जासं, पिथौरागढ़ : विगत 67 दिनों से बंद चीन सीमा को जोड़ने वाले तवाघाट-सोबला-तिदांग मार्ग के इस माह के अंत तक छोटे वाहनों के खुलने के आसार नजर आ रहे हैं। जिलाधिकारी के सख्त रवैया अपनाते ही केंद्रीय लोनिवि व बीआरओ सक्रिय हुए हैं। मार्ग बंद होने के बाद सीपीडब्ल्यूडी की टीम ने दारमा मार्ग का निरीक्षण किया।
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण दारमा मार्ग बीते 67 दिनों से बंद है। मार्ग के बंद होने से दारमा और चौंदास घाटी के तीन दर्जन गांव प्रभावित हैं। यहां ध्वस्त हुए मार्ग में पैदल सफर के दौरान पहाड़ से गिरे पत्थर की चपेट में आने से एक युवक की मौत तक हो चुकी है। आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। प्रभावित क्षेत्र के गांवों में खाद्यान्न से लेकर आवश्यक वस्तुओं का अभाव बना है। इसके बाद भी विभाग मार्ग खोलने के लिए तत्परता नहीं दिखा रहे थे।
बीते दिनों जिलाधिकारी आशीष चौहान ने सड़क से संबंधित विभागों की बैठक लेते हुए केंद्रीय लोनिवि और बीआरओ को 31 अगस्त तक मार्ग खोलने को कहा। उच्च हिमालय में लोडर मशीन आदि के लिए खच्चरों के माध्यम से तेल पहुंचाने को कहा। एक टीम को उच्च हिमालय जाकर सर्वे करने को कहा। सख्त निर्देश के बाद कुछ सकारात्मक पहल नजर आ रही है। हरकत में आए केंद्रीय लोनिवि ने नागलिंग में स्थानीय ठेकेदार को डोजर मशीन से मार्ग खोलने के निर्देश दिए हैं।
इससे पूर्व में भी बीते माह उच्च हिमालय में ठेकेदार आमोद नगन्याल द्वारा 22 किमी सड़क खुलवाई थी। अब नागलिंग से सोबला और सोबला ने तवाघाट के बीच मार्ग बंद है। ठेकेदार नागलिंग से नीचे की ओर मार्ग खोल रहा है और सीपीडब्ल्युडी वुर्थिग नागलिंग की तरफ मार्ग खुलवा रहा है। ठेकेदार ने बताया कि यदि मौसम ने साथ दिया तो एक सप्ताह के भीतर मार्ग पैदल चलने योग्य हो जाएगा। ठेकेदार ने नागलिंग से नीचे पांच सौ मीटर मार्ग खोल दिया है और विभाग वुर्थिग से लगभग चार सौ मीटर मार्ग खोल चुका है। वुर्थिग से नागलिंग के बीच मार्ग पूरी तरह ध्वस्त है।
Edited By: Jagran
दो माह से बंद दारमा मार्ग के जल्द खुलने के आसार - दैनिक जागरण
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