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मार्ग निर्माण की मांग - Hindustan हिंदी
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संवाद सूत्र, सारवां (देवघर) : एनएच 114 देवघर-सारठ मुख्य मार्ग है। इस पर सारवां के निकट दो पुल का निर्माण हो रहा है। लगातार हुई बारिश से देवघर-सारवां मुख्य मार्ग के बीच बिशनपुर पुल निर्माण के लिए बनाया गया डायवर्सन शुक्रवार को बह गया। इससे यातायात पूरी तरह बंद हो गया है। रूट बदलकर वाहन चलाए जा रहे हैं, इससे आमजन को परेशानी हो रही है। कारण उनको मीलों दूर घूमकर जाना पड़ रहा है। इस रूट पर वाहनों के आवागमन को सामान्य होने में कम से कम दो दिन अभी और लगेगा। तीरनगर होकर देवघर पहुंच रहे
एक रास्ता तीरनगर-सारवां मार्ग मोहनपुर होते हुए जिला मुख्यालय पहुंच रहे हैं। देवघर से सारठ की ओर जाने वाले घोर परास जंगल होते हुए केशीरायडीह, राउतडीह होते हुए मंझीलाडीह बाजार की ओर से प्रखंड मुख्यालय पहुंच रहे हैं। डायवर्सन बहने के बाद आसपास के लोगों को काफी परेशानी हो रही है। इसके कारण लोग प्रखंड मुख्यालय जिला मुख्यालय अस्पताल जाने के लिए तीन से चार गुना दूरी तय कर रहे हैं। इसी मार्ग पर एक और डायवर्सन डहुआ पुल पर है। यहां पर छोटी वाहनों का आवागमन चालू कर दिया गया है। वहां भी डायवर्सन टूटने की बात आई थी लेकिन संबंधित ठेकेदार अशोक कुमार सिंह ने बताया कि फिलहाल दोपहिया व छोटी वाहनों का आवागमन के लिए मार्ग को दुरुस्त किया गया है। अन्य वाहनों के लिए युद्ध स्तर पर कार्य जारी है। बिशनपुर डायवर्सन के बाबत कहा कि उसके लिए दो से तीन दिन का वक्त लगेगा। इसके बाद डायवर्सन पर आवागमन हो सकेगा। फिर भी प्रयास जारी है जितना जल्दी हो सके आवागमन सुचारू रूप से चालू कर दिया जाएगा। फिलहाल डायवर्सन के दोनों तरफ पत्थर गिरा कर आवागमन को पूर्ण तरीके से बंद कर दिया गया है। ताकि किसी प्रकार का कोई हादसा ना हो राहगीरों से अपील की जाती है कि जब तक डायवर्सन ठीक नहीं कर दिया जाता आप रिस्क ना लें। कोई अन्य मार्ग का सहारा लेकर अपने दिनचर्या को पूरा करें। इधर प्रखंड कार्यालय अस्पताल थाना बाल विकास परियोजना कार्यालय बीआरसी कार्यालय अन्य विभाग के कार्यालयों के कर्मियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जनता को हो रही परेशानी
स्थानीय ग्रामीण हलधर वर्मा, संतोष सिंह, ओमप्रकाश सिंह, जयप्रकाश वर्मा, पप्पू वर्मा, अनिल वर्मा, परशुराम वर्मा, उमेश वर्मा, सिकंदर सिंह, सोहन सिंह, कामदेव सिंह, मिठू मांझी, मदन यादव, विवेक वर्मा, उमेश बरनवाल, तरुण रवानी, ब्यास रवानी, मनोज रवानी, रिकू मांझी, टीटू मांझी, मिथुन मांझी, हरगौरी यादव सहित अन्य ने बताया कि डायवर्सन टूटने के कारण प्रखंड मुख्यालय, जिला मुख्यालय, अस्पताल के अलावे बाजार करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बैजनाथपुर बिशनपुर सिंह रायडीह, बिचगढ़ा, घोरपरास, साकरिया, पीपरना ,बाराटांड़, सिया टाड़ सहित दर्जनों गांव के ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है। डायवर्सन बहने के बाद लोग अन्य मार्गों का सहारा ले रहे हैं। प्रखंड मुख्यालय आने के लिए बिशनपुर बैजनाथपुर घोरपरास के ग्रामीणों को दो किलोमीटर के स्थान पर 13 किलोमीटर तय कर प्रखंड मुख्यालय जाना पड़ रहा है। वहीं जिला मुख्यालय जाने के लिए 26 किलोमीटर तय कर जाना पड़ रहा है। इसके लिए फिलहाल दो रास्ता है। पहला घोरपरास जंगल होते हुए मंझीलाडीह बाजार से प्रखंड मुख्यालय आते हैं, दूसरा बिचगढ़ा होते हुए दुलीडीह, कल होड़ मोड़, तीरनगर मार्ग होते हुए सारवां आना पड़ रहा है। सारठ की ओर से आने वाले राहगीरों को तीरनगर से देवघर दुमका मार्ग होते हुए मुख्य जिला मुख्यालय जाना पड़ रहा है, देवघर की ओर से आने वाले को चांदडीह मार्ग होते हुए मधुपुर की ओर से सारठ आदि जगहों पर जाना पड़ रहा है।
संवाद सूत्र, बकेवर : चार दिन तक अनवरत बारिश होने के चलते बीहड़ के मिट्टी के टीलों का मलबा संपर्क मार्गों पर गिरने से बीहड़ क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क मुख्य मार्ग से कट गया है।
ग्राम लखनपुरा, कच्छपुरा, मड़ैया आदि गांवों को टकरुपुर यमुना पुल के नजदीक लखना-चकरनगर मार्ग से जोड़ने वाले संपर्क मार्ग पर मिट्टी के टीलों का मलबा गिरने से आवागमन प्रभावित हो गया। इन गांवों के ग्रामीण इस समस्या के चलते अपने गांवों में कैद होकर रह गये हैं। मड़ैया निवासी मुनेश, कच्छपुरा निवासी शीतल ने बताया कि ग्रामीण जरूरी काम होने पर नंदगवा वाले मार्ग से तकरीबन 11 किलोमीटर का लंबा चक्कर काटकर मुख्य मार्ग पर आने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने बताया कि संपर्क मार्ग पर मलबा गिरने की सूचना क्षेत्रीय लेखपाल को भी दी गई बावजूद इसके सड़क से मलबा हटाने का काम नहीं हुआ। ग्राम प्रधान टकरुपुर आशाराम उर्फ विकास ने बताया कि बारिश बंद होते ही सड़क से मलबा हटवाने का कार्य कराया जाएगा।
इसी तरह से लखना-चकरनगर मार्ग स्थित ग्राम दाउदपुर में बारिश के पानी से तालाब उफनाने से गांव के मुख्य मार्ग में जहां कटाव हो गया वहीं मार्ग पर जलभराव हो गया है। जिससे ग्रामीणों को आवागमन की दिक्कत हो रही। इसी प्रकार लखना-नवादा मार्ग पर मड़ौली गांव के पास जलभराव से भी लोगों को परेशानी हो रही है। ग्राम प्रधान दीपक प्रजापति ने बताया कि गांव का मुख्य मार्ग लोकनिर्माण विभाग का है। मार्ग की समस्या से लोकनिर्माण विभाग को अवगत करा दिया गया है। जल्द ही मार्ग का जीर्णोद्धार होगा।
Publish Date: | Sat, 31 Jul 2021 04:02 AM (IST)
सिवनी। (नईदुनिया प्रतिनिधि)। छिंदवाडता-सिवनी-मंडला फोर्ट ब्राडगेज का निर्माण कार्य इन दिनों जिले की सीमा के भीतर चल रहा है। ब्राडगेज निर्माण के दौरान सड़क क्रासिंग पर लोगों को परेशानी से बचाने के लिए अंडर ब्रिज और ओवरब्रिज का निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया है। वर्तमान में बारिश के दिनों में तो निर्माणाधीन ओवर ब्रिज और अंडर पास में निर्माण एजेंसी ठेकेदार द्वारा किए जा रहे लापरवाही पूर्वक कार्य के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
ताजा मामला जिला मुख्यालय से लखनवाड़ा होकर संगई-हथनापुर मार्ग का है। यहां पर लखनवाड़ा और संगई के बीच निर्माणाधीन ब्रिज के पास से दिए गए डायवर्सन मार्ग इन दिनों दल-दल में तबदील हो गया है। क्षेत्र के लोगों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है।
छिंदवाड़ा-सिवनी-मंडला फोर्ट ब्राडगेज निर्माण कार्य स्वीकृत होने के बाद इस बहुप्रतिक्षित योजना को मूर्त रूप देने के लिए नैरोगेज मैगाब्लाक किया गया। नैरोगेज मार्ग पर ही ब्राडगेज निर्माण कार्य किया जा रहा है। ब्राडगेज निर्माण के दौरान सड़क क्रासिंग में अंडर पास और ओबर ब्रिज स्वीकृत किए गए है। इनमें से अधिकांश अंडर पास और ओबर ब्रिज का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। वर्तमान में सिवनी-छिंदवाड़ा मार्ग पर लखनवाड़ा से संगई के बीच सड़क क्रासिंग में ओबर ब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है। निर्माण कार्य प्रारंभ करने के दौरान निर्माणाधीन ब्रिज के बाजू से क्षेत्रीजनों के आवागमन का ध्यान रखते हुए डायवर्सन मार्ग बनाया गया था। यहां से क्षेत्र के लोग आना-जाना कर रहे थे।
विगत दिनों रेलवे के ठेकेदार ने लखनवाड़ा से संगई के बीच सड़क रेलवे क्रासिंग में बनाया जा रहे ओवरब्रिज के बाजू से बनाए गए डायवर्सन मार्ग में मिट्टी की पुराई करा दी। इसके बाद इसके ऊपर गिट्टी की चुरी और बोल्डर डला दिए गए है। काली मिट्टी की पुरायी होने के कारण जैसे ही बारिश प्रारंभ हुई मिट्टी ने पानी को अपने अंदर समा लिया और शुरूवात में तो वाहन की आवाजाही हो रही थी लेकिन लगातार बारिश में मिट्टी दलदल में परिवर्तित हो गई और कीचड़ के अंदर दबे पत्थर और बड़ी मुसीबत बन गए है। पूरा डायवर्सन मार्ग दलदल में तबदील हो गया है।
डायवर्सन मार्ग के दलदल में तब्दील होने के कारण क्षेत्रीयजनों को आवाजाही में भारी परेशानी हो रही है। दोपहिया, चौपहिया और बड़े वाहन कीचड़ में फंस रहे है और कोई किसी तरह वाहन को कीचड़ के बीच से निकालने का प्रयास करता है तो कीचड़ के बीच समाए बड़े-बड़े पत्थर वाहनों को क्षति पहुंचा रहे है। डायवर्सन मार्ग दलदल में तबदील हो जाने के कारण क्षेत्रीयजनों को 12 किलोमीटर लंबा सफर तय करके मातृधाम कातलबोड़ी की ओर से घूमकर जैतपुर होकर जाना पड़ रहा है। इससे लोगों को अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है।
मड़वा गांव के निवासी अधिवक्ता भावेश वर्मा ने बताया कि रेलवे का निर्माण कार्य चल रहा है यह अच्छी बात है लेकिन ठेकेदार द्वारा लोगों की सुविधा का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। मार्ग में मिट्टी ओर बोल्डर डाल दिया गया है। बारिश के कारण मिट्टी दलदल में बदल गई है और वाहनों की आवाजाही उक्त मार्ग से बंद हो गई जिस वजह से लोगों को अतिरिक्त दूरी तय करके घूमकर जाना पड़ रहा है। जिला प्रशासन को चाहिए कि उक्त डायवर्सन मार्ग को जल्द से जल्द दुरूस्त कराकर वाहनों की आवाजाही योग्य बनाने के लिए ठेकेदार को निर्देशित किया जाए।
इनका कहना है
मैने मौके पर जाकर निरीक्षण किया है। डायवर्शन मार्ग काफी खराब है। इसमें जल्द सुधार करवाकर आवागमन के योग्य बनाया जाएगा।
दिनेश छाबड़ा
इंजीनियर, रेलवे, सेक्शन छिंदवाड़ा।
Posted By: Nai Dunia News Network
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संवाद सहयोगी, कोटद्वार: पूर्व काबीना मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि चुनाव नजदीक आते ही भारतीय जनता पार्टी लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग के नाम पर खानापूर्ति करने लगी है। मार्ग पर पुल निर्माण नहीं होने से बरसात के समय यातायात पूरी तरह बंद हो जाएगा। उन्होंने सरकार से मार्ग को बारह महीने यातायात के लिए बनवाने की मांग की है।
शुक्रवार को पूर्व काबीना मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि क्षेत्रीय विधायक ने कोटद्वार विधानसभा के विकास कार्यो को आगे बढ़ाने के बजाय उन्हें काफी उलझा कर रख दिया है। वर्ष 2012 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग के लिए सात करोड़ छह लाख रुपये स्वीकृत किए थे। नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड एवं स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की शर्तों के अनुसार, मार्ग को 12 महीने यातायात के लिए बनाया जाना था। नदियों में पुल निर्माण के साथ ही सड़कों का बेहतर गुणवत्ता के साथ निर्माण होना था, लेकिन चुनाव के बाद सत्ता में आई भाजपा ने कांग्रेस के प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया। कहा कि साढ़े चार वर्षों तक क्षेत्रीय विधायक को लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग निर्माण की याद नहीं आई, लेकिन चुनाव नजदीक आते ही सरकार मार्ग निर्माण में खानापूर्ति कर रही है। उन्होंने क्षेत्रीय विधायक पर मेडिकल कालेज, कण्वाश्रम के समग्र विकास, केंद्रीय विद्यालय निर्माण के नाम पर भी जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है।
इस मौके पर हेमलता नेगी, जिलाध्यक्ष डा.चन्द्रमोहन खर्कवाल, नगर अध्यक्ष संजय मित्तल, शकुंतला चौहान, गणेश नेगी, राजेन्द्र गुसांई, बलवीर सिंह रावत, हेमचंद्र पंवार, विजय रावत, सुधांशू नेगी आदि मौजूद रहे।
संदेश : 30 कोटपी 8
कोटद्वार में पत्रकारों से वार्ता करते पूर्व काबीना मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी
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मुरादाबाद से बरेली के बीच रेलमार्ग को देश का सबसे खराब रेल मार्ग माना जाता है। अब इस मार्ग पर रेल संचालन बेहतर होने जा रहा है।
मुरादाबाद, जेएनएन : मुरादाबाद से बरेली के बीच रेलमार्ग को देश का सबसे खराब रेल मार्ग माना जाता है। इसीलिए नए कोच का परीक्षण इसी मार्ग पर किया जाता है, लेकिन अब मंडल रेल प्रशासन ने इस मार्ग को ठीक करने का काम शुरू कर दिया है। 17 किलोमीटर रेल मार्ग बदलेगा और तीन स्टेशनों से मैनुअल सिस्टम हटाकर आधुनिक सिस्टम लगाया जा रहा है।
मुरादाबाद से बरेली 90 किमी रेल मार्ग की स्थिति बहुत खराब है। रामपुर के पास राजरानी एक्सप्रेस भी दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी है। नए कोच, बोगी, इंजन को चलाने से पहले अनुसंधान, डिजाइन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) परीक्षण के लिए सबसे खराब रेल मार्ग का चयन करता है। इसलिए सबसे तेज गति से चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस समेत आधुनिक इंजन, कोच आदि का ट्रायल मुरादाबाद बरेली के बीच किया गया। इस मार्ग की 17 किलो मीटर रेल मार्ग को छोड़कर शेष रेललाइन को बदल दिया गया है। अब इस मार्ग पर 160 किलोमीटर प्रति घटे की गति से ट्रेन चलाने के लिए स्लीपर बदले जा चुके हैं। अधिकाश स्टेशनों के यार्ड के प्वाइंट तक बदल दिए गए हैं। साथ ही तीन स्टेशनों को छोड़कर सभी स्टेशनों के ट्रेन संचालन के लिए मैनुअल सिस्टम को हटा दिया गया है और उसके स्थान पर आधुनिक सिग्नल सिस्टम लग चुका है। रामपुर समेत तीन स्टेशनों से मार्च तक मैनुअल सिस्टम को हटा दिया जाएगा। इतना सुधार हो जाने के बाद ट्रेनें तेज गति से चलानी शुरू हो गई हैं। मंडल रेल प्रबंधक तरुण प्रकाश ने बताया कि मुरादाबाद-बरेली रेल मार्ग के खराब होने का दाग मिटेगा और आने वाले समय में सबसे सुरक्षित रेल मार्ग होगा। इस मार्ग पर अधिक के अधिक ट्रेनें चलाने के लिए दो स्टेशनों के बीच आटोमेटिक सिग्नल सिस्टम लगाया जा रहा है।
कांकेर। जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलियों ने मुख्य मार्ग के किनारे बैनर लगाए है। इसमें 28 जुलाई से 7 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाने आम जनता से अपील की है। मारे गए नक्सलियों के स्मृति में गाँव-गाँव में शहीदी सप्ताह मनाने से संबंधित स्लोगन बैनर में लिखे हैं। माओवादियों ने कांकेर से आमाबेड़ा मार्ग व पखांजूर मुख्यालय से 7 किलोमीटर दूर ग्राम पीव्ही 11 के मुख्य मार्ग पर भारी मात्रा में बैनर लगाए गए है।
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सिद्घन मार्ग की खराब सड़क से निकलते वाहन। - फोटो : LALITPUR
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जागरण संवाददाता, मनाली : लाहुल-स्पीति प्रशासन ने मंगलवार शाम से बंद ग्राम्फू-काजा मार्ग को बहाल कर लिया है। इस मार्ग पर फंसे 150 से अधिक वाहन अपने गंतव्य तक पहुंच गए हैं। यह मार्ग दोहरनी तथा छोटा दड़ा नाला में बाढ़ आने से अवरुद्ध हो गया था। काजा से आ रहे वाहन बातल में फंस गए थे। तकनीकी शिक्षा मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय भी बातल में फंसे हुए थे, लेकिन वो कुछ जगह पैदल चलकर बुधवार को ही केलंग पहुंच गए थे। कुछ वाहन बुधवार रात को निकल आए, जबकि अधिकतर सभी वाहन आज अपने गंतव्य तक पहुंच गए हैं।
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की 70 आरसीसी मनाली-लेह मार्ग की बहाली में जुटी हुई है। साकस नाले सहित दारचा से सरचू तक जगह-जगह सड़क टूट गई है। हालांकि बीआरओ ने अस्थायी तौर पर बाया प्यूकर से कारदंग होते हुए छोटे वाहन आरपार करवा दिए हैं, लेकिन बीआरओ मनाली-लेह मार्ग को स्थायी तौर पर बहाल करने में जुटा है। बीआरओ की मानें तो शुक्रवार सुबह तक मनाली-लेह मार्ग सभी प्रकार के वाहनों के लिए बहाल कर दिया जाएगा। इस मार्ग पर सरचू, भरतपुर, जिगजिगबार, पतसेउ, दारचा, जिस्पा, गेमुर में फंसे पर्यटक भी अब धीरे-धीरे अपने गंतव्य तक पहुंचने लगे हैं। तांदी संसारी मार्ग पर बीआरओ को भारी नुकसान हुआ है। तीन जगह पुल बह गए हैं। छह से अधिक स्थानों से सड़क ही गायब हो गई है। तोजिग नाला में यातायात व्यवस्था सुचारू कर ली गई है, लेकिन शांशा पुल और जाहलमा पुल के बह जाने से यातायात सुचारू होने में समय लग सकता है।
बीआरओ कमांडर उमा शंकर ने बताया की काजा मार्ग बहाल कर लिया है। रास्ते में फंसे सभी वाहनों को निकाल लिया है। मनाली-लेह मार्ग बहाली भी युद्धस्तर पर जारी है। शुक्रवार सुबह तक लेह मार्ग पर यातायात सुचारू हो जाएगा। तांदी संसारी मार्ग पर पुलों के बह जाने से चुनौती बढ़ी है, लेकिन बीआरओ इस मार्ग पर भी यातायत सुचारू करने में जुट गया है।
मसूरी संवाददाता
मसूरी में लगातार हो रही बारिश से जहां आम जन जीवन प्रभावित हो रहा है वही पुश्ते ढहने जारी हैं। दोपहर को हुई बारिश के बाद तिलक रोड पर होटल सम्राट के पास एक पुश्ता ढह गया जिससे रोड बंद हो गई। वही बारिश के कारण शहर की अधिकांश नालिंयां बंद होने के कारण बारिश का पानी सड़कों पर नदी की तरह बह रहा है।
पर्यटन नगरी में बारिश का कहर लगातार जारी है बारिश के कारण जहां आम जन जीवन प्रभावित हुआ है वहीं पुश्ते ढहने व रोड़ों पर मलवा आने का सिलसिला जारी है। दोपहर को हुई भारी बारिश के कारण शहीद भगत सिंह चैक से मालरोड को जोडने वाले मार्ग पर होटल सम्राट के समीप पुश्ता ढहने से उकत मार्ग बंद हो गया। जिसके बाद उकत मार्ग से आने जाने वाले वाहनों को मालरोड पर डायवर्ट किया गया। जिससे मालरोड पर जाम की स्थिति बन गई। वहीं बरसात के चलते विभिन्न क्षेत्रों में नाले बंद होने से बारिश का पानी सड़कों पर बह रहा है जिसके चलते आने जाने वालों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रोड पर चलते वाहनों से पानी पैदल चलने वालों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। इस संबंध में कई बार पालिका को कहा गया लेकिन पालिका इस ओर ध्यान नहीं दे रही। शहर के मुख्य चोराहे पिक्चर पैलेस भगत सिंह चैक का यहीं हाल है यहां पर भारी बारिश होने से नगर पालिका मार्ग व लंढौर मार्ग से बारिश का पानी नदी की तरह बहता है जिससे लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं कोल्हूखेत में लगातार आ रहे मलवे को जेसीबी लगाकर साफ किया जा रहा है।यहां पर लोक निर्माण ने दो जेसीबी लगा रखी हे
वहीं शहर में पूरे दिन बारिश होने के कारण आम जन जीवन पूरी तरह से प्रभावित रहा
मंगलवार शाम से बंद ग्राम्फू काजा मार्ग बहाल कर लिया है। इस मार्ग पर फंसे डेढ़ सौ से अधिक वाहन अपने गंतव्य तक पहुंच गए हैं। यह मार्ग दोहरनी नाले तथा छोटा दड़ा नाले में बाढ़ आने से अबरुद्ध हो गया था।
मनाली, जागरण संवाददाता। मंगलवार शाम से बंद ग्राम्फू काजा मार्ग बहाल कर लिया है। इस मार्ग पर फंसे डेढ़ सौ से अधिक वाहन अपने गंतव्य तक पहुंच गए हैं। यह मार्ग दोहरनी नाले तथा छोटा दड़ा नाले में बाढ़ आने से अबरुद्ध हो गया था। काजा से आ रहे वाहन बातल में फंस गए थे। मंत्री डॉक्टर रामलाल मार्कंडेय भी बातल में फंसे हुए थे लेकिन वो कुछ जगह पैदल चलकर बुधवार को ही केलंग पहुंच गए थे। कुछ एक वाहन बुधवार रात को निकल आए जबकि अधिकतर सभी वाहन आज अपने गंतव्य तक पहुंच गए हैं।
दूसरी ओर बीआरओ की 70 आरसीसी मनाली लेह मार्ग की बहाली में जुटी हुई है। साकस नाले सहित दारचा से सरचू तक जगह जगह सड़क टूट गई है। हालांकि बीआरओ ने अस्थाई तौर पर बाया प्यूकर से कारदंग होते हुए छोटे वाहन आर पार करवा दिए हैं लेकिन बीआरओ मनाली लेह मार्ग को स्थाई तौर पर बहाल करने में जुटा हुआ है। बीआरओ की माने तो आज देर शाम या कल सुबह तक मनाली लेह मार्ग सभी प्रकार के वाहनों के लिए बहाल कर लिया जाएगा। इस मार्ग पर सरचू, भरतपुर, जिंगजिंगबार, पतसेउ, दारचा, जिस्पा, गेमुर में फंसे पर्यटक भी अब धीरे धीरे अपने गंतव्य तक पहुंचने लगे हैं।
दूसरी ओर तांदी संसारी मार्ग पर बीआरओ को भारी नुकसान हुआ है। तीन जगह पुल बह गए हैं जबकि आधा दर्जन से अधिक स्थानों से सड़क ही गायब हो गई है। तोजिंग नाले में ट्रैफ़िक सुचारू कर ली गई है लेकिन शांशा पुल और जाहलमा पुल के बह जाने से ट्रैफ़िक सुचारू होने में समय लग सकता है। बीआरओ कमांडर उमा शंकर ने बताया की काजा मार्ग बहाल कर लिया गया है। रास्ते में फंसे सभी वाहनों को निकाल लिया है। मनाली लेह मार्ग बहाली भी युद्धस्तर पर जारी है। आज देर शाम या शुक्रवार सुबह तक लेह मार्ग पर ट्रेफिक सुचारू कर ली जाएगी। तांदी संसारी मार्ग पर पुलों के बह जाने से दिक्कत बढ़ी व चुनोती बढ़ी है लेकिन बीआरओ इस मार्ग पर भी ट्रैफिक सुचारू करने में जुट गया है।
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राज्य ब्यूरो, देहरादून। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर तोताघाटी में होने वाले भू-स्खलन को देखते हुए कौड़ियाला-सांकड़ीधार मार्ग को वैकल्पिक मार्ग के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस मार्ग का सर्वे करते हुए जल्द इसकी रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजने को कहा। उन्होंने कहा कि तोताघाटी में भूस्खलन के दौरान वैकल्पिक मार्ग का इस्तेमाल कर जानमाल की सुरक्षा की जा सकती है। उन्होंने नरेंद्र नगर से होकर गुजरने वाले बदरीनाथ व यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग को दुरुस्त करने के भी निर्देश दिए हैं।
बुधवार को कैबिनेट मंत्री व नरेंद्र नगर के विधायक सुबोध उनियाल ने सचिवालय में आपदा प्रबंधन विभाग, लोक निर्माण विभाग व राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 58 और गंगोत्री जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 94 नरेंद्र नगर से होकर गुजरता है। इस मार्ग से गढ़वाल व कुमाऊं क्षेत्र के लिए भी आवागमन होता है। बरसात के कारण यह मार्ग काफी खराब हो गया है। इससे इन मार्गों से निकलने वाले लिंक मार्ग भी प्रभावित हुए हैं। पेयजल लाइन व सिंचाई की व्यवस्था प्रभावित हुई।
उन्होंने अधिकारियों से इन्हें को तुरंत दुरुस्त करने को कहा। उन्होंने कहा कि इन राष्ट्रीय राजमार्गों पर कई जगह डेंजर जोन बन गए हैं। इन्हें चिह्नित करते हुए इनकी मरम्मत की जाए। जहां काम हो रहे हैं, वहां फंसे हुए बोल्डर चिह्नित किए जाएं ताकि इन्हें सुरक्षित तरीके से हटाया जा सके।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री ने चारधाम मार्ग पर जगह-जगह बनने वाले डंपिंग यार्ड से होने वाले खतरों की ओर भी अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि कई जगह ये डंपिंग जोन खिसक रहे हैं। इससे पास के गांवों को खतरा पैदा हो रहा है। इनसे झील बनने की आशंका भी है। इसके लिए उन्होंने जिलाधिकारी टिहरी की अध्यक्षता में एक मूल्यांकन समिति बनाने के निर्देश दिए, ताकि ऐसे खतरों को चिह्नित किया जा सके।
उन्होंने टिहरी तपोवन सड़क के चौड़ीकरण के कारण आने वाली दिक्कतों को देखते हुए ब्लाक प्रमुख, एसडीएम और सड़क सुरक्षा संगठन के अधिकारियों की एक समिति बनाने को कहा, जो समस्याओं के निस्तारण को कदम उठाएगी। उन्होंने सड़कों के चौड़ीकरण के लिए भूअधिग्रहण के लंबित मुआवजा प्रकरणों को शीघ्र निस्तारित करने के भी निर्देश दिए।
यह भी पढ़ें:-तीन हजार करोड़ रुपये की परियोजना, 31 शहरों का चयन; पांच में काम और वह भी आधा-अधूरा
Publish Date: | Wed, 28 Jul 2021 07:58 PM (IST)
उमरबन। उमरबन-धामनोद मार्ग निर्माण में लेटलतीफी का खामियाजा बारिश में लोगों को उठाना पड़ रहा है। विभाग एवं ठेकेदार की अनदेखी एवं लापरवाही के चलते डायवर्शन मार्ग से गुजरने वाले क्षेत्र के ग्रामीणों एवं वाहन चालकों को काफी परेशान होना पड़ रहा है। डायवर्शन मार्ग पर बुधवार को एक कार फंस गई। काफी मशक्कत के बाद कार को निकाला गया। रिमझिम बारिश के चलते मार्ग पर वाहन स्लिप हो रहे हैं। डायवर्शन मार्ग के आसपास के खेत के लोगों ने मंगलवार शाम को मार्ग को संकरा कर आसपास पेड़ की लकड़ियां जमा दी गई। बीच में मिट्टी डालकर टेपर बना दिया। इसके चलते आवागमन में वाहन चालकों को काफी परेशानी उठानी पडी। मार्ग संकरा होने से छोटे वाहनों को भी निकलने में परेशानी हो रही है। नाले के समीप गड्ढा हो गया है। इस गड्ढे के आसपास पत्थर रख दिए गए हैं। इससे आने-जाने वाले को पता चल सके कि दुर्घटना का स्थान है। यदि यह डायवर्शन मार्ग बंद हो जाता है, तो उमरबन कस्बे सहित आसपास गांव के लोगों को तीन किमी घूमकर सरकारी कार्यालयों में
आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण कर गुणवत्ता में सुधार के दिए निर्देश
सरदारपुर। महिला एवं बाल विकास जिला अधिकारी ने परियोजना क्रमांक दो के ग्रामीण अंचल में संचालित आगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण कर गुणवत्ता में सुधार लाने के निर्देश दिए। उटावा की आंगनबाडी कार्यकर्ता को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने के निर्देश दिए। बुधवार को महिला बाल विकास जिला कार्यक्रम अधिकारी सुभाष जैन व इंदरसिंह बुंदेला ने सरदारपुर परियोजना अधिकारी कमलसिंह निगवाल क्रमांक दो के साथ आंगनबाडी कंद्र तिरला, उटावा व छड़ावद क्रमांक एक, दो, तीन एवं चार का निरीक्षण किया। अधिकारियों की उपस्थिति में बच्चों का वजन लिया गया। पूरक पोषण आहार की जांच की गई। कोविड के दौरान स्वसहायता समूहों द्वारा दिए जाने वाले रेडी टू इट की जांच कर गुणवत्ता में सुधार करने के संबंध समूह अध्यक्ष व सचिव को निर्देश दिए। आंगनबाड़ी केंद्र उटावा की कार्यक्रर्ता केंद्र पर विलंब से पहुंची। इस पर उसे कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने के लिए परियोजना अधिकारी को निर्देश दिए।
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बदायूं। संवाददाता
42 लाख रुपये में चार इंच के पाइप से नाले का पानी निकलाने के मामले में अब दूसरे डीएम ने भी मामला संज्ञान में लिया है। पूर्व डीएम कुमार प्रशांत ने जल निगम के अधिकारियों ने उसी धनराशि में नाला बनाने या फिर धन की रिकवरी के आदेश दिये थे। उनक तबादला होने ही मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। एक बार फिर भी डीएम दीपा रंजन ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को देखा और सिरसा ठेर मार्ग के जलभराव का हल निकालने का आदेश दिया।
जल निगम द्वारा पूर्व में इसके लिए कार्य योजना बनाकर पानी की निकासी की व्यवस्था की थी, जिस पर 42 लाख रुपये खर्च किये गये। जिसके बाद भी पानी वहीं की वहीं रहा और जलभराव की समस्या खत्म नहीं हो सकी है। इससे शहर सहित गांव के लोगों को दिक्कत बनी हुई है। सीडीओ ने भी इसका स्थलीय निरीक्षण किया था और गत वर्ष कच्चा नाला खुदवाकर सागर ताल की ओर इसकी निकासी का प्रबंध किया गया था।
इसी का डीएम ने स्थलीय निरीक्षण किया कि यदि इसी कच्चे नाले को पक्का करा दिया जाए तो जल भराव एवं जल निकासी की समस्या से निदान हो सके। उन्होंने जल निगम को निर्देश दिये। इस मौके पर सदर एसडीएम लालबहादुर सिंह, संग विभागीय अफसर मौजूद थे।
संवाद सहयोगी, बनी : ब्लाक डुग्गन की 25 हजार आबादी की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। यहा मंगलवार को चौथे दिन भी बनी-डग्गर सड़क मार्ग नाथी मोड में यातायात के लिए बंद रहा। लोगों को करीब 5 से 10 किलोमीटर पैदल सफर करके बनी आना पड़ा। दूसरी तरफ से छोटे वाहन चालक भी परेशान हो रहे हैं।
पीएमजीएसवाई विभाग ने मंगलवार को मार्ग खोलने का प्रयत्न किया। वहा पर मशीनें भी भेजीं, पहाड़ियों से भूस्खलन ने मशीन को मार्ग साफ करने से रोक दिया और मशीनें दूसरी तरफ खड़ी रहीं। सरपंच धनी राम, विजय कुमार, अमीर चंद ने माग की है कि मार्ग को जल्द खोला जाए। पीएमजीएसवाई विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर ज्योति प्रसाद का कहना है कि मार्ग को साफ करने के लिए पूरे प्रयत्न किए जा रहे हैं, लेकिन ऊपर से आ रहे भूस्खलन के कारण समस्या आ रही है। जैसे ही भूस्खलन बंद होता है, मार्ग को खोल दिया जाएगा। संवाद सहयोगी बनी ब्लॉक डुग्गन की 25 हजार जनसंख्या की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही यहा आज चौथे दिन भी बनी डग्गर सड़क मार्ग नाथी मोड में यातायात के लिए बंद रहा तो लोगों को करीब 5 से 10 किलोमीटर पैदल सफर करके लोगों को बनी में आना पड़ा दूसरी तरफ से छोटे बहन चालक भी परेशान हो रहे हैं हालाकि पीएमजीएसवाई विभाग ने मंगलवार को मार्ग खुलने का प्रयत्न किया और वहा पर मशीनें भी भेजी लेकिन ऊपर से आ रहा भूस्खलन ने मशीन को मार्ग साफ करने से रोक दिया और मशीनें दूसरी तरफ खड़ी रहे सरपंच धनी राम, विजय कुमार ,अमीर चंद ने माग की है कि मार्गो को जल्द खोला जाए । इस संबंध में पीएमजीएसवाई विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर ज्योति प्रसाद का कहना है कि मार्ग को साफ करने के लिए पूरे प्रयत्न किए जा रहे हैं लेकिन ऊपर से आ रहे भूस्खलन के कारण समस्या आ रही है जेसे ही भूस्खलन बंद होता है मार्ग को खोल दिया जाएगा।
Publish Date: | Tue, 27 Jul 2021 06:43 PM (IST)
कड़ौदकलां (नईदुनिया न्यूज)। प्रधानमंत्री सड़क योजनांतर्गत रतलाम-गुजरी से कड़ौदकलां व्हाया छायन खुर्द (बदनावर विकास खंड सीमा) पहुंच मार्ग 15.550 किलोमीटर का निर्माण कार्य चल रहा है। निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर आठ बार सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की जा चुकी है। प्रधानमंत्री सड़क योजना विभाग के अधिकारियों का दल शनिवार को मार्ग निर्माण की गुणवत्ता जांचने कड़ौदकलां से गोपालखेड़ी मार्ग पर पहुंचा। जांच दल में शामिल जिले के अधिकारियों के साथ एक दिल्ली का वरिष्ठ अधिकारी होना बताया गया। किसी भी अधिकारी ने न तो मीडिया के किसी सवाल का जवाब दिया और न ही अपने पद का परिचय दिया।
अधिकारियों के वाहनों के साथ मार्ग बनाने वाले ठेकेदार का वाहन भी चल रहा था। दल द्वारा कड़ौद से गोपालखेड़ी मार्ग पर लगभग डेढ़ फीट लंबाई चौड़ाई का दो फीट गहरा गड्ढा खोदा। इसमें निर्धारित मापदंड अनुसार मटेरियल निकालकर छलनी से छाना गया व नियत एमएम के बाक्स प्लेट पर रखकर तौल किया गया।इस प्रक्रिया को जब पूर्ण किया गया, तब प्रधानमंत्री सड़क योजना के सहायक प्रबंधक की उपस्थिति में ठेकेदार के कर्मचारी ठेकेदार के वाहन से रेतनुमा सामग्री निकालकर लाए और जिस एमएम की मात्रा कम निकली, उसमें मिलाकर जांच की प्रकिया पूर्ण की। मापदंडा अनुसार निर्धारित एमएम के बाक्स में मटेरियल सामग्री रखकर विभाग के प्रधानमंत्री सड़क योजना के प्रबंधक सुरेंद्र सिलोटिया व दिल्ली से आए अधिकारी ने बाक्स में रखी सामग्री के फोटो खींचकर जांच प्रकिया पूर्ण की और आगे बढ़ गए। ठेकेदार के कर्मचारियों ने यह हरकत मीडिया के कैमरे में कैद होती देखी, तो आवश्यकतानुसार मटेरियल मिलाकर शेष मटेरियल तत्काल मार्ग के बाजू में फेंककर ऊपर से पत्थर रख दिए। इस प्रक्रिया के दौरान बार-बार स्थानीय पत्रकारों को जांच स्थल से दूर जाने का बोला गया। ठेकेदार ने अधीनस्थ अधिकारी की मिलीभगत से जांच दल की आंखों में दिनदहाड़े धूल झोंक दी। दिल्ली से आए अधिकारी से जांच के बारे में जानना चाहा, तो उन्होंने कुछ बोलने से इन्कार कर दिया। इधर, प्रबंधक सिलोटिया कांच चढ़ाकर वाहन में बैठे रहे और पत्रकारों से चर्चा करना मुनासिब नहीं समझा। जबकि सहायक प्रबंधक वर्मा ने जांच के बारे में यह कहकर टाल दिया कि कुछ बोलने के लिए मैं अधिकृत नहीं हूं।
आठ बार हो चुकी है सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत
कड़ौदकलां निवासी दिनेश रघुवंशी ने मार्ग निर्माण की गुणवत्ता को लेकर कई बार बार सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करवाई है, परंतु शिकायतकर्ता को संतुष्ट या जांच किए जाने की जानकारी दिए बिना ही शिकायत को बंद कर दिया गया।
10 करोड़ से अधिक की लागत में बन रहा मार्ग
रतलाम-गुजरी मार्ग से कड़ौदकलां छायन मार्ग 15.550 किमी दूरी 10 करोड़ 64 लाख पांच हजार की अनुमानित लागत से निर्मित हो रहा है। इस मार्ग का निर्माण मेसर्स एचएससी इंफ्रा प्रोजेक्ट प्रायवेट लिमिटेड झुनझुन राजस्थान द्वारा किया जा रहा है। इसकी क्रियान्वयन एजेंसी मप्र ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई क्रमांक तीन धार है।
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मंगलवार की दोपहर राष्ट्रीय योगी सेना के कार्यकर्ताओं और चंदेन गांव के ग्रामीणों ने जर्जर मार्ग की मरम्मत कराए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार शिकायतों के बावजूद भी आज तक मार्ग की मरम्मत नहीं हो पाई है।
संगठन के जिला संयोजक अरविंदर सिंह चीमा के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ता और ग्रामीण तहसील चंदेन गांव स्थित ऐतिहासिक मंदिर पर एकत्रित हुए। यहां उन्होंने नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इस दौरान ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गांव से रुद्रपुर “उत्तराखंड” बॉर्डर को जोड़ने वाला मार्ग बेहद जर्जर हालतों में पड़ा हुआ है। जिसकी वजह से श्रद्धालुओं और ग्रामीणों को आने-जाने में कड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मार्ग की मरम्मत कराने की मांग को लेकर कई बार राज्यमंत्री सहित अधिकारियों को ज्ञापन दिए जा चुके हैं। लेकिन अभी तक किसी ने कोई संज्ञान नहीं लिया। वहीं, बरसात के मौसम में जलभराव की समस्या की वजह लोग बेहद परेशान हैं। ग्रामीणों ने जल्द मार्ग की मरम्मत कराने की मांग की है। कहा कि मार्ग की शीघ्र मरम्मत नहीं कराई गई, तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इस मौके पर राजेंद्र सिंह मेहरा, दलजीत सिंह विर्क, महेश शुक्ला, मनोज सिंह, जोगिंदर सिंह, ओमप्रकाश, राधेश्याम, गुरमीत सिंह, भूपेंद्र सिंह, देवशीष सिंह, मलकीत सिंह सहित आदि लोग मौजूद रहे।
नजीबाबाद के किला संपर्क मार्ग पर भरा पानी। - फोटो : NAZIBABAD
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भाजपा भाबर मंडल कार्यकर्ताओं ने निंबूचौड़ से मोटाढांक तक मुख्य मोटर मार्ग की मरम्मत करवाने तथा दुर्गापुरी चौराहे पर बड़ी स्ट्रीट लाईट लगवाने की मांग को लेकर स्थानीय विधायक व काबीना मंत्री डा़ हरक सिंह रावत को ज्ञापन सौंपा।
भाजपा भाबर मंडल अध्यक्ष गौरव जोशी के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपते हुए कार्यकर्ताओं ने कहा कि निंबूचौड़ से मोटाढांक तक मुख्य मोटर मार्ग की हालत खस्ताहाल हो रखी है, सड़क पर जगह-जगह गड्ढे बने हुए हैं। जिसके कारण लोगों को आवाजाही में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बारिश के दौरान दो पहिया वाहन चालकों को जान जोखिम में डालकर उक्त मार्ग से आवाजाही करनी पड़ती है। कहा कि दुर्गापुरी व्यापार मंडल द्वारा दुर्गापुरी चौराहे पर लंबे समय से बड़ी स्ट्रीट लाईट लगवाने की मांग की जा रही है, लेकिन उनकी मांग पर अब तक कार्रवाई नहीं शुरू हो पाई है। ज्ञापन में उन्होंने निंबूचौड़ से मोटाढांक तक मुख्य मोटर मार्ग की मरम्मत करवाने तथा दुर्गापुरी चौराहे पर बड़ी स्ट्रीट लाईट लगवाने की मांग की है।
ज्ञापन सौंपने वालों में पवन देवरानी, नितिन कुमार, अनूप बिष्ट आदि शामिल रहे।
Publish Date: | Tue, 27 Jul 2021 07:51 AM (IST)
बालोद (नईदुनिया न्यूज)। जिला मुख्यालय से सीधे जोड़ने वाले मार्ग अत्यंत जर्जर हालत में है। इस मार्ग पर आने-जाने वाले मुसाफिरों के लिए परेशानी का सबब बन चुका है। कई वर्षों से मार्ग का मरम्मत तक नहीं हो पाई है। जिसके कारण हालत बद से बदतर हो गई है। बारिश के दिनों में सड़क जहां तालाब दिखाई पड़ता है, वहीं अन्य मौसम में गड्ढों के बीच सड़क को खोजना पड़ता है।
मार्ग की हालत अत्यंत जर्जर होने की जानकारी देते हुए ग्राम घुमका के ग्रामीण इमरान खान सोनसाय महमल्ला, पुनीत राम भंडारी, खिलावन दास, धरमसिंह, होमन भंडारी ने बताया कि कोहंगाटोला के पास सड़क पर जगह जगह पर गड्डे हो चुका है। जहां पर आए दिन दुर्घटना होते रहती है। सड़क में ट्रैक्टर, ट्रक, मेटाडोर सहित भारी वाहन रोजाना गुजर रहे हैं। भारी वाहनों के दबाव से जुंगेर से घुमका के बीच सैकड़ों जगह पर गड्ढे हो चुके हैं। लिहाजा इससे बाइक व साइकिल चालकों के लिए खतरा बना हुआ है। बारिश के कारण यहां फिसलन की स्थिति होती है। लोग रात में जान जोखिम में डालकर आना जाना करते है। साथ ही ये सड़क इतनी संकरी है कि एक साथ दो बड़े वाहन नहीं गुजर पाते। अब तक पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा जगन्नाथपुर से अर्जुंदा तक सड़क चकाचक बना दिए हैं, वही जुंगेरा से घुमका तक छोड़ दिया गया है।
आप लोगों को बता दें कि उक्त सड़क का शेष हिस्सा जुंगेरा बालोद लोहारा मार्ग से जोड़ने के लिए पीडब्ल्यूडी की तैयारी दो साल से चल रही है पर आगे राशि स्वीकृत ना होने से काम भी नहीं हो पाया है, पर पीडब्ल्यूडी अपनी सड़क को सुरक्षित करने का काम पहले से कर रही है। इसके तहत ग्राम कोहंगाटोला में सड़क किनारे घर बनाने वाले लोगों को नोटिस भी जारी किया है जो अभी भी सड़क के दायरे में आ रहे हैं, उन्हें अपना दुकान मकान का कुछ हिस्सा तोड़ना भी पड़ सकता है। हालांकि इसका विरोध वहां के ग्रामीण भी कर रहे हैं और विभाग से मांग की जा रही है कि कोहंगाटोला बस्ती के भीतर के बजाय बाहर के रास्ते जहां पंचायत द्वारा सीसी रोड बनाया गया है, उस इलाके से नई सड़क को बनाई जाए ताकि लोगों का आशियाना टूटने से बचे पर यह विभाग तय करेगा कि वह अपनी सड़क कहां से कहां और कैसे बनाएगी। जुंगेरा से लेकर जगन्नाथपुर तक अगर यह सड़क पूरी बन जाए तो फिर इसका मुकाबला बड़े-बड़े सड़क भी नहीं कर पाएंगी। स्टेट हाईवे की तरह दिखने वाला यह जगन्नाथपुर अर्जुंदा सड़क चकाचक नजर आएगी।
गड्ढों में भर जाता है बारिश का पानी
वर्तमान में सड़क खराब है। जहां गड्ढों में बारिश पानी भरा हुआ है और आसपास कीचड़ फैला है। जब भी बारिश होती है पानी जाम होने से यहां से गुजरना मुश्किलों भरा होता है। सुबह से रात तक यहां से बालोद हजारों लोग आना -जाना करते हैं। इसलिए यह सड़क महत्वपूर्ण है। स्थिति ऐसी है कि लोगों को परेशानी हो रही है।
अभी कहीं तीन तो कहीं ढाई मीटर चौड़ी है सड़क
इस सड़क को 10 मीटर चौड़ी करने की योजना है। जो अभी कहीं तीन मीटर तो कहीं ढाई मीटर में ही सिमटी है। वही ग्रामीणों का कहना है कि बारिश का सीजन शुरू होने वाला है, वैकल्पिक व्यवस्था के तहत विभाग की ओर से कुछ नहीं किया गया है। अब तक तस्वीर बदल नहीं पाई है।
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क्या है 84 कोस परिक्रमा मार्ग जिसकी हो रही है इतनी चर्चा 
केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते अयोध्या के चारों तरफ 84 कोस परिक्रमा मार्ग को नेशनल हाईवे घोषित करने का फैसला किया है। इस फैसले को यूपी विधानसभा चुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है और कुछ राजनीतिक दलों को ऐतराज है कि इसके जरिए बीजेपी मध्य इलाके में अपने आपको और मजबूत करना चाहती है।
भगवान राम से जुड़ी हैं तीनों परिक्रमा
अयोध्या में सभी तीन परिक्रमाएं - 5 कोस (15 किमी),14 कोस (42 किमी), और 84 कोस (करीब 252 किमी) परिक्रमाएं - भगवान राम से जुड़ी हुई हैं। वाल्मीकि रामायण के बाल कांड में उल्लेख है कि अयोध्या को पहले कोशलदेश के नाम से जाना जाता था, जो शुरू में 48 कोस में फैला था, और बाद में इसे 84 कोस तक बढ़ा दिया गया था। 84 कोस परिक्रमा कोशलदेश की परिक्रमा है जो अयोध्या से जुड़े सभी महत्वपूर्ण स्थानों को छूती है।14 कोस परिक्रमा उस समय के मुख्य अयोध्या शहर के लिए है, और 5 कोस परिक्रमा उस आंतरिक चक्र की परिक्रमा करती है जिसके भीतर राम के राज्य का केंद्र स्थित था।
त्रेता युग से शुरू हुई अयोध्या में परिक्रमा
हिंदू मान्यता के अनुसार 84 कोस परिक्रमा व्यक्ति को 84 लाख योनि के दायित्व से मुक्त करती है। हिंदुओं का मानना है कि अयोध्या की परिक्रमा भगवान राम के युग त्रेता युग से शुरू हुई थी जो 1 लाख साल पहले हुई थी। ऐसा माना जाता है कि राजा दशरथ ने देवताओं से पुत्र प्राप्त करने के लिए अयोध्या से लगभग 20 किमी दूर मनोरमा नदी के तट पर पुत्रयष्ठी यज्ञ किया था। इसके बाद उन्हें अपनी तीन पत्नियों से चार पुत्रों का आशीर्वाद मिला। 84 कोस परिक्रमा उस स्थान से शुरू हुई जहां यज्ञ किया गया था, जिसे अब बस्ती में मखौरा के रूप में पहचाना जाता है। यात्रा करीब 22 दिनों में पैदल ही पूरी की गई थी। इसमें करीब 25 पड़ाव के साथ विश्राम के लिए कई स्थान हैं। दो छोटी परिक्रमा हर साल हजारों भक्तों द्वारा पूरी की जाती हैं। लेकिन 84 कोस परिक्रमा 100-150 से अधिक लोगों द्वारा नहीं की जाती है
कार्तिक महीने में 84 कोस परिक्रमा
84 कोस परिक्रमा कार्तिक के हिंदू महीने में की जाती है। परिक्रमा करने वालों को दिन में केवल एक बार अनाज खाते हैं और बाकी समय फल खा सकते हैं। परिक्रमा पर तीर्थयात्रियों का पहला पड़ाव बस्ती के रामरेखा मंदिर में है। अगले दो पड़ाव बस्ती के दुबौलिया ब्लॉक के हनुमानबाग और अयोध्या में श्रृंग ऋषि आश्रम में हैं। परिक्रमा मार्ग पांच जिलों बस्ती, अयोध्या, अंबेडकर नगर, बाराबंकी और गोंडा के 100 से अधिक गांवों से होकर गुजरता है।
परिक्रमा के महत्वपूर्ण पड़ाव
परिक्रमा मार्ग के महत्वपूर्ण पड़ावों में महादेव घाट, भगनरामपुर सूर्यकुंड, सीताकुंड, जनमेजय कुंड, अमानीगंज, रुदौली, बेलखरा, टिकैत नगर, दुलारेबाग, पारसपुर, उत्तर भवानी, ताराबगंज और बीयर मंदिर हैं। मार्ग के अधिकांश स्थान रामायण की घटनाओं या पात्रों से जुड़े हुए हैं।
नगीना-हरेवली मार्ग पर हरेवली से निकलते ही पुलिया के धंसने से बड़े वाहनों का आवागमन बंद हो गया है। जबकि छोटे वाहन साइड से निकल रहे है। क्षेत्रीय ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस पुलिया की शीघ्र ही मरम्मत नहीं की गई तो यह पूरी तरह ध्वस्त हो जाएगी।
सोमवार को हरेवली-नगीना मार्ग पर स्थित एक पुलिया नीचे धंस गई। जिस कारण हरिद्वार, हरेवली, अफजलगढ़ आदि जाने वालें बड़े वाहनों का आवागमन बंद हो गया है। इस रोड पर बड़ी संख्या में बड़े वाहन गुजरते है क्योंकि टैक्स बचाने के लिए अधिकांश वाहन स्वामी इस सड़क का प्रयोग करते है। क्षेत्रीय ग्रामीण प्रीतम सिंह, चेतराम सिंह, बसंत गुप्ता, इरफान, आदि का कहना है कि बरसात के चलते नगीना-हरेवली मार्ग पर हरेवली से निकलते ही पुलिया धंसने से छह फिट से ज्यादा गहरा गड्ढा हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि दो दिन से हो रही वर्षा के कारण उक्त पुलिया पूरी गिरने का खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों टूटी पुलिया के मरम्मत की मांग की है।
संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग: कर्णप्रयाग के समीप पहाड़ी के आए दिन टूटने से कर्णप्रयाग-बदरीनाथ राजमार्ग पर आवागमन खतरनाक हो गया है। ऐसे में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर कर्णप्रयाग-धारडुंग्री-मैखरा-कंडारा-सोनला ग्रामीण मोटर मार्ग की दशा सुधारने की मांग उठाई है।
पत्र में भाकपा माले प्रदेश सचिव इंद्रश मैखुरी व ग्राम पंचायत मैखुरा के वार्ड सभासद अरविंद डिमरी ने कहा कि सोनला-कर्णप्रयाग के बीच कई स्थानों पर मलबा जमा होने से आवाजाही सुगम नहीं है। सोनला-धारडुंग्री (सोनला, कंडारा, कांचुला, कांडा मैखुरा, कनखुल, गोपथला) मार्ग को राज्य मार्ग का नाम दिया गया है, लेकिन आज तक मार्ग पर सरकार की ओर से कोई सुधारीकरण कार्य नहीं किया गया है जबकि राजमार्ग बंद रहने पर इस मार्ग को वैकल्पिक मार्ग के रूप में प्रयोग किया जा रहा है, जो खस्ताहाल बना है। अवर अभियंता एमएस रावत ने बताया मोटर मार्ग पर जमा मलबा हटाने का काम जारी है, जबकि सुधारीकरण कार्य पूर्व में किया गया है। योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान
संवाद सूत्र, डामटा : भारतीय जनता पार्टी बर्नीगाड़-डामटा मंडल कार्य समिति की बैठक मंडल अध्यक्ष बचन सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई। इसमें वरिष्ठ नेता एवं पूर्व जिपं अध्यक्ष नारायण सिंह चौहान एवं भाजपा जिला महामंत्री सत्येन्द्र राणा ने भी शिरकत की। बैठक में जिला उपाध्यक्ष सरदार सिंह राणा, पूर्व जिला उपाध्यक्ष कुशलानन्द नौटियाल, मंडल उपाध्यक्ष सरदार सिंह चौहान, शांता रावत, हेमलता डोभाल, चैन सिंह रावत, प्रधान विनिता गौड़, सुषमा वर्मा, अरविना चौहान, जयपाल पंवार, दिनेश चौहान,महावीर शाह आदि मौजूद थे। धरासू बैंड में पेयजल संकट
चिन्यालीसौड़ : गंगा और यमुना घाटी को जोड़ने वाले मुख्य कस्बे धरासू बैंड में पेयजल संकट बना हुआ है। 4 जुलाई से धरासू बैंड के बाजार में पानी की आपूर्ति ठप पड़ी हुई है। स्थानीय व्यापारी जय सिंह बर्तवाल, संतोशी बर्तवाल, मनोज चौहान आदि ने कहा कि जल संस्थान के संज्ञान में पेयजल आपूर्ति ठप का मामला होने के बाद भी आपूर्ति सुचारू नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि तत्काल आपूर्ति सुचारू नहीं की जाती है तो जल संस्थान के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा।
दीवान सिंह बने अध्यक्ष
बड़कोट : ठेकेदार यूनियन संघ बड़कोट की नई कार्यकारिणी में दीवान सिंह असवाल को अध्यक्ष व अवतार सिंह रावत को सचिव चुना गया। इसके अलावा कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष पद पर नवीन प्रकाश बहुगुणा, सूर्यपाल सिंह रावत, चन्द्रमोहन बडोनी, सहसचिव पद पर वासुदेव प्रसाद डिमरी, कोषाध्यक्ष सोवेन्द्र सिंह रावत, सह कोषाध्यक्ष वचन सिंह चौहान तथा संरक्षक पद पर महावीर सिंह रावत, कुशलानन्द नौटियाल, महादेव प्रसाद चमोली व जब्बर सिंह पंवार को चुना गया है।
Publish Date: | Mon, 26 Jul 2021 04:55 PM (IST)
छतरपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। वैसे तो बारिश खुशहाली का संदेश लेकर आती है। जिले के कई गांव ऐसे हैं जहां के वाशिंदों के लिए हर बार बारिश मुसीबत बन जाती है। दरअसल इन गांवों की सड़क बारिश में कीचड़ और दलदल में तब्दील हो जाती है। जिससे लोग मुख्य मार्ग तक आसानी से नहीं पहुंच पाते हैं, उसे में पूरी बारिश के मौसम में ये गांव मुख्य मार्ग से कटे रहते हैं।
आमतौर पर शासन प्रशासन गांवों के विकास के लिए सबसे पहले सड़कों का निर्माण कराने पर जोर देता है। पंचायत प्रतिनिधियों की उदासीनता और अधिकारियों की अनदेखी के कारण न तो सड़क निर्माण के लिए प्रस्ताव बनते हैं न कोई सड़क निर्माण पर ध्यान देता है। इस लापरवाही का खामियाजा गांव के लोगों को भोगना पड़ता है। खासतौर से बारिश ऐसे गांवों के लिए किसी बड़ी मुसीबत से कम नहीं होती है। कही मुरम, मिटटी तो कही पथरीले गांव के रास्तों पर बारिश में कीचड़ हो जाता है, कई जगह गडढ़े इतने बड़े हो जाते हैं, कि इनमें मिट्टी व पानी दलदल बना देता है। ऐसे में बारिश के मौसम में इन मार्गों से आवागमन बंद हो जाने से गांव के लोग गांव में ही कैद होकर रह जाते हैं।
जिन गांवों में सड़कें बनवाने के लिए प्रस्ताव मिले हैं उन्हें स्वीकृत कराके निर्माण कराया गया है। जहां बारिश में सड़कों पर कीचड़ हो रहा है वहां अभी गिटटी व मुरम डलवाने और बारिश बाद प्रस्ताव बनवाकर सड़क निर्माण कराने का प्रयास किया जाएगा।
अमर बहादुर सिंह
सीईओ, जिला पंचायत छतरपुर
तालाबनुमा पानी के बीच से निकलना मजबूरी
जनपद पंचायत छतरपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत पहाड़गांव में बराबारे पुरवा के वाशिंदे बैसे तो पथरीले मिटटी वाले रास्ते से आते जाते हैं। बारिश में यह रास्ता कीचड़ से सराबोर तालाबनुमा दलदल में तब्दील हो जाता है। तब ग्रामीण छोटे बच्चों को कंधों पर बैठाकर, गंभीर बीमारों को खटिया पर लिटाकर कंधों पर उठाकर कीचड़भरी रास्ता पार करते हैं। बुजुर्गों को कमर तक पानी के बीच से निकलना पड़ता है, जिससे कई बार वे गिरकर घायल भी हो जाते हैं। ऐसे में अक्सर पानी में रहने वाले सांप लोगों के पैरों से लिपट जाते हैं। बारिश के मौसम में पुरवा तक दो पहिया वाहन आसानी से नहीं पहुंच पाते हैं। ग्रामीण अपनी व्यथा सुनाते हुए रो पड़ते हैं। उनका कहना है कि गांव में जब कोई नेता या अधिकारी आता है तो ग्रामीण सड़क, बिजली और पानी की मांग करते हैं। ये मांगे पूरी तो नहीं हो सकीं केवल आश्वासन जरूर मिल जाते हैं।
छतरपुर। पुरवा के रास्ते में पानी से निकलते बुजुर्ग।-01 फाइल फोटो।
दलदल में तब्दील रास्ते पर चलना मुश्किल
छतरपुर जिले की ग्राम पंचायत छठीबम्हौरी के मजरा गडऱपुर का मुख्य रास्ता बारिश में कीचड़ व दलदल में तब्दील हो गया है। कई जगह गहरे गड्ढे बन गए हैं, इनमें गिरकर लोग हादसों के शिकार हो रहे हैं। इस रास्ते पर चलना मुश्किल हो गया है। गंभीर बीमारों को जब अस्पताल ले जाने में समस्या आती है तो बीमार की जान पर भी बन आती है। ग्रामीणों का आरोप है कि यह मजरा पूरी तरह से उपेक्षित है, जबकि छोटे-छोटे मजरा और टोलों में सीसी रोड बन चुकी है। ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व विधायक ने चुनाव के दौरान यहां सड़क बनाने का भरोसा दिलाया था पर वे अपने 5 साल के कार्यकाल में इस पूरा नहीं करा सके। अब उनका पुत्र यहां से विधायक हैं, वे भी इसे अनदेखा किए हैं।
छतरपुर। गड़रपुर का दलदली मार्ग।-2
दुपारिया में खस्ताहाल सड़क पर चलना मुश्किल
छतरपुर जिले के राजनगर क्षेत्र की ग्राम पंचायत रनगुवां के अंतर्गत आने वाला छोटा सा गांव दुपारिया लंबे समय से विकास की बाट जोह रहा है। ग्राम दुपारिया में पिछले करीब 20 सालों से सड़कों का हाल सबसे बुरा है। बारिश के समय कीचड़ व दलदल वाली सड़क पर लोगों का चलना मुश्किल हो गया है। यहां रास्ते में दलदल हो जाने से लोग बड़ी मुश्किल से निकल पाते हैं। गांव में आने वाले रिश्तेदारों और बीमारों को गोदी में लेकर लोग दलदली सड़क पार कराके मुख्य सड़क तक पहुंचाते हैं। गांव के बच्चों ने बताया हमारे गांव में सिर्फ प्राथमिक स्तर तक ही स्कूल है। इसके बाद पढे के लिए गांव से दो किमी दूर रनगुवां तक इसी दलदली व कीचड़ में तब्दील सड़क को पार करके जाना पड़ता है। कई बार बच्चे कीचड़ में गिरकर चोटिल भी हो जाते हैं।
छतरपुर। दुपारिया में रिश्तेदार को गोद में लेकर कीचड़ से निकलते लोग।-03
कीचड़ से सराबोर मुख्य मार्ग
बड़ामलहरा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत भगवां में बारिश के कारण मुख्य रास्ता कीचड़ में तब्दील है। जिससे ग्रामीणों सहित राहगीरों को आने-जाने में परेशान हो रही है। यहां से निकलते समय कई बार लोग गिरकर घायल हो चुके हैं, सबसे अधिक परेशानी बाइक सवारों को होती है। जरा सी चूक होते ही बाइक फिसल जाती है। भगवां के श्रीकांत द्विवेदी, शोभित जैन, राजू साहू, मुलू खागर, गोलू जैन ने बताया कि उनके गांव में रास्ता खस्ताहाल है। बरसात के दिनों में रास्ते में कीचड़ के कारण निकलना मुश्किल हो गया है। रास्ता बनवाने को लेकर वह वे कई बार शिकायतें कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी समस्या का जल्दी निराकरण नहीं हुआ तो वे धरना-प्रदर्शन शुरू कर देंगे।
Posted By: Nai Dunia News Network
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संवाद सहयोगी, पथरगामा : सांसद आदर्श ग्राम के बोहा पंचायत अंतर्गत आनंद मार्ग आश्रम बदलपुर में पोड़ैयाहाट के पूर्व विधायक प्रशांत मंडल ने 16 आम के पौधे लगाए। पूर्व में भी यहां 20 आम के पौधे लगाए गए थे। मौके पर पूर्व विधायक प्रशांत मंडल ने कहा कि आज के समय में पौधा लगाना समय की मांग है। पेड़ पौधे हमें ऑक्सीजन देते हैं। इसके साथ ही पेड़ फल और लकड़ी भी देते है। कहा कि आज पेड़ की कटाई हो रही है। इसमे पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। पेड़ हमारे लिए जीवनदायिनी है। लोगों से अधिक अधिक पौधे लगाने का आह्वान उन्होंने किया। मौके पर डा कपिलदेव भगत, सामाजिक कार्यकर्ता संजीव टेकरीवाल, सुरेश भगत आदि मौजूद थे।
जिले के गांव फतेहपुर, खेड़ी बैरागी निवासी दर्जनों ग्रामीणों ने पूर्व विधायक राव वारिश के साथ जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर राष्ट्रीय राजमार्ग 709एडी पानीपत खटीमा मार्क पर स्थित गांव फतेहपुर व बेतीखेड़ा को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग के लिए अंडर पास बनवाई जाने की मांग की है।
सोमवार को गांव फतेहपुर खेडी बैरागी के दर्जनों ग्रामीणों ने पूर्व विधायक राव अब्दुल वारिश के नेतृत्व में जिलाधिकारी जसजीत कौर से मुलाकात करते हुए एक प्राथना पत्र सौंपा। जिसमें उन्होने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग पानीपत खटीमा मार्ग पर गांव फतेहपुर के पास कोई भी अंडर पास हाईवे निर्माण में नहीं दिया गया। जबकि यहां पर फतेहपुर बंतीखेड़ा व खेड़ी बैरागी को जोड़ने वाला संपर्क मार्ग है। फतेहपुर गांव के अधिकतर किसानों की कृषि भूमि राष्ट्रीय राजमार्ग के दूसरी ओर हैं। सभी किसानों को अपनी खेती के लिए प्रतिदिन जाना पड़ता है। हाईवे निर्माण के नियम के अनुसार प्रत्येक 2 किलोमीटर पर संपर्क मार्ग पर अंडरपास देने की व्यवस्था है। संपर्क मार्ग पर भी नियमानुसार कार्य करना जरूरी है। परंतु यहां पर अंडरपास कृष्णा नदी के पुल के पास एवं दूसरी और हाथी करोदा के पास अंडरपास दिया गया है। फतेहपुर से हाथी करोरा अंडरपास की दूरी लगभग ढाई किलोमीटर है एवं कृष्णा नदी पुल की दूरी 2 किलोमीटर है। उन्होंने अधिकारियों से सर्वे कराकर ग्राम वासियों व किसानों की समस्याओं का समाधान कराए जाने की मांग की है। इस अवसर पर सुरेन्द्र पाल, बलवान, डा. राम सिंह, आकाश, रविन्द्र सिंह, सुभाष, देवेन्द्र कुमार, वीरपाल, सोमवीर आदि मौजूद रहे।
जागरण संवाददाता, एटा: शहर के भूतेश्वर को जाने वाला मार्ग बारिश के बाद दलदल में बदल गया है। इसे लेकर लोगों को अंत्येष्टि के लिए जाते वक्त काफी परेशानी होती है। शनिवार को लोगों की शिकायत पर सदर विधायक ने वैश्य एकता परिषद के लोगों के साथ मार्ग का निरीक्षण किया। विधायक ने नगर पालिका ईओ से जल्द सड़क निर्माण कराने को कहा है।
काफी दिनों से भूतेश्वर को जाने वाला मार्ग जर्जर हालत में था। जिस पर बरसात के बाद मुश्किलें और बढ़ गई हैं। पूरे मार्ग पर जलभराव होने के साथ ही दलदल हो गया है। ऐसे में लोगों को अंत्येष्टि करने के लिए जाते वक्त काफी परेशानी होती है। दलदल होने के कारण राह चलते लोग फिसल भी जाते हैं। इससे उनके कपड़े खराब होने के साथ ही वे जख्मी भी हो जाते हैं। इसे लेकर गंभीर हुए वैश्य एकता परिषद के लोगों ने मामले की शिकायत सदर विधायक विपिन वर्मा डेविड से की। इस पर सदर विधायक ने मौके पर पहुंचकर मार्ग का निरीक्षण किया। जहां दलदल वाला मार्ग देख विधायक बिफर गए और उन्होंने नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी से मोबाइल के माध्यम से बातचीत की। जिसमें उन्होंने नगर पालिका के ईओ से कहा कि सड़क का जल्द गुणवत्तापूर्ण तरीके से निर्माण कराया जाए। नगर पालिका ईओ डा. दीप कुमार वाष्र्णेय ने कहा कि ठेकेदार को जल्द निर्माण कार्य शुरू कराने का निर्देश दिया गया है। पूरे मार्ग पर इंटरलाकिग कराई जाएगी। वहीं निरीक्षण के वक्त वैश्य एकता परिषद के राष्ट्रीय महासचिव प्रमोद गुप्ता, जिला महामंत्री राजेश गुप्ता, प्रदीप भामाशाह, वैश्य एकता परिषद के जिला उपाध्यक्ष अलोक वाष्र्णेय, संगठन मंत्री राहुल वाष्र्णेय, वीरेंद्र वाष्र्णेय, बंटी वाष्र्णेय, राजकुमार भरत, राजेश, विजय गुप्ता सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
जागरण टीम, आगरा। खेरागढ़ कस्बे को जगनेर आगरा मार्ग से जोड़ने वाला नगला दुल्हे खां मार्ग जर्जर होने से लोग परेशान हैं। पीडब्ल्यूडी की ओर से मार्ग के गढ्डे भरने लिए डाले गए पत्थरों से मुसीबत और बढ़ गई है। बारिश में जर्जर मार्ग और जलभराव के कारण मार्ग से निकलना मुश्किल हो रहा है। कई बार शिकायत के बाद भी मार्ग सही न होने से लोगों में रोष व्याप्त हो रहा है। खेरागढ़ से नगला दूल्हे खां मार्ग जगनेर की पूरी तरह से खराब होने की वजह से डुंगरवाला, कुकंडई, रसूलपुर आदि गांवों के ग्रामीणों को दिक्कत हो रही है। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत कई बार अधिकारियों से की तो पीडब्ल्यूडी विभाग ने रास्ते के गढ्डों में पत्थर डाल दिए। इससे लोगों को और परेशानी हो रही है। इस मामले में जब एसडीएम संगीता राघव से बात की गई तो कोई संतुष्टि पूर्ण जबाव नहीं मिला। सड़क जर्जर हो चुकी है बरसात के मौसम में पानी भर गया था। पीडब्ल्यूडी द्वारा सड़क पर पत्थर डलवा कर मुश्किल ओर बढ़ा दी है ।
बंटी, ग्रामीण, सड़के के हालात बेहद खराब हैं। पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। मार्ग गढ्डों में पत्थर डालकर विभाग ने रही बची कसर पूरी कर दी।
पुरुषोत्तम, ग्रामीण जर्जर सड़क से गुजरते हुए राहगीर आए दिन चोटिल हो रहे हैं। शिकायतों के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
मातादीन, ग्रामीण रसूलपुर सड़क मार्ग से लोगों का निकलना मुश्किल हो गया है। विभाग को शायद किसी बडे़ हादसे का इंतजार है। इसलिए मार्ग को सही नहीं कराया जा रहा है।
प्रमोद, ग्रामीण
सिढपुरा, संवाद सूत्र : इन दिनों धुमरी मार्ग पूरी तरह खस्ताहाल है। 15 किलोमीटर के इस मार्ग में गड्ढे ही गड्ढे हैं। बारिश के चलते गड्ढों में पानी भर गया है। मार्ग पर कीचड़ ही कीचड़ देखने को मिल रहा है। यहां से गुजरने वालों की राह आसान नहीं है। जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते इस मार्ग का बुरा हाल है।
सिढपुरा से धुमरी जाने के लिए 15 किलोमीटर का मार्ग तय करना पड़ता है। यह मार्ग कासगंज एवं एटा जिले को जोड़ता है। इस मार्ग पर इन दिनों बुरा हाल है। मार्ग में हो चुके जगह-जगह गड्ढों में बारिश का पानी भर गया है। इससे मार्ग पर कीचड़ ही कीचड़ हो गया है। यहां से गुजरने वाले लोगों को काफी दिक्कत हो रही है। आवागमन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। लोग कीचड़ से होकर अपने वाहनों को निकाल रहे हैं। जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते इस मार्ग के बुरे हाल हैं। हर किलोमीटर पर गड्ढे बने हुए हैं ग्राम सुनहरा, निबऊआ, सरावल, धर्मपुरा, अतिबल नगला के लोगों ने जिला प्रशासन से मार्ग को दुरुस्त कराने की मांग की है। 15 किलोमीटर के इस मार्ग में 15 सौ गड्ढे हो गए हैं। तमाम शिकायतें की हैं। सुधार नहीं हो पा रहा है। क्षेत्रीय लोग इन दिनों बारिश के चलते कीचड़ से काफी परेशान हैं। आए दिन वाहनों को नुकसान हो रहा है।
- विमल कुमार, स्थानीय निवासी यह मार्ग कासगंज एवं एटा को जोड़ता है। वाहनों का दबाव रहता है। काफी दिनों से मार्ग क्षतिग्रस्त है। जनप्रतिनिधियों से भी इसकी शिकायत की गई है लेकिन मार्ग का सुधार नहीं किया गया है। लोगों को काफी दिक्कतें हो रही है।
- राहुल कुमार, स्थानीय निवासी मार्ग के निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार कराया गया है। बारिश के बाद मार्ग का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।
- सुधीर कुमार, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग
सोहांव। हिन्दुस्तान संवाद
ग्रामीणों ने मार्ग की दुर्व्यवस्था से तंग आकर धान की रोपाई कर आक्रोश जताया। कैथवली से चितबड़ागांव जाने वाले रास्ते की हालत अत्यन्त दयनीय है। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने रविवार को रास्ते के कीचड़ में धान की रोपाई की।
ग्रामीणों का कहना है कि मार्ग खराब होने से तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बारिश में रास्ते पर केवल कीचड़ हो जाने से लोगों को आना जाना भी दुरूह है। दौलतपुर, इटही, बड़ौरा, फिरोजपुर, कथरिया, लड्डूपुर, सुरापाली, कैथवली गांव के लोगों को चितबड़ागांव तथा किसानों को अपने खेतों में जाने के लिए यह सड़क ही सहारा है। लेकिन सड़क पर कीचड़ भर जाने से पैदल चलना भी मुश्किल हो गया। रविवार को कैथवली गांव के दर्जनों लोगों ने सड़क पर फैले कीचड़ में धान की रोपाई कर विरोध जताया। इस मौके पर उमेश, जीसी पाठक, बिहारी शर्मा, मनोज राम, इम्तियाज, रामदुलार, लल्लन, तरूण कुमार, शेषनाथ प्रसाद, विराट, सद्दाम शाह, सरफराज आदि थे।
बाराबंकी: भले ही स्वच्छता सर्वेक्षण की सूची में पूर्व के वर्षों में नगर पालिका परिषद नवाबगंज ने बेहतर स्थान बनाया था, लेकिन मौजूदा समय में सफाई व्यवस्था में नगर क्षेत्र पूरी तरह फिसड्डी साबित हो रहा है। गली से लेकर मुख्य मार्ग तक कूड़े के ढेर लगे देखे जा सकते हैं। घर से कूड़े की उठान व्यवस्था भी पूरी तरह ध्वस्त है। रविवार को दैनिक जागरण की टीम ने कई मुहल्लों की पड़ताल की तो हर जगह गंदगी ही नजर आई। प्रस्तुत हैं रिपोर्ट. शहर के सत्यप्रेमीनगर भुईहारे बाबा मंदिर के निकट कूड़े के ढेर से उठती दुर्गंध के कारण लोगों का जीना मुहाल है। यहां पर आबादी के मध्य सफाई कर्मी ही कूड़ा डंप कर देते हैं। फिर उसे कई दिन तक उठाया नहीं जाता है। यहीं हाल बड़ेल चौराहे के निकट हैदरगढ़ मुख्य मार्ग व लखनऊ अयोध्या मार्ग पर विजय नगर मोड़ के निकट दिखा। कूड़ा यहां भी डंप किया जा रहा है। अभयनगर में काशीराम कालोनी के निकट कूड़ा डंप किया जाता है। जिसे कई दिनों तक नहीं उठाया जाता है। वार्डो में नित्य नहीं पहुंचते सफाई कर्मी: घर से कूड़ा उठान तो पूरी तरह ठप ही है। बड़ेल के सरस्वती विहार कालोनी में गंदगी घर के बाहर फैली रहती है। यहां के निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्ण प्रसाद शुक्ला का कहना है कि घर से जब नगर पालिका गृहकर व जलकर प्राप्त करती है तो उसको मूलभूत सुविधाओं का भी ध्यान रखना होगा। फैक्ट फाइल वार्ड-29 आबादी- करीब ढाई लाख कुल स्थाई सफाई कर्मी- 143 ठेके पर रखे गए सफाई कर्मी- 324 हत्थू ठेले- 120 जेसीबी -तीन ट्राली -दो रोबोट मशीन छोटी -एक सुपरवाइजर -29
इनसेट: कूड़े की उठान वार्डो की गलियों से डंपिग प्लेस पर जाता है, फिर यहां से बनवा स्थित कूड़ा निस्तारण प्लांट पर लाया जाता है। वर्तमान समय में डोर टू डोर वाला प्लान बंद है। इसके लिए वे बात कर रहे हैं। उनका पूरा प्रयास होगा कि शहर में साफ सफाई व्यवस्था बेहतर हो।
पवन कुमार, ईओ, नगर पालिका परिषद, नवाबगंज, बाराबंकी।
बिजनौर : भागूवाला में रपटे पर पानी आने पर मार्ग पर लगी वाहनों की कतार। - फोटो : NAZIBABAD
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बिजनौर : भागूवाला में रपटे पर पानी आने पर क्रेन लगाकर रोका वाहनों का आवागमन।- फोटो : NAZIBABAD
भागूवाला की कोटावाली नदी रपटे पर पानी का तेज बहाव।- फोटो : NAZIBABAD
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सिढ़पुरा, संवाद सूत्र : सिढ़पुरा-सहावर बाया मोहनपुर तक सड़क बदहाल हालत में है। इस मार्ग पर सफर करना जोखिम भरा है। वाहन चालकों को तो परेशानी ...