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Sunday, September 12, 2021

2002 में बन रहा मार्ग आज भी अधूरा - दैनिक जागरण

संजीव ठाकुर, भरवाई

देश सीमा पर दुश्मन के दांत खट्टे करते हुए बलिदान को प्राप्त कैप्टन अमोल कालिया को वैसे तो सरकार ने वीर चक्र से नवाजा है, लेकिन उनके नाम से जुड़े स्थानों पर अनदेखी किसी से छिपी नहीं है। इन्हीं में से एक बड़ी समस्या चितपूर्णी क्षेत्र की डूहल भटवालां पंचायत का शहीद कैप्टन अमोल कालिया अमोककलां, रैड़ा पैड़ा, किन्नू संपर्क मार्ग भी है। नौ किलोमीटर लंबे मार्ग की हालत खस्ता हो चुकी है। स्थानीय लोगों की माने तो यह मार्ग लोक निर्माण विभाग के अधीन है।

मार्ग को विभाग 2002 से बनाने के लिए जद्दोजहद कर रहा है, लेकिन अभी तक यह मार्ग बन नही पाया है। नौ किलोमीटर लंबे मार्ग का सीधा लाभ चार गांवों को मिलता है, जिसमें रैड़ा, पैड़ा व चुटैल आदि गांव शामिल हैं। स्थानीय निवासी चंचला देवी, रविद्र सिंह, अभिषेक, ज्ञान सिंह, अंकित कुमार व बलबीर सिंह ने बताया की करीब 100 लोग इस मार्ग से सीधे जुड़े हुए हैं। 40 से 50 घरों का इस मार्ग से सीधा संपर्क है, लेकिन करीब 15 साल से ज्यादा का समय होने के बाद भी अभी तक यह रोड पक्का नहीं हुआ है। बरसात में इसकी हालत और भी दयनीय हो जाती है। लोगों ने जल्द से जल्द मार्ग की हालत सुधारने की मांग की है। मार्ग की हालत बहुत खस्ता है। लोग दो माह बरसात में राशन डिपो किन्नू में राशन लेने नहीं जा पाते हैं। खस्ताहालत मार्ग पर पैदल चलना भी मुश्किल है। लोक निर्माण विभाग को इस मार्ग को जल्द पक्का करवाना चाहिए।

-कुशाल सिंह। बरसात के मौसम में यह मार्ग खराब हो गया है। गांववासियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोक निर्माण विभाग की ओर से इसे अभी तक पक्का नहीं किया गया है। गांव के बच्चों व बुजुर्गो का तो पैदल चलना भी खतरे से खाली नहीं है।

-अजय कुमार। इस मार्ग पर वाहन तो दूर पैदल चलना भी खतरे से खाली नहीं है। बारिश से तो यह मार्ग और ज्यादा खराब हो गया है। प्रशासन को इस और ध्यान देना चाहिए।

-सुदेश कुमारी

यह मार्ग 2002 के बाद बनना शुरू हुआ था। कुछ किलोमीटर पक्का हुआ भी था, लेकिन इस नौ किलोमीटर लंबे मार्ग की हालत अब खस्ता हो गई है। जो कुछ भाग पक्का हुआ था वो भी अब टूट चुका है। सड़क अब खड्ड की तरह ही बन गई है। विभाग को इस मार्ग को जल्द पक्का करना चाहिए।

-रक्षा देवी। मार्ग की खस्ता हालत की वजह से यहां के स्थानीय लोगों को बहुत दिक्कत होती है। खासतौर से बरसात के मौसम में यह मार्ग ज्यादा खराब हो जाता है। इस बारे विभाग को कई बार अवगत करवाया गया है।

-राजेश शर्मा, स्थानीय प्रधान । मामला ध्यान में है। मार्ग की डीपीआर सेक्शन होने के लिए नाबार्ड में भेजी गई है। जैसे ही स्वीकृति मिलती है तो टेंडर प्रक्रिया शुरू कर मार्ग को पक्का करने का काम शुरू कर दिया जाएगा। मार्ग की मरम्मत में करीब सात करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके लिए डीसी ऊना से भी मदद की गुहार लगाई गई है कि अगर मंदिर ट्रस्ट से पैसा मिल जाए तो यह मार्ग जल्द बन सकता है।

- नितिन चौधरी, सहायक अभियंता, लोक निर्माण विभाग भरवाईं।

Edited By: Jagran

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