सार
प्रयागराज एनएच खंड इस परियोजना पर काम कर रहा है। एनएच के अधिकारियों के मुताबिक प्रतापगढ़ से लेकर चित्रकूट तक यह परियोजना को चार चरणों में पूरा कराना है। पहले और दूसरे चरण के कार्य के लिए डीपीआर को राजमार्ग मंत्रालय को भेज दिया गया है।राम वन गमन पथ - फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
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राम वनगमन मार्ग के निर्माण के लिए प्रयागराज मंडल के चारों जिलों के साथ चित्रकूट में भी भूमि अधिग्रहण की प्रकिय्रा शुरू हो जाएगी। इसके लिए शासन की ओर से कवायद चल रही है। प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिले में इसी हफ्ते में भूमि अधिग्रहण के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर दी जाएगी।प्रयागराज एनएच खंड इस परियोजना पर काम कर रहा है। एनएच के अधिकारियों के मुताबिक प्रतापगढ़ से लेकर चित्रकूट तक यह परियोजना को चार चरणों में पूरा कराना है। पहले और दूसरे चरण के कार्य के लिए डीपीआर को राजमार्ग मंत्रालय को भेज दिया गया है। पहले चरण में मोहनगंज से लेकर भूपियामऊ के औतारपुर तक कुल 33 किलोमीटर तक दो लेन का मार्ग बनाया जाना है। जबकि दूसरे चरण में औतारपुर से श्रृंगवेरपुर होते हुए कौशांबी के मूरतगंज के रोही गांव तक फोरलेन और तीसरे चरण में रोही गांव से महेवाघाट होते हुए रामपुर तक फोर लेन का मार्ग बनाया जाना है।
तीसरे चरण में कुल 45 किलोमीटर राम वनगमन मार्ग तैयार होगा। तीसरे चरण में कौशांबी, फतेहपुर और चित्रकूट तीन जिलों को जोड़ा जाएगा। यानी इस परियोजना में प्रतापगढ़ से लेकर चित्रकूट तक 57 किलोमीटर दो लेन और 78 किलोमीटर फोर लेन मार्ग बनाया जाएगा। परियोजना के तीसरे चरण का डीपीआर तैयार हो रहा है जबकि चौथे चरण के लिए एलाइंटमेंट पर काम किया जा रहा है। इन चारों चरणों में कुल 132 किलोमीटर का मार्ग तैयार होना है, जो तीन राष्ट्रीय राजमार्गों 28, 96 और 731 से जुड़ेगा।
एनएच खंड के अधिकारियों के मुताबिक प्रतापगढ़ और प्रयागराज में होने वाले कार्य के लिए डीपीआर जा चुका है। इस वजह से इन दोनों जिलों में जल्दी ही भूमि अधिग्रहण के लिए नोडिल अधिकारियों की नियुक्ति कर दी जाएगी। संभावना है कि एडीएम स्तर के अफसर को यह काम सौंपा जाएगा। उसके बाद तीसरे और चौथे चरण के डीपीआर की संस्तुति होने के बाद कौशांबी, फतेहपुर और चित्रकूट में भी अधिग्रहण का काम शुरू होगा।
राम वनगमन मार्ग के लिए जल्दी ही शुरू होगा भूमि अधिग्रहण - अमर उजाला
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