ड लगा दिया जाएगा। साथ ही पांच करोड़ की लागत से इस मार्ग का चौड़ीकरण भी शीघ्र शुरू किया जाएगा।
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प्रदेश सरकार ने पिछले महीने में लोक निर्माण विभाग ने इलाके की सड़कों का नामकरण चिकित्सा, शिक्षा, साहित्य आदि के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालो शख्सियतों के नाम पर करने का प्रस्ताव मांगा था। पीडब्ल्यूडी ने सिकरारा -बराईपार मार्ग का नामकरण ख्यातिलब्ध वैज्ञानिक एवं बीएचयू के कुलपति रहे स्व. डॉ लालजी सिंह के नाम से किए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। पीडब्लूडी के प्रस्ताव पर शासन ने मुहर लगा दी है। इसके अलावा सिकरारा से बरईपार तक 13 किलोमीटर सड़क को साढ़े पांच मीटर चौड़ा बनाया जाएगा। डॉ लालजी सिंह मार्ग के चौड़ीकरण के लिए शासन ने पांच करोड़ का बजट भी मंजूर कर लिया है। जल्द ही सड़क के चौड़ीकरण का भी काम शुरू किया जाएगा।
डीएनए फिंगर प्रिंट के जनक थे डॉ लालजी सिंह
जौनपुर। जिले के सिकरारा विकास खंड के कलवारी गांव के मूल निवासी डॉ लालजी सिंह कोशिकीय एवं आणविक जीवज्ञिान केंद्र (सीसीएमबी) के भूतपूर्व निदेशक थे। बाद में वह बीएचयू के कुलपति भी रहे। वह देश के नामी जीवविज्ञानी थे। लिंग निर्धारण का अणविक आधार, डीएनए फिंगर प्रिंटिंग, वन्य जीव संरक्षण, रेशम कीट, जीनोम विश्लेषण, मानव जीनोम के क्षेत्र में उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किए हैं। कलवारी गांव में उन्होंने जीनोम फाउंडेेशन की स्थापना की है। पांच जुलाई 1947 को जन्मे डॉ लालजी सिंह ने 10 दिसंबर 2017 को अंतिम सांस ली थी।
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सिकरारा बरईपार मार्ग का नामकणर डॉ लालजी सिंह के नाम से करने का प्रस्ताव शासन ने मंजूर कर लिया है। अब जल्द ही सड़क पर डॉ लालजी मार्ग का बोर्ड लगाया जाएगा। साथ ही पांच करोड़ की लागत से इस सड़क को साढ़े पांच मीटर चौड़ा बनाया जाएगा।
-जैनूराम एक्सईएन पीडब्लूडी निर्माण खंड दो
प्रदेश सरकार ने पिछले महीने में लोक निर्माण विभाग ने इलाके की सड़कों का नामकरण चिकित्सा, शिक्षा, साहित्य आदि के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालो शख्सियतों के नाम पर करने का प्रस्ताव मांगा था। पीडब्ल्यूडी ने सिकरारा -बराईपार मार्ग का नामकरण ख्यातिलब्ध वैज्ञानिक एवं बीएचयू के कुलपति रहे स्व. डॉ लालजी सिंह के नाम से किए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। पीडब्लूडी के प्रस्ताव पर शासन ने मुहर लगा दी है। इसके अलावा सिकरारा से बरईपार तक 13 किलोमीटर सड़क को साढ़े पांच मीटर चौड़ा बनाया जाएगा। डॉ लालजी सिंह मार्ग के चौड़ीकरण के लिए शासन ने पांच करोड़ का बजट भी मंजूर कर लिया है। जल्द ही सड़क के चौड़ीकरण का भी काम शुरू किया जाएगा।
डीएनए फिंगर प्रिंट के जनक थे डॉ लालजी सिंह
जौनपुर। जिले के सिकरारा विकास खंड के कलवारी गांव के मूल निवासी डॉ लालजी सिंह कोशिकीय एवं आणविक जीवज्ञिान केंद्र (सीसीएमबी) के भूतपूर्व निदेशक थे। बाद में वह बीएचयू के कुलपति भी रहे। वह देश के नामी जीवविज्ञानी थे। लिंग निर्धारण का अणविक आधार, डीएनए फिंगर प्रिंटिंग, वन्य जीव संरक्षण, रेशम कीट, जीनोम विश्लेषण, मानव जीनोम के क्षेत्र में उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किए हैं। कलवारी गांव में उन्होंने जीनोम फाउंडेेशन की स्थापना की है। पांच जुलाई 1947 को जन्मे डॉ लालजी सिंह ने 10 दिसंबर 2017 को अंतिम सांस ली थी।
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सिकरारा बरईपार मार्ग का नामकणर डॉ लालजी सिंह के नाम से करने का प्रस्ताव शासन ने मंजूर कर लिया है। अब जल्द ही सड़क पर डॉ लालजी मार्ग का बोर्ड लगाया जाएगा। साथ ही पांच करोड़ की लागत से इस सड़क को साढ़े पांच मीटर चौड़ा बनाया जाएगा।
-जैनूराम एक्सईएन पीडब्लूडी निर्माण खंड दो
सिकरारा-बरईपार नहीं डॉ लालजी सिंह मार्ग बोलिए - अमर उजाला
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