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जमथरी मार्ग पर हुए गड्ढे, मरम्मत की मांग - Hindustan हिंदी
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गढ़खेत जिंतोली मोटर मार्ग के खस्ता हाल - फोटो : GARUD
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15 : मुसाफिरखाना : कादूनाला-थौरी संपर्क मार्ग पर रखे बालू के बीच से गुजरते राहगीर। -संवाद - फोटो : AMETHI
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मेरठ, जेएनएन। सरूरपुर में करनावल लिक मार्ग का करोड़ों की लागत से चौड़ीकरण के साथ सुदृढ़ीकरण का कार्य कराया जा रहा है, लेकिन गति धीरे होने से कार्य अधर में लटका है। वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि ठेकेदार ने निर्माण कार्य के शुरू होने के साथ समाप्ति की तिथि का भी बोर्ड लगा दिया है।
ग्रामीण संजीव कुमार, अमित, प्रमोद, विनोद, संजय, कृष्णपाल सिंह आदि ने बताया कि सड़क के निर्माण में छह माह का समय दिया गया था। जिसके चलते अभी तक सड़क पर मिट्टी डालने का कार्य भी पूरा नहीं हो सका है। अब केवल पांच सप्ताह रह गए है। वहीं, उक्त मार्ग के मध्य में रजवाहा पर पुल का निर्माण और विद्युत पोल हटाने के कार्य अधर में लटका है। ग्रामीणों ने बताया कि करीब एक माह बाद शुगर मिल चालू होने पर उक्त मार्ग पर किसान गन्ना लदी ट्रैक्टर-ट्राली लेकर चलेंगे। जिससे उन्हें परेशानी होगी। पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन देवपाल सिंह ने बताया कि मार्ग पर कार्य को गति देने के लिए ठेकेदार को निर्देश दे रखे हैं। एक माह में कार्य पूरा कराने का प्रयास जारी रहेगा। यह मार्ग पर करीब ढाई किमी. का चौड़ीकरण होना है।
ग्रामीणों को मिलेगी राहत..आसान होगा आवागमन
करनावल लिक मार्ग का करोड़ों की लागत से चौड़ीकरण के साथ सुदृढ़ीकरण का कार्य संपन्न होने से ग्रामीणों को न केवल राहत मिलेगी, बल्कि आवागमन आसान हो जाएगा। ग्रामीण पिछले एक अर्से से उक्त मार्ग के चौड़ीकरण की मांग कर रहे थे। ग्रामीणों ने बताया कि अब एक माह के बाद शुगर मिल चालू होने पर उक्त मार्ग पर किसान गन्ना लदी ट्रैक्टर-ट्राली लेकर चलेंगे। यदि कार्य समय रहते संपन्न हो जाता है, तो उन्हें राहत मिलेगी।
Edited By: Jagran
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कांगड़ा। बुधवार देर रात भारी बरसात से धर्मशाला-शिमला राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर कांगड़ा बाइपास के निकट पहाड़ दरकने से मार्ग पूरी तरह से बंद हो चुका है। भूस्खलन के चलते कांगड़ा से दिल्ली, शिमला व जालंधर की ओर जाने के लिए मार्ग अवरुद्ध हो गया है। इसी के साथ दूसरे राज्यों से आने वाली दूध ब्रेड व अन्य दैनिक उपभोग की वस्तुओं को लेकर आने वाली गाडिय़ां भी कांगड़ा नहीं पहुंच पाईं। हालांकि प्रात: के समय बारिश कम होने के साथ ही लोक निर्माण विभाग की मदद से राष्ट्रीय उच्च मार्ग विभाग द्वारा इस मार्ग को तुरंत बहाल करने के लिए दो जेसीबी सड़क पर गिरे मलबे को हटाने के लिए लगा दी गई हैं।
कांगड़ा से पंकज ओबराय
गोरखपुर, जागरण संवाददाता : गोरखपुर-महराजगंज-निचलौल मार्ग यानी राज्य मार्ग संख्या 81 के निर्माण की धीमी प्रगति पर मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी ने नाराजगी जताई है। मंडलायुक्त ने जल निगम, बिजली निगम, नगर निगम,पीडब्लयूडी, निर्माण करने वाली फर्म के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर इस मार्ग के निर्माण में आ रहे सभी गतिरोधों को 15 दिन के भीतर दूर करते हुए निर्माण कार्य तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया है। निर्माण कार्य कर रही फर्म को निर्धारित समय में काम पूरा करना होगा, ऐसा न करने पर कार्रवाई होगी।
असुरन चौराहे का होना है विस्तारीकरण
इस मार्ग के निर्माण के साथ ही असुरन चौराहे का विस्तारीकरण भी होना है। इसमें 60 दुकानें ध्वस्त की जाएंगी। इसमें से 33 रेलवे की जबकि 27 नगर निगम की दुकानें हैं। रेलवे कालोनी की चहारदीवारी के बाहर सड़क की सीमा रेखा के अंदर अवैध रूप से बनी 33 दुकानों को खाली कराने के लिए रेलवे के उच्चाधिकारियों को अवगत कराने का निर्देश मंडलायुक्त ने दिया है। नगर निगम एवं रेलवे की भूमि से सटी भूमि पर चौराहे के विस्तारीकरण में आ रहे सभी दुकानदारों को दुकान खाली कराने के लिए नोटिस दिया जा चुका है।
जल निगम बंद करेगा 40 वर्ष पुरानी पेयजल पाइप लाइन
मंडलायुक्त ने जल निगम के अधिकारियों को निर्देश दिया कि असुरन-मेडिकल कालेज रोड पर करीब 40 वर्ष पहले डाली गई जर्जर पेयजल पाइप लाइन को बंद करके उसके स्थान पर नई पाइप लाइन को क्रियाशील किया जाए। जिन पांच-छह स्थानों पर लीकेज है, उसे ठीक कराया जाए। पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) के जरिए घर-घर रसोई गैस पहुंचाने की तैयारी में जुटी टोरेंट कंपनी की ओर से किए जा रहे गैस पाइप लाइन कार्य कुछ स्थानों पर अधूरा होने के कारण भी टोरेंट द्वारा डाली जा रही गैस पाइप लाइन का कार्य कतिपय स्थानों पर अपूर्ण रहने के कारण भी सड़क निर्माण में अवरोध उत्पन्न हो रहा है। लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं, कार्यदायी फर्म के प्रतिनिधि, जल निगम के अभियंता एवं टोरेंट गैस के अभियंताओं को निर्देशित दिया गया कि वे एक संयुक्त सर्वे कर अवरोध वाले स्थान को चिह्नित कर लें तथा 10 से 15 दिनों में उसे ठीक करा लें।
बिजली निगम से भी अवरोध
गोरखपुर-महराजगंज मार्ग के निर्माण में बिजली निगम के कारण भी अवरोध पैदा हो रहा है। मंडलायुक्त ने बिजली निगम के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि तीन ट्रांसफार्मर को शिफ्ट कर लिया जाए। डक में 11 केवीए एवं एलटी लाइन का केबल डालने के लिए केबल ट्रे के डिजाइन को शीघ्र उपलब्ध कराया जाए।
मेडिकल कालेज के सामने हटाया जाएगा अतिक्रमण
बीआरडी मेडिकल कालेज के मुख्य प्रवेश द्वार के पास हुए अवैध अतिक्रमण को हटाया जाएगा। मंडलायुक्त ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सदर को निर्देश दिया कि वहां स्थापित दो मंदिरों को भी पीछे ले जाने की व्यवस्था की जाए। मेडिकल कालेज से सटे पोस्टमार्टम हाउस की चहारदीवारी को तत्काल पीछे करते हुए नई चहारदीवारी के निर्माण का निर्देश दिया गया, जिससे सड़क के अधूरे कार्य को पूरा किया जा सके। मेडिकल कालेज से रेडियेंट रिसार्ट तक सड़क के बीच बने डिवाइडर की सफाई एवं उसके सुंदरीकरण का काम जल्द से जल्द कराने का निर्देश दिया गया। फुटपाथ एवं डिवाइडर की नियमित सफाई नगर निगम के सहयोग से कराई जाएगी। मंडलायुक्त ने कहा कि रेलिंग, फुटपाथ एवं स्ट्रीट लाइट का कार्य अत्यंत धीमा है। इसे तेज किया जाए।
जल्द आएगी लेडार सर्वे की रिपोर्ट
नगर निगम के मुख्य अभियंता सुरेश चंद ने मंडलायुक्त को बताया कि महानगर में जल भराव की समस्या के निराकरण के लिए लेडार सर्वे का कार्य पूर्ण हो गया है। शीघ्र ही इसकी रिपोर्ट प्राप्त हो जायेगी। मंडलायुक्त ने निर्देश दिया कि पीडब्ल्यूडी के अभियंता इस सर्वे रिपोर्ट के आधार पर जल निकासी की उचित व्यवस्था कराएं। लेडार सर्वे रिपोर्ट पर नगर निगम, जल निगम, पीडब्ल्यूडी के अभियंता आवश्यक विचार विमर्श कर लें तथा जन प्रतिनिधियों को भी बुलाकर उनके विचार जान लें। जिससे कि भविष्य में जल निकासी की समस्या दोबारा उत्पन्न न होने पाए।
संवाद सहयोगी, रसूलाबाद : क्षेत्र के करीब 50 से अधिक गांवों को जोड़ने वाला बनीपारा-कहिजरी मार्ग कई माह से क्षतिग्रस्त है। इससे लोगों को आवागमन में असुविधा का सामना करना पड़ता है। मार्ग धंसने से सिलिडर लदा ट्रक फंसने से आवागमन बाधित हो गया है। लोगों को 25-30 किमी अतिरिक्त दूरी तय करने को मजबूर होना पड़ रहा है।
बनीपारा कहिजरी करीब 10 किमी लंबे मार्ग से मकरंदपुर कहिजरी, भगवंतपुर, मित्रसेनपुर, कहिजरी, हंसपुर, उसरिया, औझान, भौंथरी, भूरदेव, भीख देव, कपराहट, मल्लाहन पुरवा, पोवा, माल का पुरवा, अपौना, जगम्मन निवादा, बड़ागांव, केशीपुर, सिठउपुरवा, गोपालपुर, सिमरामऊ, विजईपुर, निगोहिया, बड़ापुरवा, छोटापुरवा, जिनई, भौंरा, गुलाबपुर ही नहीं बल्कि आसपास के करीब 50 से अधिक गांवों को जोड़ने वाला मार्ग बदहाल है। बारिश के बाद कई जगह मार्ग कट गया है। गड्ढायुक्त मार्ग पर लोगों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस मार्ग से ही कानपुर व माती मुख्यालय जाने वाले लोगों का आवागमन होता है। क्षतिग्रस्त मार्ग पर सिलिडर लदा ट्रक फंसने से आवागमन बाधित हो गया है। लोक निर्माण विभाग के जेई तारिक कमर ने बताया कि प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत मार्ग आता है। मार्ग निर्माण के लिए एस्टीमेट स्वीकृत हो गया है, जल्द ही निर्माण कराया जाएगा।
Edited By: Jagran
Publish Date: | Wed, 29 Sep 2021 06:49 PM (IST)
सागर (नवदुनिया प्रतिनिधि)।
सागर- दमोह मार्ग पर टोल टैक्स चुकाने के बाद भी वाहन चालक बदहाल मार्ग से गुजर रहे हैं। लोगों का कहना है कि इस मार्ग पर आने-जाने वाले लोगों से टोल टैक्स तो पूरा वसूला जाता है, लेकिन टैक्स लेने वाली कंपनी सड़क मरम्मत पर ध्यान नहीं दे रही है। सड़क की मरम्मत भी कराई गई लेकिन यह बरसात में फिर से खराब हो गई। सागर से दमोह के बीच ही कई जगह सड़क गड्ढे हैं।
मरम्मत के चंद महीने बाद उभर आए गड्ढे
सागर-गढ़ाकोटा मार्ग के बीच साजली गांव के लोगों का कहना है कि उनका गांव मोड़ पर पड़ता है। मोड़ पर गड्ढे होने की वजह से हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है, इसीलिए गांव वाले ही इन गड्ढों को भर देते हैं। हालांकि वैकल्पिक रूप से की जाने वाली यह व्यवस्था कुछ दिन में बदहाल हो जाती है। लोगों के मुताबिक एमपीआरडीसी ने भी यह गड्ढे बरसात के पहले भरावाए थे, जो फिर उभर आए हैं। इस मार्ग पर परसोरिया से चनौआ व चनौआ से गढ़ाकोटा की बीच कई जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। सड़क पर प्रतिदिन ट्रैफिक दबाव के चलते कई जगह सड़कों में दरार भी उभरने लगी हैं। इससे वाहन के असुंतलित होने का डर बना रहता है।
कई जगह संकेतक ही नहीं
सागर से गढ़ाकोटा मार्ग पर कई जगह मोड पड़ते हैं, लेकिन यहां पर लगे संकेतक क्षतिग्रस्त हो गए हैं। लोगों के मुताबिक गढ़ाकोटा नगर की सीमा व टेड़िया हनुमान मंदिर के सामने ही दिशा सूचक व संकेतकों को बेहतर ढंग से लगा देखा जा सकता है। उसके बाद चनौआ के आगे मोड़ पर, परसोरिया के आगे मोड़ पर दिशा सूचक व संकेतक की अनेदखी की गई हैं। यहां हादसे की आशंका बनी रहती है।
पुलिया की रैलिंग की नहीं हुई मरम्मत
सानौधा की नदी सहित नयाखेड़ा के आगे रेलवे ब्रिज पर लगी रैलिंग भी क्षतिग्रस्त है। लोगों का कहना है कि यह रैलिंग पहले हुए हादसों में क्षतिग्रस्त हुई है, उसके बाद से इसी तरह पड़ी हैं। गिरवर रेलवे स्टेशन के पास बनी पुलिया की हालत तो ऐसे ही कि यहां जरा से लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। पुलिया के दोनों ओर अंतिम छोर पर रैलिंग टूटी है। एक ओर से लोग गिरवर स्टेशन की ओर मुड़ते हैं। वहीं की रैलिंग टूट कर बाजू में पड़ी है। यदि समय रहते इस रैलिंग को पुनः नहीं लगाया गया तो इससे हादसा हो सकता है। इस संबंध में एमपीआरडीसी के एजीएम सुधीर जैन का कहना है कि बारिश की वजह से सड़कों पर गड्ढे हुए हैं। इन गड्ढों को शीघ्र भरवाया जाएगा। इसके लिए स्टीमेट बनाकर भेजेंगे।
सुधीर जैन, एजीएम, एमपीआरडीसी, सागर
Posted By: Nai Dunia News Network
जागरण संवाददाता, हिसार : शहर में लगातार सिवरेज सिस्टम जाम होने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। सड़क पर कभी फव्वारें की तरफ सीवरेज का गंदा पानी आ रहा है तो कभी रात तक सीवरेज लाइन खोलने के लिए मशीनें लगाई जा रही है। लेकिन समाधान के नाम पर सब शून्य है। करीब एक सप्ताह से विधायक आवास मार्ग का सीवरेज सिस्टम जाम होने के कारण महावीर स्टेडियम में पांच फीट से अधिक गंदे पानी का जलभराव है। शहर के पुराने व सुंदर पार्कों में से एक मधुबन पार्क में सीवरेज का गंदा पानी लोगों के लिए परेशानी का सबब तो बना ही हुआ है साथ ही उसकी सुंदरता पर भी ग्रहण लगा रहा है। इन सब स्थिति के बावजूद जनस्वास्थ्य विभाग के अफसर एक सप्ताह में जब इस मार्ग के सीवरेज सिस्टम केा दुरुस्त नहीं कर पाए तो अंदाजा लगा लीजिए शहर का सीवरेज सिस्टम कितना बेहतर होगा।
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शहर का सबसे वीआईपी मार्ग है यह
शहर का सबसे वीआईपी मार्ग में से एक है विधायक आवास का मार्ग। इस आवास पर विधायक, निगम कमिश्नर, आईजी, एडीसी, एसडीएम आवास के आवास तो है ही साथ ही जिंदल ज्ञानकेंद्र से लेकर शहर के चर्च के पादरी का आवास भी इसी मार्ग पर है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय का मुख्य गेट का रास्ता यहीं से है। यानि यह मार्ग वीआईपी मार्ग होने के बावजूद इसका सीवरेज सिस्टम दुरुस्त नहीं हो पा रहा है।
200 खिलाड़ी नहीं कर पा रहे नियमित अभ्यास
जिले के कई खेलों के खिलाड़ी जलभराव के कारण महावीर स्टेडियम में खेल अभ्यास नहीं कर पा रहे है। पांच फीट से ज्यादा जलभराव होने के कारण वहां पर बदबू फैली हुई है। कुछ खिलाड़ी तो सीढ़ियों पर मजबूरी में अभ्यास करने को विवश है जबकि अधिकांश खिलाड़ी बाहर ही खेल अभ्यास कर रहे है। खिलाड़ियों का खेल अभ्यास कई दिनों से लगातार प्रभावित हो रहा है।
मेयर ने बुलाई बैठक
शहर में बिगड़ी सीवरेज व पेयजल सिस्टम की हालत पर संज्ञान लेने के मेयर गौतम सरदाना ने निगम सभागार में मीटिंग बुलाई है। जिसमें जनस्वास्थ्य विभाग के अफसरों को बुलाया गया है। मीटिंग में मेयर गौतम सरदाना अफसरों से शहर की सीवरेज सिस्टम के बारे में जानकारी लेंगे और उसे दुरुस्त करने पर विचार विमर्श किया जाएगा।
---शहर में कई जगह सीवरेज व पेयजल सप्लाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। इन समस्याओं के समाधान के लिए जनस्वास्थ्य विभाग के अफसरों के साथ आज मीटिंग करेंगे। ताकि समस्याओं का समाधान करवाया जा सकें।
- गौतम सरदाना, मेयर, नगर निगम हिसार।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। रामघाट रोड के परिवर्तित नाम में शासन ने संशोधन किया है। कल्याण मार्ग की जगह अब रामघाट-कल्याण मार्ग जाना जाएगा। मंगलवार को एटा में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इसकी घोषणा की। देरशाम शासन से इसका आदेश भी आ गया था। इसी के साथ उन्होंने रामघाट-कल्याण मार्ग को फोरलेन किए जाने की भी घोषणा की है। प्रमुख जिला मार्ग से अब यह मार्ग स्टेट हाईवे में शामिल कर लिया गया। जल्द ही इसपर काम शुरू हो जाएगा। इससे बरेली, मुरादाबाद आदि जिलों को काफी सुविधा होगी।
लोक निर्माण विभाग ने भेजा था प्रस्ताव
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन के बाद से उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अलीगढ़ में एक मार्ग का नाम कल्याण सिंह के नाम से रखने की घोषणा की थी। लोक निर्माण विभाग ने रामघाट रोड का प्रस्ताव बनाकर भेजा था। यह मार्ग क्वार्सी होते हुए पूर्व मुख्यमंत्री के पैतृक गांव मढ़ौली से होकर रामघाट जाता है। इसलिए इस मार्ग को प्रमुखता से प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था। शासन ने इसपर अनुमति भी दे दी थी। इससे रामघाट रोड का नाम कल्याण मार्ग कर दिया गया था, मगर इस पर कुछ लोगों ने नाराजगी जताई थी। उनका कहना था कि रामघाट रोड मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के नाम से जुड़ा है। इसलिए इस मार्ग का नाम प्रभु राम से ही जुड़ा होना चाहिए। इसे संशोधित किया जाए। मंगलवार को एटा आए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने रामघाट रोड का नाम रामघाट-कल्याण मार्ग कर दिया। माना जा रहा है कि उप मुख्यमंत्री ने लोगों की भावना को ध्यान में रखते हुए मार्ग का नाम रामघाट-कल्याण मार्ग रखा है। इससे जिले के लोगों में भी खुशी है। उप मुख्यमंत्री ने इसे प्रमुख जिला मार्ग से स्टेट हाईवे में शामिल कर लिया गया है।
44 किमी लंबा मार्ग है
रामघाट रोड प्रमुख जिला मार्ग (105) के अंतर्गत आता है। क्वार्सी से लेकर रामघाट तक इसकी लंबाई 44 किमी है। क्वार्सी से लेकर हरदुआगंज तक इस मार्ग की चौड़ाई 14 मीटर है। मगर इसके लिए 20 मीटर के करीब चौड़ाई चाहिए। एक पट्टी में 8.75 मीटर चौड़ी चाहिए। इसके बाद डिवाइडर के लिए भी जगह होनी चाहिए। साथ ही फुटपाथ आदि का भी निर्माण होगा। इसलिए क्वार्सी से हरदुआगंज तक सड़क के दोनों ओर एक-एक मीटर जगह ली जा सकती है। हरदुआगंज से रामघाट तक मार्ग सात मीटर ही चौड़ा है। यहां भी 20 मीटर चौड़ी सड़क जी जाएगी। बीच में डिवाडइर निकाला जाएगा।
इन जिलों को मिलेगा लाभ
जिले में शहर के बाहरी क्षेत्र को जोडऩे वाले करीब-करीब सभी मार्ग फोरलेन हो गए हैं, रामघाट रोड और मथुरा रोड ही दो मार्ग रह गए थे। इसमें रामघाट-कल्याण मार्ग के फोरलेन की घोषणा हो गई है। इस मार्ग के फोरलेन होने से मुरादाबाद, बरेली, बदायूं आदि जिलों के लिए यात्रा सुमग हो जाएगी। वहीं, प्रत्येक वर्ष महाशिवरात्रि पर्व पर कांवडिय़ों का सैलाब उमड़ता है, इससे कांवडिय़ों को काफी सुविधा होगी। इससे पहले उन्हें हरदुआगंज से लेकर रामघाट तक काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था।
राम से जुड़ा नाता
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण ङ्क्षसह का प्रभु श्रीराम से नाता सदैव जुड़ा रहा। उनके जाने के बाद भी यह रिश्ता बरकरार है। मार्ग में रामघाट जोडऩे से प्रभु श्रीराम का नाम जुड़ा हुआ है। इससे लोगों में चर्चा है कि बाबूजी का नाम यहां भी प्रमु श्रीराम के साथ जुड़ा हुआ है।
इनका कहना है
रामघाट रोड का नाम रामघाट-कल्याण नाम कर दिया गया है। जल्द ही इसपर पत्थर लगवाया जाएगा। साथ ही फोरलेन का निर्देश भी दिया गया है। प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा। शासन का निर्देश बनते ही काम शुरू करा दिया जाएगा। यह अच्छी बात है कि पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण ङ्क्षसह के नाम से घोषित होने के बाद इसे फोरलेन की भी संतुति मिल गई।
एमएच सिद्दीकी, मुख्य अभियंता पीडब्लयूडी
पब्लिक बोल
बाबूजी के नाम से मार्ग का नाम होने से अतरौली के लोगों में खुशी है। सबसे अच्छी बात है कि प्रभु राम के नाम के साथ बाबूजी का नाम भी आ रहा है, बाबूजी का प्रभु राम से गहरा नाता रहा है।
अजय कुमार
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यह हम लोगों का सौभाग्य है, जो मार्ग का निर्माण बाबूजी के नाम से रखा गया है। रामघाट-कल्याण मार्ग होने से जन-जन के हृदय में यह नाम अंकित हो जाएगा।
रवि सिंह
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खटीमा। राजीव नगर के लोगों ने क्षतिग्रस्त संपर्क मार्ग एवं नालियों के पुनर्निर्माण की मांग उठाई है। उन्होंने इससे सम्बंधित ज्ञापन भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भेजा है।
राजीव नगर वार्ड 11 के निवासी सोमवार को लोनिवि स्थित सीएम कैंप कार्यालय पहुंचे। जहां सीएम धामी को संबोधित ज्ञापन पीआरओ प्रमोद जोशी को सौंपा। जिसमें कहां की चंद्र प्रकाश के घर से भट्टे तक लगभग 170 मीटर रोड लंबे अरसे से क्षतिग्रस्त हालत में है। जबकि वार्डवासी कई बार रोड और नाली के पुनर्निर्माण की मांग करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा बरसात का सीजन नजदीक है जिसमें जलभराव की स्थिति हो सकती है। नालियों के चोक होने से गंदा पानी घरों में घुसेगा। उन्होंने सीएम धामी से तत्काल समस्या का निराकरण कराए जाने की मांग की। इस मौके पर धन सिंह सामंत, कैप्टन राजेंद्र सिंह, दीप भट्ट, लता जोशी, पिंकी राणा, कविता, रेखा देवी, जानकी चौहान, सोबरन सिंह, प्रेमा भट्ट, गंगा देवी, जानकी मंडेला, मुकेश गुप्ता, विनय, लक्ष्मी आदि मौजूद रहे।
Publish Date: | Mon, 27 Sep 2021 10:19 PM (IST)
पाली (नईदुनिया न्यूज)। नेशनल हाईवे मार्ग 130 बगदेवा (पतरापाली) से कटघोरा (42 किमी) तक फोरलेन सड़क मार्ग का निर्माण किया जा रहा है, वर्तमान में पोड़ी से सिल्ली तक मार्ग का भी निर्माण हो रहा है। इससे मार्ग पर चलना दूभर हो गया है। धूल, गड्ढों और कीचड़ से रोजाना आवागमन अवरुद्ध हो रहा है। बावजूद निर्माण एजेंसी एप्रोच मार्ग की मरम्मत कराने के लिए गंभीर नहीं हैं। ब्लाक कांग्रेस कमेटी पाली ने एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन सौंपते हुए सात दिवस में सुधार नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
नेशनल हाईवे फोरलेन सड़क का निर्माण डीबीएल कंपनी कर रही है। इस मार्ग में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में वाहनों की आवाजाही होती है। अंतर्राज्यीय मार्ग होने के कारण बनारस, गढ़वा, झारखंड, उत्तरप्रदेश समेत अन्य प्रदेशों के लिए इसी मार्ग से आवागमन होता है। सड़क निर्माण के साथ समानांतर एप्रोच और डायवर्सन मार्ग का सुधार किए जाने का जिम्मा कंपनी को है, लेकिन निर्माण कार्य की शुरुआत से लेकर अब तक कंपनी ने एप्रोच सड़क सुधार के लिए कोई कार्य नहीं किया।इसके कारण कारण सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। वहीं सड़क निर्माण के लिए राखड का उपयोग किया जा रहा, जो वाहनों की आवाजाही से सड़क पर गिर रहे और प्रदूषण फैल रहा है। बारिश होने पर कीचड़ का आलम रहता है। कई किसानों के खेतों में राख घुस चुकी है, कहीं पानी निकासी की सही व्यवस्था नहीं करने के कारण खेत तालाब में तब्दील हो गया है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने कई बार कंपनी का ध्यानाकर्षण कराकर समस्या के निदान की मांग की, पर अभी तक कोई कार्रवाही नहीं की गई।
पोड़ी- पोलमी- सिल्ली मार्ग भी खराब
पाली से पोड़ी, पोलमी- सिल्ली होते हुए रतनपुर पेंड्रारोड़ को जोड़ने वाले मार्ग के निर्माण कार्य का भी बुरा हाल है। नानपुलाली के निकट पुल निर्माण में विलंब का खामियाजा लोगों को 20 से 25 किमी का अतिरिक्त फेरा लगाकर झेलना पड़ रहा है। जिसमें धन, समय का अपव्यय हो ही रहा है। मार्ग पर सलिहाभाटा से गुजरने वाली वैकल्पिक सड़क दलदल में तब्दील हो गई है। यह निर्माण एजेंसी अग्रवाल कंस्ट्रक्शन की लापरवाही के कारण हो रहा है। सड़क निर्माण कार्य में लगी एजेंसिया कोई ध्यान नहीं दे रही हैं, इससे आम जनता, किसानों और यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
काम बंद करा कार्यालय का किया जाएगा घेरावः प्रशांत
राज्य गोसेवा आयोग के सदस्य एवं सांसद प्रतिनिधि प्रशांत मिश्रा ने दोनों सड़क निर्माण एजेंसियों को चेतावनी दी कि यदि सात दिवस के भीतर सड़क मरम्मत सुधार कार्य नहीं हुआ और किसानों, आम जनता और परिवहनकर्ताओं की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो सड़क निर्माण कार्य को पूरी तरह बंद करा दिया जायेगा। साथ ही डीबीएल कंपनी के चैतमा कार्यालय का घेराव कर चक्का जाम आंदोलन किया जाएगा।
Posted By: Nai Dunia News Network
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धार4 घंटे पहले
चक्काजाम करते लोग।
धार जिले के धामनोद नगर में ,सुंद्रेल चौराहे पर हनुमान मंदिर से लेकर विद्युत मंडल तक मार्ग पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो चुका है। अक्सर मार्ग पर घटनाएं हो रही है। उक्त परेशानी को देखते हुए, लोगों ने मार्ग को जाम कर दिया।
दरअसल गड्ढे बड़े-बड़े रूप में उभर चुके हैं। बरसात में यह स्थिति विकराल रूप ले लेती है। नगर परिषद द्वारा कई बार पैंचवर्क किया गया, किंतु लोगों ने स्थाई हल की मांग की है। हालांकि परिषद का कहना है कि, मार्ग लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आता है। करीब आधे घंटे जाम की स्थिति बनी रही।वही एसडीएम राहुल चौहान के आश्वासन के बाद लोग हटे।
लोगों का आरोप है की, शिकायतों के बाद नगर परिषद द्वारा गड्ढों को भर दिया जाता है। इसी तरह रविवार के दिन गड्ढों के ऊपर मुरूम डल वादी। किंतु स्थाई हल नहीं होने से रहवासी नाराज हो गए,देखते ही देखते स्थानीय रहवासियों ने विरोध स्वरूप मार्ग को बंद कर दिया। कुछ ही देर में वाहनों की लंबी कतारें लग गई। वहीं मौके पर पुलिस बल भी पहुंचा।
परिषद के जिम्मेदारों के खिलाफ जमकर की नारेबाजी
मौके पर लोगों ने जमकर परिषद के जिम्मेदारों पर अपनी भड़ास निकालते हुए उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। लोगों का कहना था कि, यहां पर सीसी रोड स्वीकृत है, उसके बाद भी निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा। जबकि यहां यह समस्या बार-बार उत्पन्न होती है।
आए दिन लोग दुर्घटना का शिकार होते हैं। वही आमजन द्वारा, जिम्मेदारों को कई बार अवगत कराया, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं। इसी को लेकर अब आमजनों का गुस्सा फूट पड़ा, वहीं दोनों और रास्ता बंद होने से वाहनों की लंबी कतार लग गई। दरअसल कुछ समय पहले अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने लोगों की शिकायत पर, निराकरण के लिए मार्ग को इसी तरह जाम कर दिया था।
वहीं विष्णु पाटीदार पूर्व पार्षद धामनोद रहवासी ने कहा कि मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के अंतर्गत, बस स्टैंड से लेकर सुंद्रेल फाटे तक बनाने के लिए रूपरेखा तैयार हुई थी। परंतु नगर परिषद का इस और कोई ध्यान नहीं। सैकड़ों लोग मार्ग से गुजरते हैं, गड्ढों के कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। वहीं नगर पंचायत अध्यक्ष व सीएमओ को फोन भी लगाया गया परंतु संतुष्ट जवाब नहीं मिल पाया।
जिम्मेदारों को बुलाने की उठी मांग
वर्ष भर हनुमान मंदिर, सुंद्रेल चौराहे से बिजली विभाग तक का मार्ग खुदा हुआ रहता है, जिसकी वजह साफ है। सड़क का नीचे होना व नाली का निर्माण नहीं होना। परिषद द्वारा गड्ढों को भर दिया जाता है, किंतु यहां नाली निर्माण और सीसी रोड निर्माण किया जाना चाहिए। ज्ञात हो कि, सौंदर्यकरण के तहत उक्त निर्माण में सीसी रोड, पीडब्ल्यूडी के माध्यम से बनाया जाना चाहिए था। किंतु अतिक्रमण और लोगों की आपत्ति के बाद यह मार्ग अधर में पड़ गया।
इधर अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बताया कि उक्त मार्ग पीडब्ल्यूडी विभाग के अंतर्गत आता है। सुंदरीकरण के तहत मार्ग को सीसी रोड से निर्माण किया जाना था। अतिक्रमण और लोगों की आपत्ति के कारण, निर्माण समय पर सुनिश्चित नहीं हो पाया। परिषद द्वारा समय-समय पर पैंचवर्क किया जा रहा है।
मानसून लगभग समाप्त हो चुका है परंतु जिले में सीमा सड़कों के हाल नहीं सुधरे हैं। जौलजीबी- मुनस्यारी मोटर मार्ग पर हल्की बारिश में ही चरगाड़ के पास चट्टान खिसकने से मार्ग बंद हो गया। मार्ग बंद होने से भारी संख्या में वाहन फंसे रहे।
जागरण टीम, पिथौरागढ़ /धारचूला / बरम : मानसून लगभग समाप्त हो चुका है परंतु, जिले में सीमा सड़कों के हाल नहीं सुधरे हैं। जौलजीबी- मुनस्यारी मोटर मार्ग पर हल्की बारिश में ही चरगाड़ के पास चट्टान खिसकने से मार्ग बंद हो गया। मार्ग बंद होने से भारी संख्या में वाहन फंसे रहे। तवाघाट-सोबला-तिदांग मार्ग 107वें दिन भी नहीं खुल सका है। जिले में चार सीमा मार्ग और चार ग्रामीण मार्ग अभी भी बंद हैं। प्रभावित क्षेत्र की समस्याएं कम नहीं हो रही है।
बरम से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार की रात्रि को गोरीछाल क्षेत्र मे हल्की बारिश हुई। बारिश से सामरिक महत्व के जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग पर बरम और बंगापानी के बीच चर गाड़ के पास भारी मलबा आ गया। मलबा आने से मार्ग बंद हो गया। सुबह मुनस्यारी, मदकोट से जौलजीबी, धारचूला और पिथौरागढ़ आने जाने वाले वाहन फंसे रहे। बाद में बीआरओ द्वारा मलबा हटाने का कार्य किया गया। घंटों बाद मार्ग यातायात के लिए खुल सका। चर गाड़ के पास मार्ग की स्थिति दयनीय बनी है।
धारचूला में कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग खुल चुका है। गर्बाधार और लखनपुर के पास बंद मार्ग शनिवार सायं खोल दिया गया था। विगत 107 दिनों से बंद तवाघाट- सोबला-दारमा मार्ग तवाघाट से छिरकिला में धौलीगंगा हाईड्रो प्रोजेक्ट के बांध के निकट तक खोल दिया गया है। बांध स्थल पर ध्वस्त सड़क की मरम्मत का कार्य होना है। खेत से लेकर कंच्योती तक मार्ग खुल चुका है। कंच्योती में पुल निर्माण होना है। उच्च हिमालय में वुर्थिंग से नीचे की तरफ मार्ग खोलने का कार्य चल रहा है। नागलिंग से ढाकर तक मार्ग खुला है। इस मार्ग के कंच्योती में पुल बनने पर ही चौदास घाटी और तल्ला-दारमा क्षेत्र जुड़ेगा।
उधर मुनस्यारी-धापा-मिलम मार्ग अभी भी बंद है। इस मार्ग के बंद होने से 30 से अधिक गांव प्रभावित हैं। इधर मौसम में सुधार के बाद मार्ग के खुलने के आसार बन रहे हैं। मार्ग के जल्द नहीं खुलने पर जोहार से होने वाला शीतकालीन माइग्रेशन प्रभावित हो सकता है। मल्ला जोहार विकास समिति ने बीआरओ और लोनिवि से शीघ्र मार्ग खोलने की मांग की है। चार ग्रामीण मार्ग बंद होने से 36 से अधिक गांवों का संपर्क कटा हुआ है।
Publish Date: | Sun, 26 Sep 2021 05:44 PM (IST)
सिरोल्या(नईदुनिया न्यूज)। क्षेत्र की सड़कों के हाल बारिश के दौरान बेहाल हो रहे हैं। सबसे अधिक परेशानी गायत्रीनगर से खाती धर्मशाला तक है। कई गांवों को जोड़ने वाला यह मार्ग वर्षों से अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। मार्ग पर गड्ढे हो रहे हैं और उनमें बारिश का पानी जमा है। बारिश होने पर यहां पैदल निकलना भी कष्टप्रद हो जाता है। मार्ग निर्माण को लेकर कई बार रहवासियों ने जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया, लेकिन समस्या का निराकरण नहीं हुआ।
गायत्रीनगर के इस मार्ग की लंबाई सिर्फ 1200 फीट है, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही इस पूरे मार्ग पर गड्ढों के रूप में नजर आती है। इस मार्ग से होकर 10 गांवों के लोग गुजरते हैं। रहवासी कहते हैं कि यहां कभी डामरीकरण भी नहीं हुआ। कभी-कभार बारिश में गड्ढों को देखते हुए मुरम व गिट्टी जरूर बिछाई गई, लेकिन यह समस्या से निजात दिलाने के लिए नाकाफी ही साबित हुई। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी मार्ग को पक्का करने की कई बार घोषणाएं कीं, लेकिन धरातल पर काम नहीं हुआ। इतना ही नहीं एक बार तो मार्ग निर्माण का भूमिपूजन भी हुआ, लेकिन बाद में राशि स्वीकृत नहीं हो सकी। फिलहाल तो यह मार्ग अपने कायाकल्प की राह देख रहा है।
रिश्तेदार ताना मारते हैं-
गायत्रीनगर निवासी संजय चौधरी व बंटी चौधरी ने बताया कि कई बार मार्ग निर्माण के लिए घोषणा हो चुकी है। हमें भी उम्मीद थी कि मार्ग बन जाएगा, लेकिन घोषणाओं पर किसी ने अमल नहीं किया। इस मार्ग के नहीं बनने से रिश्तेदारों के सामने भी हमें शर्मिंदा होना पड़ता है। रिश्तेदार ताना मारते हुए कहते हैं कि पहले रोड बनवा लो, फिर हमें बुलाना।
किसान नेता मुकेश बंदावाले व जीतू चौधरी ने बताया कि कीचड़ से लथपथ मार्ग पर ग्रामीणों का चलना दुभर हो चुका है। बच्चे-बुजुर्गे परेशान हो रहे हैं। दिनभर सैकड़ों वाहन मार्ग से गुजरते हैं, उन्हें काफी परेशानी होती है। क्षेत्र के विकास व लोगों की समस्या को देखते हुए जल्द ही निर्माण कार्य करवाना चाहिए।
पंचायत में नहीं है फंड-
ग्राम पंचायत सिरोल्या के सरपंच राकेश मंडलोई ने बताया कि ग्राम पंचायत में इतना फंड नहीं है, कि हम मार्ग को बना सके। यह मार्ग करीब 10 लाख रुपये की लागत से बनेगा। हमने टीएस भी जारी कर ली थी, लेकिन बाद में राशि स्वीकृत नहीं हुई। मार्ग निर्माण के लिए फिर से प्रयास करेंगे।
सड़कों का निर्माण प्राथमिकता में है-
विधायक मनोज चौधरी का कहना है कि सड़कों का निर्माण करवाना हमारी प्राथमिकता है। हाटपीपल्या विधानसभा की जितनी भी जर्जर सड़कें हैं, उनका आगामी दिनों में निर्माण करवाया जाएगा। गायत्रीनगर वाला जो मार्ग है, उस पर भी सीसी रोड बनवाएंगे।
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संवाद सहयोगी, पांगी : सीमा सड़क संगठन 94 आरसीसी ने पांगी मुख्यालय किलाड़ की ओर से मनाली-श्रीनगर वाया किलाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग को पक्का करने का कार्य शुरू कर दिया है। दिसंबर तक इस मार्ग को करीब दो किलोमीटर पक्का किया जाएगा। ऐसे में अब पांगी की सड़कों पर वाहन चालकों और सवारियों को झटके खाने नहीं पड़ेंगे।
इसके साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग मनाली-श्रीनगर को चौड़ा भी किया जा रहा है। मार्ग को पक्का करने का काम सीमा सड़क संगठन ने एक कंपनी को सौंपा है। कंपनी की ओर से मार्ग पर कार्य शुरू किया गया है। सीमा सड़क संगठन ने धरवास से लुज तक चार किलोमीटर में जीएसबी का कार्य भी पूरा कर लिया है। इस पर कंपनी की ओर से बेडमिक्सिग करने के बाद मैटलिग का किया जाना है।
ऐसे में स्थानीय लोगों को उम्मीद जगी है कि आने वाले दो से तीन साल में पांगी का मुख्य मार्ग पक्का हो जाएगा, जिससे लोगों को आवाजाही करने में सुविधा होगी और सफर भी कम हो जाएगा। वहीं, अब तक संगठन की ओर से शौर से कडूनला 10 किलोमीटर मार्ग को पक्का किया जा चुका है।
मालूम हो कि उक्त मार्ग पांगी घाटी के लोगों के लिए मुख्य मार्ग होने के कारण यहीं से अधिकतर आवाजाही रहती है। हालांकि कुछ माह तक साचपास मार्ग बहाल होने के बाद घाटी के लोग साचपास होते हुए जिला चंबा पहुंचते हैं लेकिन सर्दी का मौसम शुरू होते ही उक्त मार्ग पर बर्फबारी का दौर शुरू हो जाता है, जिससे यहां से आवाजाही ठप पड़ जाती है। जबकि, मनाली-श्रीनगर वाया किलाड़ मार्ग भारी बर्फबारी होने पर ही कुछ दिन के लिए बंद होता है। सीमा सड़क संगठन की ओर से इसे बहाल करने के बाद इस पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाती है। ऐसे में उक्त मार्ग पांगी घाटी के लोगों के लिए सबसे अहम मार्ग है। बहरहाल, मार्ग को पक्का करने का कार्य शुरू होने से लोगों में खुशी की लहर है।
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सीमा सड़क संगठन ने किलाड़-संसारी नाला मार्ग को चौड़ा करने का कार्य शुरू किया है, जिसकी दूरी 16 किलोमीटर है। मौसम ने साथ दिया तो दिसंबर तक दो किलोमीटर मार्ग को पक्का कर दिया जाएगा। मार्ग में टारिंग का काम हो चुका हैं।
-उमेश कुमार, सिविल इंजीनियर 94 आरसीसी किलाड़ पांगी।
Edited By: Jagran
कुछ इलाकों में हल्की बारिश की संभावना
दोपहर बाद मौसम में बदलाव होने की संभावना है, जिसके बाद बादल छाये रह सकते हैं। कुछ इलाकों में हल्की बारिश भी हो सकती है। वहीं फिलहाल राज्य के अधिकतर इलाकों में मौसम साफ बना हुआ है। चारधाम यात्रा मार्ग भी यातायात के लिए सुचारू है।
बागेश्वर: नहाने गए दो यगे भाई सरयू नदी में बहे
बागेश्वर के कपकोट में सरयू में नहाने गए दो सगे भाई मोहित उम्र 10 वर्ष और सुमित उम्र 06 वर्ष पुत्र प्रकाश राम निवासी कपकोट नदी में बह गए। पुलिस, राजस्व, फायर, एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंच गई है। मोहित का शव मिल चुका है, वहीं दूसरे की खोजबीन जारी है।
रुद्रप्रयाग: बारिश से 90 से अधिक संपर्क मोटर मार्ग बदहाल
बरसात से हाईवे समेत संपर्क मोटर मार्गों की हालत दयनीय हो गई है। भूस्खलन, भूधंसाव व बरसाती नालों में उफान से मार्ग जानलेवा बने हुए हैं। ऐसे में ग्रामीण जान हथेली पर रखकर आवाजाही करने को मजबूर हैं।
जिले में 120 से अधिक संपर्क मोटर मार्गों में से अधिकांश बदहाल हैं। लगातार हो रही बारिश से भूधंसाव व भूस्खलन के कारण खांकरा-कांडई-खेड़ाखाल-खिर्सू, दैजीमांडा-छांतीखाल-डुंगरीपंथ, बांसबाड़ा-बसुकेदार,गुलाबराय-बौंठा-तूना, कांडई-कमोल्डी-मुलखाखाल, मयाली-गुप्तकाशी, लमगौंडी-देवलीभिणग्राम, नगरासू-डांडाखाल, गुप्तकाशी-कालीमठ-कोटमा-जाल-चौमासी, बडियारगढ़-धौडंगी-सौंराखाल समेत 90 से अधिक सड़कों की हालत इस कदर खराब है कि लोग जान हथेली पर रखकर सफर कर रहे हैं।
इसका खामियाजा ग्रामीण भुगत रहे हैं। मार्गों पर स्क्रपर व निकास नालियों का बेहतर इंतजाम नहीं होने से बरसाती पानी लोगों के घरों, खेतों में घुस रहा है। साथ ही आवाजाही में भी खासी दिक्कतें हो रही हैं। इधर, लोनिवि के ईई मनोज भट्ट व इंद्रजीत बोस और पीएमजीएसवाई के एई विजयपाल सिंह नेगी ने बताया कि उनके डिवीजन में ज्यादातर संपर्क मार्ग बरसात से प्रभावित हुए हैं। आपदा मद में मार्गों के सुधारीकरण के लिए प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं।
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अमेठी : विधायक के प्रयास से जामो भादर मार्ग के चौड़ीकरण को शासन ने मंजूरी दी है। मार्ग निर्माण होने से जिले के कई ब्लॉक के लोगों को आवागमन में काफी सहूलियत मिलेगी। मार्ग के निर्माण पर 70 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
45 किलोमीटर लंबा जामो भादर मार्ग पीएमजीएसवाई योजना से दस वर्ष पहले बनाया गया था। मौजूदा समय मे मार्ग की स्थिति बहुत खराब हो चुकी है। जगदीशपुर, जामो ,शाहगढ़, गौरीगंज, भेटुआ व भादर ब्लॉक के लोग इस मार्ग पर प्रतिदिन आवागमन करते हैं। मार्ग की मरम्मत के लिए विधायक की ओर से मांग की गई थी। इस पर लोक निर्माण विभाग की ओर से मरम्मत कराई गई। लेकिन, स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद विधायक गरिमा सिंह ने विधानसभा में मार्ग निर्माण को लेकर याचिका दी थी। इस पर सदन की स्वीकृति मिलने के बाद शासन को कार्रवाई के लिए भेजा गया था। शासन ने विधायक के पत्र पर मार्ग का सर्वे कर एस्टीमेट मंगवाया था। शासन की ओर से आयोजित बैठक में मार्ग निर्माण की स्वीकृति मिल गई। शासन की ओर से 45.550 किमी. सड़क निर्माण के लिए 70 करोड़ 42 लाख 38 हजार का बजट स्वीकृति किया गया है। अब इस मार्ग का दोहरीकरण भी होगा। अभी तक यह मार्ग साढ़े तीन मीटर चौड़ा था। अब इसे सात मीटर चौड़ा बनाया जाएगा। भादर, भेटुआ ब्लॉक के लोग विधायक से मार्ग के निर्माण कराये जाने की मांग बीते कई वर्षों से कर रहे थे। मार्ग का निर्माण होने से लाखों की आबादी को आवागमन में सुविधा मिलेगी।
-मिली मंजूरी, जल्द शुरू होगा काम
शासन की ओर से जामो भादर मार्ग की स्वीकृति मिल गई है। सत्तर करोड़ की लागत से पैंतालीस किलोमीटर सड़क का निर्माण होगा। इससे अमेठी और गौरीगंज विधानसभा के लोगों को आवागमन में सुविधा मिलेगी। जल्द ही सड़क निर्माण शुरू होगा।
अनंत विक्रम सिंह विधायक प्रतिनिधि, अमेठी
Edited By: Jagran
संवाद सूत्र, नवाबगंज : रात से सुबह तक हुई बरसात से मुख्य बाजार मार्ग व गलियां जलमग्न हो गई। बरसात का पानी दुकानों व घरों में भर गया। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
नवाबगंज में शुक्रवार रात लगभग एक बजे से सुबह लगभग नौ बजे तक लगातार हुई बरसात से मुख्य बाजार मार्ग में पानी भरने से मार्ग जलमग्न हो गया। मार्ग पर पानी भरने से सड़क के दोनों ओर बनी दुकानों में पानी भर गया। जिससे दुकानों में रखा सामान गंदे पानी से भीगकर खराब हो गया। डाकघर वाली गली, बरतल गली, पुराना गनीपुर मार्ग, नया गनीपुर मार्ग, बबना रोड़ से सीएचसी मार्ग आदि भी पानी भरने से जलमग्न हो गए। गलियों में जलभराव से पानी लोगों के घरों में घुस गया। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। लोगों ने घरों में भरे पानी को किसी तरह बाहर निकाला। मुख्य बाजार मार्ग, नवाबगंज मंझना मार्ग आदि में भी जलभराव से लोगों को निकलने में परेशानी का सामना करना पड़ा।
स्कूल में भरा पानी शिक्षकों ने निकाला
नवाबगंज : ग्राम पंचायत चंदनी स्थित प्राथमिक विद्यालय में बरसात में पानी भर गया। सुबह प्रधानाध्यापिका अनुपम सक्सेना व अन्य शिक्षक विद्यालय पहुंचे। परिसर व कमरों में पानी भरा मिला। पानी में घुसकर विद्यालय पहुंची प्रधानाध्यापिका अनुपम सक्सेना, सुमन राजपूत, रचना व रसोइयों ने फाबड़ा आदि से मिट्टी हटाकर परिसर में भरे पानी को निकालकर कमरों की साफ सफाई कर बच्चों को बैठाया। इसके साथ ही पूर्व माध्यमिक विद्यालय उम्मरपुर, प्राथमिक विद्यालय नगला गुलरिया, बसंतापुर आदि गांवों के विद्यालयों में भी बरसात का पानी भर गया। जिसे अध्यापकों ने बाहर निकाल बच्चों को कक्षों में बैठाया।
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Publish Date: | Sat, 25 Sep 2021 06:16 PM (IST)
अशोक जैन
उमरबन। नईदुनिया
केंद्र एवं राज्य सरकार गांव से शहर एवं शहर से गांवों को जोडने के लिए करोड़ों आवंटित कर आम लोगों को आवागमन को सुचारू करने के लिए सुविधा प्रदान करती है। इससे गांवों में निवासरत ग्रामीण अंचलों के ग्रामीणों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचने में आसानी हो सके। इसी को लेकर उमरबन से धामनोद 28 किमी एवं उमरबन से मनावर 28 किमी सीसी सड़क कुल 56 किमी निर्माण के लिए वर्ष 2018 में 150 करोड़ की राशि स्वीकृत कर ठेका दिया गया था। इस कार्य को पूर्ण करने के लिए गुजरात की वीआरएस कंपनी को 56 किमी टूलेन सीसी सड़क को 22 फरवरी 2020 को पूर्ण कर आवागमन सुचारू करना था। लेकिन ठेकेदार द्वारा कार्य प्रारंभ करने के 40 माह से भी अधिक समय बीत चुका है। लेकिन 40 माह में आज तक ठेकेदार द्वारा 40 किमी भी सडक नहीं बन पाई। इससे अंदेशा लग रहा है कि इस टूलेन सीसी सडक निर्माण में ठेकेदार एवं विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से क्षेत्र के हजारों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार ठेकेदार द्वारा जब कार्य प्रारंभ किया गया तो कार्य धामनोद से उमरबन ह्वाया कालीबावडी सड़क का कार्य प्रारंभ किया। इस 28 किमी सड़क में अभी भी टू लेन पूर्ण नहीं हुआ है। इसी तरह उमरबन से मनावर ह्वाया भानपुरा टोकी 28 किमी सीसी सड़क पर मात्र लेवल बनाकर गिट्टी एक तरफ डाली गई। एक मार्ग से मुरम डालकर आवागमन शुरू किया। लेकिन इस मार्ग पर सीसी सड़क का कार्य आज तक प्रारंभ नहीं हुआ। इसके कारण बारिश के दिनों में एक तरफ मुरम वाले मार्ग पर कीचड़ फैलने के कारण दो पहिया वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस परेशानी को अनदेखी कर रहे है। इसके कारण आवागमन में काफी परेशानी उठाना पड रही है। उमरबन मनावर सीसी सड़क के लिए ठेकेदार ने अभी तक मात्र गिट्टी ही डाली है। ऐसी स्थिति में टूलेन सीसी सड़क का कार्य कब प्रारंभ होगा एवं कब आवागमन प्रारंभ होगा। यह ठेकेदार एवं विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ही बता पाएंगे। कार्य प्रारंभ होने के 40 माह हो गए हैं लेकिन उमरबन-धामनोद मार्ग की 28 किमी टूलेन सीसी सडक अभी पूर्ण नहीं हुई है। शेष कार्य के लिए धामनोद मार्ग पर कार्य चल रहा है।
उमरबन से मनावर मार्ग की दयनीय स्थिति
पिछले 3 वर्षों से उमरबन से मनावर 28 किमी मार्ग पर बारिश के 4 माह तक काफी परेशानी हो रही है। उमरबन से भानपुरा मार्ग की स्थिति ज्यादा खराब हो गई। क्योंकि रिमझिम बारिश से मुरम डालने से कीचड़ फैल जाता है। इससे दो पहिया वाहन चालकों को सफर करने में कांटो भरा राह लग रहा है। क्षेत्र के ग्रामीणों ने कलेक्टर पंकज जैन से मांग की कि संबंधित विभागों को पाबंद कर कीचड़ वाली जगह पर गिट्टी की चूरी डालकर आवागमन सुचारू कर आम लोगों को राहत पहुंचाने की मांग की गई।
-बारिश के बाद टू लेन सीसी सड़क का कार्य प्रारंभ किया जाएगा। मुरम वाली जगह पर यदि कीचड़ हो गया है तो ग्रेडर डालकर मिट्टी हटाई जाएगी एवं आवागमन सुचारू किया जाएगा।--जयदेव गौतम, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग
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जागरण विशेष
तेजी से चल रहा है पुराने रेल लाइन को बदलने का काम, तीसरी लाइन पर भी काम जारी केतन आनंद
, मेदिनीनगर (पलामू) : बिहार के सोननगर से झारखंड के बरकाकाना तक 291 किलोमीटर की तीसरी रेलवे लाइन बिछाने का कार्य भले ही अभी शुरूआती दौर में है, बावजूद इस ट्रैक पर 130 किलोमीटर की गति से ट्रेनों को दौड़ाने की तैयारी अंतिम चरण में है। इसके लिए पुराने ट्रेक को बदलकर नए मजबूत ट्रैक बिछाने का काम आरंभ कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार वर्तमान में इस रेल मार्ग पर अधिकतम गति सीमा 110 किलोमीटर निर्धारित है। वहीं, बरवाडीह से बरकाकाना तक यह गति घटकर एक सौ किलोमीटर पहुंच जाती है। जंगली जीवों को बचाने के लिए कई चिन्हित स्थानों पर तो विशेष काउशन लगाया जाता रहा है। रेलवे अधिकारियों की माने तो अगले वर्ष के मध्य तक गढ़वा रोड से राजहरा तक 20 किलोमीटर तक तीसरी रेलवे का ट्रायल आरंभ हो जाएगा। मालूम हो कि रेलवे द्वारा शुरूआती कार्य के दौरान सोननगर से बरवाडीह तक आने वाली अधिकांश बाधाओं को दूर कर दिया गया है। लेकिन बरवाडीह से बरकाकाना की ओर वन संरक्षित क्षेत्र का मसला अभी सुलझाया नहीं है। बावजूद इसके प्रथम चरण का कार्य पूरा हो जाने से रेलवे ट्रैक पर अतिरिक्त बोझ कम होगा। इससे इस रेलमार्ग से चलने वाली ट्रेनों का ससमय परिचालन संभव हो सकेगा। बाक्स: तीसरे लाइन पर पर दोनों ओर चलेंगी ट्रेनें बरकाकाना- सोननगर रेल मार्ग पर तीसरा रेल लाइन को सिर्फ मालगाडियों के लिए सुरक्षित रखा जाएगा। शेष दो रेल पटरियों पर पहले की तरह मेल, एक्सप्रेस या सवारी ट्रेनों का परिचालन जारी रहेगा। यातायात निरीक्षक एके सिन्हा ने बताया कि तीसरी लाइन पूरी तरह से रिवर्सलेवल होगा। मतलब कि इस ट्रैक से अप व डाउन दोनों ओर से मालगागाड़ियों का परिचालन किया जा सकेगा। इससे दो अन्य ट्रैकों पर मालगाड़ियों के नहीं चलने से अनावश्यक तौर पर ट्रेनों को खड़ा नहीं कर सुचारू परिचालन कराया जा सकेगा।
वहीं दूसरी ओर स्टेशनों की लंबाई बढ़ाने का काम भी जारी है। डालटनगंज-गढ़वा रोड रेल मार्ग के तोलरा स्टेशन की लबाई को बढ़ा कर 15 सौ मीटर कर दिया गया है।
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कासगंज, संवाद सहयोगी : विकास खंड कासगंज का गांव गढ़ी का मुख्य मार्ग बदहाल है। बारिश में जलभराव और कीचड़ होने से यहां राह निकलना मुश्किल हो जाता है। साइकिल से स्कूल जाने वाले विद्यार्थी परेशानी का सामना करते हैं। मार्ग पर कीचड़ होने से साइकिल फिसल जाती हैं। इससे विद्यार्थी चोटिल हो जाते हैं। गांव में अंदर सफाई व्यवस्था को ग्रहण लगा हुआ है। जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं।
गांव गढ़ी में आसानी से प्रवेश करना मुश्किल है। यहां मुख्य सड़क पर लोगों को जलभराव एवं कीचड़ का सामना करना पड़ता है। मुख्य मार्ग की सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है। बड़े गड्ढों में बारिश का पानी भरने से लोगों का राह निकलना दूभर हो जाता है। पैदल यात्री तो जहां-तहां रास्ता खोज लेते हैं, लेकिन वाहन से निकलने वाले लोगों को परेशानी होती है। स्कूल जाने के दौरान विद्यार्थियों की साइकिल फिसल जाती है। इससे वे चोटिल हो जाते हैं। कपड़े भी कीचड़ से गंदे हो जाते हैं। गांव की सफाई व्यवस्था को देखा जाए तो हालत बदतर नजर आते हैं। जगह-जगह कूड़े और घूरे के ढेर लगे हैं। नियमित रूप से सफाई कर्मचारी के न पहुंचने से गंदगी पसरी रहती है। गांव के इस मार्ग की दुर्दशा कई वर्षाें से है। ग्राम पंचायत इस पर ध्यान नहीं दे रही है। जबकि लोगों को समस्या रहती है।
- शिवकुमार, ग्रामीण गांव में सफाई कर्मचारी नियमित रुप से नहीं आते हैं। यहां सफाई को लेकर लोग स्वयं जागरूक नहीं है। गांव में गंदगी रहती है।
- दिनेश गुप्ता, ग्रामीण जिले में सफाई कर्मियों की टोली बनाकर कार्य कराया जा रहा है। गढ़ी में यदि जलभराव है तो उसे दिखवाएंगे और ग्रामीणों को जलभराव की समस्या से निजात दिलाएंगे।
- देवेंद्र सिंह, डीपीआरओ
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नयना देवी के मंडयाली में भूस्खलन से बंद हुई सड़क को खोलते हुए। - फोटो : BILASPUR
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संवाद सूत्र, साहिया, कालसी: बारिश के चलते जगह-जगह भूस्खलन होने से जौनसार-बावर में 33 मोटर और संपर्क मार्गों पर आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया। बंद मार्गों की संख्या बढ़ने से दो सौ से अधिक गांवों के ग्रामीण कैद होकर रह गए है। लोक निर्माण विभाग साहिया के 21 और पीएमजीएसवाई कालसी के 12 मार्ग बंद होने का सबसे बड़ा नुकसान किसानों को हुआ। वे अपनी उपज को मंडी तक नहीं पहुंचा सके। इसके साथ ही नौकरीपेशा व्यक्तियों और बच्चों को स्कूल आने-जाने में परेशानी उठानी पड़ी।
बारिश से भूस्खलन होने पर लोनिवि के बैराटखाई-गागरो मोटर मार्ग पर किलोमीटर तीन व सात पर यातायात बाधित है। समरजैंस मोटर मार्ग के किलोमीटर 28 पर बंद हो गई है। नागथात-लाछा मोटर मार्ग किलोमीटर दो और शंभू की चौकी पंजिया मोटर मार्ग पर किमी चार से छह तक भारी मात्रा में मलबा आने से यातायात बाधित है। सहिया कवानू मोटर मार्ग पर तारली, चैइथा, फेडुलानी, हाजा, दसऊ, गमरी, कवानू में बंद होने से सैंकड़ों गांवों के ग्रामीण परेशान हैं। काहा नेहरा-पुनाहा, मुंशीघटी धवैरा, कोरुवा-क्वारना, कालसी बैराटखाई, लालपुल बिसोई, डयूडीलानी सकरोल, शहीद सुरेश तोमर मार्ग, बबडीधार-लुहन, साहिया-उत्पाल्टा, कोरूवा-कवारना, साहिया-समाल्टा, बिजऊ-कुइथा खतार, चिरटाड़, दुधवा कितरोली मार्ग बंद हो गए हैं। वहीं, पीएमजीएसवाई कालसी अंतर्गत कोटा-म्यूंडा,, लेल्टा-मंडोली, माख्टी-पोखरी, दारागाड-कथियान, झिटाड़, त्यूणी आराकोट शिमला, सावड़ा-डुंगरी, मेंद्रथ बिरनाड़, कोठा-तारली उपभेऊ, अटाल सैंज, दमन-दसेऊ मोटर मार्ग पर मलबा आने से यातायात बाधित है। जनजातीय क्षेत्र इन विभिन्न मार्गो के बाधित होने से किसानों की समस्या बढ़ गई है। उपज खेतों में सड़ने से किसान परेशान हैं। उधर, कालसी-चकराता मोटर मार्ग पर गुरुवार की देर रात बारिश के कारण काली माता मंदिर के पास मार्ग का एक हिस्सा धंस गया, जिसका मलबा गिरने से दिल्ली यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बाधित हो गया है। लोनिवि के अधिशासी अभियंता डीपी सिंह के अनुसार मार्ग खोलने के लिए जेसीबी भेजी गई है।
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अजगैन मोहान मार्ग पर लगा जाम। संवाद - फोटो : UNNAO
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नारसन-पुहाना मार्ग पर काफी समय से काफी बड़ा गड्ढा बना हुआ है। जिससे अक्सर दुर्घटनाएं हो रही है। आम आदमी पार्टी ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से इसे तुरंत ठीक कराए जाने की मांग उठाई है।
इस मार्ग पर स्टेट बैंक के सामने बने गड्ढे में काफी दुपहिया वाहन चालक गिरकर चोटिल हो चुके हैं। लोक निर्माण विभाग का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है। शुक्रवार को इस समस्या को लेकर इलाके के काफी लोग आम आदमी पार्टी कार्यालय पहुंचे। आम आदमी पार्टी के क्षेत्रीय नेता नवनीत राठी ने बताया कि उन्होंने फोन के माध्यम से लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को सड़क की तुरंत मरम्मत करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि गड्ढे का आकार इतना बढ़ गया है कि कभी भी कोई भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। रात के समय यहां काफी अंधेरा रहता है। जिसके कारण दुपहिया वाहन चालक अक्सर दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि समस्या जल्द नहीं सुनी जाती है तो आम आदमी पार्टी आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी। इस दौरान देवराज राठी, संजीव कुमार, विनीत कुमार, रोहित कुमार, विपुल कुमार महक सिंह आदि लोग मौजूद थे।
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: तल्लानागपुर क्षेत्र के अन्तर्गत मदोला-कोठगी मोटरमार्ग पर पहाड़ी से लगातार
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: तल्लानागपुर क्षेत्र के अन्तर्गत मदोला-कोठगी मोटरमार्ग पर पहाड़ी से लगातार हो रहे भूस्खलन से कोठगी गदेरे के पास डेंजर जोन सक्रिय हो गया है। जिससे यहां पर वाहनों के साथ ही पैदल चलने वाले राहगीरों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
पिछले दो साल से कोठगी गदेरा तोक के पास भूधसाव होने से यहां पर एक डेंजर जोन सक्रिय हो गया है। हल्की बारिश होने से बड़ी मात्रा में यहां पर मलबा सड़क पर आ रहा है। ऐसे में इस मार्ग पर लगातार वाहनों के आवागमन के साथ स्थानीय राहगीरों का आवागमन जारी रहता है। इसके अलावा स्कूली बच्चे भी इसी मार्ग से आवागमन करते है। ऐसे में कब यहां पर मलबा आ जाए, इसका कुछ पता नहीं है। ऐसे में यह डेंजर जोन बड़े हादसे को निमंत्रण दे रहा है। प्रधान कोठगी हरेंद्र सिंह, मदोला रोशनी नेगी, छिनका देवेंद्र सिंह का कहना इस संबंध में पीएमजीएसवाइ को कई बार अवगत कराने के बाद भी अभी तक डेंजर जोन का हल नहीं नहीं निकाला जा सका है। बताया कि स्लाइडिग जोन पर आरसीसी दीवार देने की मांग लंबे समय से की जा रही है। इसके अलावा सणगू-सारी मोटर मार्ग की स्थिति बहुत ही खराब हो चुकी है, जिससे जगह-जगह डामर उखड़ने से बडे-बडे गढ्डे पड़ने एवं पुश्ते टूटने से मार्ग दुर्घटना का सबब बना हुआ है। उन्होंने मोटरमार्ग पर डमारीकरण के साथ ही डेंजर जोन पर सुरक्षात्मक उपाय करने की मांग की है। वहीं पीएमजीएसवाइ के ईई कमल सिह सजवाण का कहना कि मोटरमार्ग पर बना डेंजर जोन को आपदा मद मे रखा गया है। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है, जैसे ही बजट की स्वीकृत होगा। यहां पर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
Edited By: Jagran
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संवाद सहयोगी, तावडू : उपमंडल के गांव निहालगढ़ से तावडू मोहम्मदपुर रोड को जोड़ने वाले लिक मार्ग का निर्माण कार्य कछुआ गति से चल रहा है। इसको लेकर स्थानीय लोगों में प्रशासन के प्रति रोष है। क्षेत्र के करीब आधा दर्जन गांवों के लोगों ने लिक मार्ग निर्माण कार्य जल्द पूरा कराने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि गत 26 फरवरी को स्थानीय विधायक संजय सिंह ने उपमंडल के गांव रंगाला से घटाल व निहालगढ़ से तावडू मोहम्मदपुर लिक रोड जीर्णोद्धार की आधारशिला रखी थी। हरियाणा राज्य विपणन मार्केटिंग बोर्ड द्वारा तैयार किए जाने वाले इस पौने दो किलोमीटर लंबे लिक मार्ग का कार्य धीमी गति से चल रहा है, जिससे लोगों में रोष है। इस मार्ग को जीर्णोद्धार के नाम पर महीनों से खोद डाला गया है। जिस कारण गोरखपुर, निहालगढ़, सबरस, डिगरहेडी, गोयला सहित कई गांवों के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क निर्माण कार्य अधर में लटके होने के कारण लोगों को एक गांव से दूसरे गांव में पहुंचने के लिए कई किलोमीटर अतिरिक्त सफर तय करना पड़ता है, जिस कारण उनके समय व पैसे दोनों की बर्बादी हो रही है। सड़क निर्माण कार्य बेहद धीमी गति से चल रहा है। सात माह पूरे होने को जा रहे हैं उसके बाद भी कार्य पूरा नहीं हो पाया है। प्रशासन लोगों की समस्याओं को देखते हुए इसका तुरंत निर्माण कार्य पूरा कराए।
- तरूण टोकस, निवासी, गोयला क्षेत्र के करीब आधा दर्जन गांव लिक मार्ग निर्माण नहीं होने से प्रभावित हो रहे हैं। जिस कारण ग्रामीणों को रोजमर्रा के काम के लिए एक से दूसरी जगह आने जाने में परेशानियां हो रही हैं।
- कपिल टोकस, ग्रामीण लिक मार्ग निर्माण को लेकर विभागीय अधिकारियों से बात हो चुकी हैं। कोरोना के चलते इसमें देरी हुई है। अब कार्य शुरू हो गया है, जिससे जल्द ही लोगों को राहत मिलेगी।
- जहीर अब्बास, सरपंच निहालगढ़ गुढी
Edited By: Jagran
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जालंधर जम्मू रेलवे लाइन की मरम्मत के चलते बंद रहेगा यह मार्ग Divya Himachalकेस नंबर 1 लखना-सिडौस मार्ग पर चंबल पुल के समीप ढकरा की पुलिया वर्ष 2019 में ही ध्वस्त हो गई थी। तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने की सूचना पर इसकी मरम्मत कराई गई। 2021 में फिर पुलिया ध्वस्त होने पर मरम्मत की गई। पुलिया दोनों तरफ कट रही है और बीचों-बीच भरे पानी से गुजरने का लोग जोखिम ले रहे हैं। दरअसल यहां 100 फीट की गहराई में कोई भी वाहन जाता है, तो बड़ी दुर्घटना घट सकती है। इसी मार्ग से क्षेत्र के दो सैकड़ा से अधिक बच्चे स्कूल बस से आते-जाते हैं। दिन भर सैकड़ों थ्रीव्हीलर फर्राटा भरते हैं। यह मुख्य मार्ग भिड और जनपद जालौन को जोड़ता है। केस नंबर 2 भरेह क्षेत्र में बने सिकरोड़ी पुल की एप्रोच वर्ष 2019 में बाढ़ के दौरान ही क्षतिग्रस्त हो गई थी। शेष बची एप्रोच 2021 में फिर से टूट गई। उस समय से आज तक एप्रोच की मरम्मत नहीं की गई। यह मार्ग बाबरपुर के समीप नेशनल हाईवे से जुड़ता है, जिससे मध्य प्रदेश और समूचे क्षेत्र के लोग औरैया व कानपुर इसी मार्ग से पहुंचते हैं। केस नंबर 3 चकरनगर से भरेह मुख्य सड़क मार्ग 2019 से ही जर्जर है। 2021 में एक बार फिर से बचे हुए फुटपाथ को बाढ़ ने क्षतिग्रस्त कर दिया। सड़क के बीचों-बीच विद्युत पोल लगे हैं और दोनों तरफ खाई है। हजारों ग्रामीण रोजाना ही इसे मार्ग से गुजरने का रिस्क उठा रहे हैं।
केस नंबर 4 बिठौली में अनैठा गांव से सिकरोड़ी पुल को जाने वाले मुख्य मार्ग में पुल के समीप बाढ़ से करीब 20 फीट गहरी और 100 मीटर लंबी खाई हो गई है। मुख्य मार्ग पर निकलने के लिए मात्र आठ फीट की जगह बची है। केस नंबर 5 2019 की बाढ़ में डिभौली गांव की पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई थी। 2021 में आई भीषण बाढ़ में पुलिया फिर से ध्वस्त हो गई। पिछले दो माह से गांव में चार पहिया वाहन नहीं पहुंच पा रहा है। ग्रामीण पुलिया पर रखे लोहे की प्लेट से गुजरने को मजबूर हैं। पीडब्ल्यूडी पुलिया के टेंडर को ही क्लियर नहीं कर पा रहा है। संवाद सहयोगी, चकरनगर : तहसील क्षेत्र में भीषण बाढ़ और बारिश ने लिक से लेकर मुख्य मार्गों तक की सूरत ही बिगाड़ दी है। मार्गों पर जगह-जगह जलभराव, कीचड़ व गहरी खाई से राहगीरों के लिए आवागमन जोखिम भरा है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को बीहड़ क्षेत्र के मार्गों की सुधि लेने की फुर्सत नहीं है।
बाढ़ की त्रासदी के बाद अधिकांश लिक व मुख्य मार्गों की साफ-सफाई तो कराई गई, कितु मरम्मत कार्य नहीं कराया गया। मुख्य मार्ग ढ़करा की पुलिया पर अस्थाई कार्य के उपरांत क्षेत्र के अन्य किसी भी मार्ग पर कोई मरम्मत कार्य नहीं कराया गया है। भीषण बाढ़ और बारिश से क्षेत्र में लखना-सिडौस, उदी-चकरनगर, चकरनगर-भरेह, हनुमंतपुर-बिठौली, अनैठा-शेरगढ़, सोनेपुरा-हनुमंतपुरा, चंद्रहंसपुरा-पांडरी बाबा, बल्लो गढि़या-चौरैला, महुआ सूडा-सिकरौड़ी पुल आदि मुख्य मार्ग जर्जर हैं। इन मार्गों से ही क्षेत्र के अधिकारी भी गुजरते हैं, बावजूद इसके प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर पीडब्ल्यूडी के अधिकारी व कर्मचारियों को इन मार्गों की चिता नहीं है। क्षेत्र के समाजसेवी हेमरुद्ध सिंह सेंगर, जिला पंचायत सदस्य राजेश चौहान, किशन राजावत, बृजेंद्र यादव, राजेश यादव, अरविद तिवारी आदि ने अनहोनी की आशंका जाहिर करते हुए प्रशासन से सड़कों की शीघ्र मरम्मत कराने की मांग की है। जेई नहीं जानते सिकरोड़ी पुल कहां बना पीडब्ल्यूडी के जूनियर इंजीनियर अमित कुमार को नहीं पता कि सिकरोड़ी पुल कहां बना है। पहले बोले, यह पुल कहां है, फिर बोले अरे यह तो औरैया जिले में है। उन्होंने बताया कि बारिश बंद होने के बाद टूट-फूट की मरम्मत कराई जाएगी। कंजौसा पुल के समीप टूटी सड़क के लिए स्टीमेट भेजा गया है।
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सिढ़पुरा, संवाद सूत्र : सिढ़पुरा-सहावर बाया मोहनपुर तक सड़क बदहाल हालत में है। इस मार्ग पर सफर करना जोखिम भरा है। वाहन चालकों को तो परेशानी ...