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Saturday, September 11, 2021

पोंडी-मटिया मार्ग जर्जर, राहगीरों का चलना हो रहा दूभर - Nai Dunia

Publish Date: | Sun, 12 Sep 2021 06:15 AM (IST)

बालोद (नईदुनिया न्यूज)। जिला मुख्यालय बालोद से 10 किमी दूर पोंडी मटिया मार्ग जर्जर हो गया है। मार्ग में जगह जगह पर गड्ढे हो चुके हं,ै जिसमें बरसात का पानी भराव होने से ग्रामीणों का चलना दूभर हो गया है। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीण पक्की सड़क की मांग को लेकर जिला मुख्यालय का चक्कर काट रहे हैं। किंतु आज तक जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान नहीं दिया गया और न ही विभाग द्वारा।

ग्रामीण इंद्रजीत गोस्वामी, सुदामा साहू, मुरली साहू, शंकर ठाकुर, ढेलू चुरेंद्र, राजू कोलियार, रोहित इस्दा ने कहा कि पोंडी मटिया मार्ग को पक्की सड़क बनाने की मांग को लेकर कई बार जनप्रतिनिधियों व विभाग में शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इस जर्जर सड़क से रोज बड़ी संख्या में ग्रामीण जिला मुख्यालय बालोद आना-जाना करते हैं। वहीं, स्कूली छात्र-छात्राएं इसी रास्ते से जिला मुख्यालय स्थित स्कूल कालेज आना-जाना करते हैं। सड़क खराब होने से उनकों दिक्कतों का सामना करना होता है। वहीं, राहगीरों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। जिसको लेकर ग्रामीणों में विभाग के प्रति आक्रोश पनपने लगा है।

उखड़ गई हैं गिट्टियां

मुख्य मार्ग पड़कीभाट से लगभग तीन-चार किलोमीटर कि यह सड़क कि स्थिति ऐसी है कि गिट्टियां उखड़ गई है। ग्रामीणों ने बताया कि सड़क का डामरीकरण लोक निर्माण विभाग ने किया था। इसके कुछ साल बाद डामर उखड़ना शुरू हो गया। वर्तमान स्थिति में डामर की जगह गिट्टियां व बोल्डर नजर आ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी दोपहिया वाहन व सायकल चालकों को हो रही है। बारिश का पानी गड्ढे में भर जाने से और भी ज्यादा दिक्कत हो रही है। वहीं, इस मार्ग से लोंडी, पोंडी, मटिया, भेंगारी, पसौद व हल्दी के ग्रामीण इस मार्ग से प्रतिदिन आवागमन करते हैं। बारिश के चलते ज्यादा परेशानी उठानी पड़ती है।

मरम्मत करनी चाहिएः पार्थ

पार्थ साहू ने कहा कि पानी गिरने के बाद यह मार्ग चलने लायक नहीं रहता है। जिला मुख्यालय बालोद जाने का एक ही मार्ग होने के कारण इसमें चलना मजबूरी है। विभाग को कम से कम इसके अस्थायी मरम्मत की ओर ध्यान देना चाहिए, ताकि हम ग्रामीणों सहित अन्य सभी राहगीरों को राहत मिल सके।

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सिर्फ झूठा आश्वासनः अजय

अजय साहू ने कहा कि जर्जर सड़क में आए दिन दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। कई बार इस सड़क के सुधार के लिए मांग की जा चुकी है, लेकिन कोई अधिकारी ध्यान नहीं देते हैं। जब-जब गांव में ग्राम स्वराज अभियान या अन्य कोई शिविर का आयोजन हुआ है। हम जर्जर सड़क का मुद्दा उठाए हैं, लेकिन आज तक सिर्फ झूठा आश्वासन मिला है।

नहीं दे रहे ध्यानः पवन

पवन साहू ने कहा कि जिला बनने के बाद यह लगा कि ग्रामीणों को जर्जर सड़क से मुक्ति मिल जाएगी। इस आस में कई बार कलेक्ट्रेट आफिस में भी फरियाद लेकर गए थे कि सड़क का फिर से डामरीकरण करवा दिया जाए। लेकिन विभाग की चुप्पी समझ के परे है। ऐसा लगता है कि विभाग किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है।

अफसर भी नहीं देते ध्यानः संसार

संसार मिश्रा ने कहा कि जिला प्रशासन से एक उम्मीद लेकर जाते हैं कि उनकी समस्या का हल निकल जाएगा, लेकिन कई बार आवेदन के बाद भी सड़क बदहाल है। आखिर इस सड़क की दशा में कब सुधार आएगा। इस इंतजार में कई वर्ष गुजर गए। सड़क का हाल क्या है ये देखने के लिए अफसर भी नहीं आते हैं।

Posted By: Nai Dunia News Network

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