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ग्रामीणों ने मार्ग निर्माण को लेकर प्रदर्शन किया - Hindustan हिंदी
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प्रहुप्रतिक्षित नैणी- टैटुड़ा मोटर मार्ग को पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार की स्वीकृति मिल गयी है, इससे इस मार्ग के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।
खंसर घाटी के नैणी- टैटुड़ा मोटर मार्ग का निर्माण विवाद के कारण लटका हुआ था। वर्षों पूर्व नैणी गांव के लिए पहले टैटुड़ा गांव से सर्वे हुयी थी, लेकिन टैटुड़ा के ग्रामीणों के विवाद के कारण सड़क की पुन: सर्वे कभी लाटूगैर तो कभी गडौत गांव के की गयी लेकिन इसमें भी पेंच फंस गया। आखिर टैटुडा के ग्रामीणों को विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी मनाने में कामयाब रहे तथा टैटुडा गांव में महिला मिलन केंद्र के लिए दस लाख की राशि स्वीकृत होने पर इस विवाद का पटाक्षेप हो गया। अब प्रधान मंत्री सड़क योजना के तहद इस मोटर के निर्माण प्रारंभ करने की सभी औपचारिकताएं पूर्ण हो गयी हैं। चार किमी बनने वाले इस मार्ग का निर्माण ब्रिडकुल एजेंसी द्वारा किया जायेगा।
प्रधान नैणी केदार सिंह बिष्ट, प्रधान टैटुडा पूजा नेगी, पूर्व प्रधान चंद्र सिंह नेगी, पूर्व प्रधान गजेन्द्र रावत, ममंदल अध्यक्ष हंसी देवी, गोपाल सिंह,महेन्द्र सिंह,पुष्कर लाल व अवतार सिंह बिष्ट आदि ग्रामीणों ने क्षेत्रीय विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी एवं सरकार का आभार व्यक्त किया है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि राम वन गमन मार्ग के बन जाने पर धार्मिक आस्था के केंद्र अयोध्या व चित्रकूट आपस में सड़क के जरिये जुड़ जाएंगे। इससे धार्मिक पर्यटन के साथ पूरे क्षेत्र में आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। गौरतलब है कि 210 किलोमीटर लंबा राम वन गमन मार्ग अयोध्या से शुरू होकर सुलतानपुर, प्रतापगढ़, श्रृंगवेरपुर धाम, मंझनपुर, राजापुर होते हुए चित्रकूट तक जाएगा।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि अयोध्या को चित्रकूट से जोड़ने के लिए प्रस्तावित राम वन गमन मार्ग के निर्माण के लिए अधिगृहीत भूमि के मुआवजा वितरण के साथ एलाइनमेंट व अन्य कार्यों को अंतिम रूप देने की दिशा में लोक निर्माण विभाग तेजी से जुटा है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-96 अयोध्या से सुलतानपुर तक चार लेन रोड के रूप में विकसित है। सुलतानपुर से यह पेवमेंट के साथ दो लेन सड़क के तौर पर विकसित/विकासशील है।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि नवघोषित राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-731ए जो कि प्रतापगढ़ के निकट मोहनगंज से प्रारंभ होकर जेठवारा, श्रृंगवेरपुर धाम होते हुए मंझनपुर, राजापुर के निकट तक विकसित किया जाना प्रस्तावित है। राजमार्ग संख्या-731ए के अलाइनमेंट को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसकी कुल लंबाई 112 किलोमीटर है जिसे तीन पैकेजों (हिस्सों) में विकसित किया जाना है।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि मार्ग के इन पैकेजों के विकसित हो जाने पर क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा। गंगा नदी पर पहले से बने सेतु के उपयोग से कौशांबी जिले के श्रृंगवेरपुर धाम तक सीधे पहुंच हो जाएगी। कुरई घाट पर स्थित राम मंदिर तथा चरवा गांव में बना राम जानकी मंदिर वह स्थान है जहां पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने वन गमन के समय विश्राम किया था। भविष्य में लिंक मार्ग के विकसित होने पर इस क्षेत्र का भी सीधा संपर्क हो जाएगा जिससे राम वनगमन पथ का उद्देश्य भी पूर्ण होगा।
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पिछले दो वर्षों से रंछाड गांव के ग्रामीण रंछाड मांगरौली मार्ग पर जलभराव को लेकर अधिकारियों के दफ्तरो के चक्कर काट रहे है, लेकिन अभी तक इस मार्ग की मरम्मत को लेकर कोई करवाई नही हुई। जिस कारण ग्रामीणों मे काफी रोष व्याप्त है। जलभराव की समस्या का समाधान नहीं होने के कारण ग्रामीण परेशान है।
रंछाड निवासी समाजसेवी रविन्द्र हट्टी का कहना है कि रंछाड गांव के बाहर से कई गांवों को जोड़ने वाला रंछाड मांगरौली मार्ग पिछले दो वर्षों से जर्जर हालत मे पड़ा हुआ है, पूरा मार्ग गड्ढो मे तबदील हो चुका है। वही गांव जल निकासी का कोई उचित प्रबंध न होने के कारण गांव का पानी सड़क पर आ गया है। मार्ग पर जलभराव और कीचड़ होने के कारण ग्रामीणों को आने जाने मे काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।
मार्ग पर हो चुकी है कई दुर्घटना
बिनौली। रंछाड मांगरौली मार्ग मे काफी गड्ढ़े और जलभराव होने के कारण दर्जनों बाइक सवार लोग घायल हो चुके है। जलभराव होने के कारण गड्ढो का पता नही चलता।
सड़क के दोनों तरफ नाले का हो निर्माण
बिनौली। रंछाड मांगरोली मार्ग पर जलभराव से परेशान ग्रामवासी यशपाल, ओमपाल, रघुनाथ, कटार सिंह, जयबीर, ओमबीर तेजपाल का कहना है कि, 4 वर्ष पूर्व पीडब्ल्यूडी विभाग से इस सड़क का निर्माण किया गया था, लेकिन विभाग द्वारा रख रखाव न होने के कारण सड़क कुछ समय बाद ही टूटनी शुरू हो गई थी। उन्होंने कहा कि सड़क पर जलभराव न हो उसके लिए सड़क के दोनो साइड मे नाले का निर्माण होना चाहिए। उसके बाद गांव का पानी सड़क पर नही आएगा।
कोट-
रंछाड़ मांगरौली मार्ग की जर्जर हालत को जल्द ही दुरुस्त करा दिया जाएगा। इसके लिए पीडब्ल्यूडी विभाग के अफसरों को निरीक्षण कर रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए गए है।
दुर्गेश मिश्र, एसडीएम बडौत
वृंदावन। मथुरा-वृंदावन मार्ग को 4 लेन कर चौड़ीकरण का बहुप्रतिक्षित कार्य अब गति पकड़ने लगा है। पीडब्ल्यूडी द्वारा सड़क पर बीच में डिवाइडर बनाकर चौड़ीकरण किया जा रहा है। फिलहाल इस मार्ग को 12 मीटर चौड़ा किया जा रहा है। लेकिन एनजीटी से अनुमति मिलने के बाद साइड में लगे पेड़ों को हटाकर इसे और चौड़ा किया जाएगा। इसके चौड़ीकरण से मथुरा-वृंदावन रोड पर दुर्घटनाओं पर अंकुश लगेगा।
बता दें कि मथुरा मार्ग को 4 लेन कर चौड़ीकरण किए जाने की मांग वर्षों से की जा रही थी। क्योंकि इस मार्ग को यमुना एक्सप्रेस वे से कनेक्ट होने के बाद से यहां वाहनों का आवागमन काफी बढ़ गया था। ट्रैफिक के हिसाब से सड़क की चौड़ाई कम होने के चलते आए दिन वाहन आपस में टकरा कर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते थे। इनमें कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। वहीं दर्जनों लोग घायल हुए हैं। इस सभी घटनाओं एवं समस्या को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने उक्त मार्ग को 4 लेन बनाने के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी। इसके बाद विभाग द्वारा चौड़ीकरण का काम शुरु कर दिया। इसके तहत मसानी तिराहे से पागल बाबा मंदिर तक सड़क के मध्य डिवाइडर बनाया जा रहा है। साथ ही सड़क को 12 मीटर चौड़ा बनाया जा रहा है। हालांकि इसे 14 मीटर चौड़ा किया जाना था लेकिन सड़क के दोनों साइड में करीब 250 पुराने छोटे-बड़े पेड़ आ रहे हैं। इसीलिए इन्हें हटाने के लिए एनजीटी की अनुमति आवश्यक होती है फिलहाल एनजीटी से अनुमति न मिलने के कारण शेष खाली पड़ी भूमि को लेते हुए 10 मीटर चौड़ी सड़क तैयार की जा रही है। बाद में एनजीटी से अनुमति मिलने के बाद इसे और अधिक चौड़ा किया जाएगा। वहीं कई बिजली के खंभे भी काम में रोड़ा बन रह हैं। इन्हें हटाए जाने के लिए पीडब्ल्यूडी द्वारा बिजली विभाग को लिखित रूप में सूचित कर दिया गया है। मथुरा-वृंदावन मार्ग के 4 लेन होने के बाद इस बार आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं से कापी हद तक राहत मिलेगी। वहीं ट्रैफिक जाम की समस्या से भी मुक्ति मिल जाएगी।
मसानी से पागल बाबा मंदिर तक करीब 6 किमी सड़क को डिवाइडर समेत 12 मीटर चौड़ीकरण का कार्य किया जा रहा है। बीच में आ रही पुलियाओं को भी चौड़ा किया जा रहा है। बरसात के बाद मार्ग को तैयार कर लिया जाएगा। हालांकि इस 14 मीटर चौड़ा किया जाना था लेकिन एनजीटी की अनुमति के बिना पेड़ों की कटाई न होने के कारण अभी 12 मीटर चौड़ाई रखी जा रही है। सड़क के बीच में आ रहे बिजली के खम्भों को हटाने के लिए बिजली विभाग को भी पत्र लिखा गया है।
-आरपी सिंह, एई, पीडब्ल्यूडी, मथुरा
Publish Date: | Tue, 29 Jun 2021 09:54 PM (IST)
अमर चौधरी सिरोल्या(नईदुनिया)
बारिश का मौसम है और ऐसे में कच्चे मार्ग कीचड़ से लथपथ होने लगे हैं। कीचड़ से भरे मार्गों से होकर गुजरना ग्रामीणों के लिए कठिन हो गया है। अधिक बारिश होने पर तो कीचड़ से भरे मार्गों से आवाजाही प्रभावित हो जाती है। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में अब सड़कों का निर्माण हो रहा है, लेकिन कई गांव अब भी विकास की धारा से कटे हुए हैं। यहां के लोगों को वर्षभर ही कच्चे, उबड़-खाबड़ मार्ग से होकर गुजरना पड़ रहा है। सिरोल्या व उसके आसपास के कई गांवों की सड़क वर्षों से अपने हाल पर है। तीन-चार बार की बारिश से ही ये मार्ग पैदल चलने के लायक भी नहीं रहे।
सिरोल्या से धामंदा को जोड़ने वाली पांच किमी तक सड़क पर इन दिनों अत्यधिक कीचड़ फैल रहा है। इस मार्ग का दो साल पहले मुरमीकरण हुआ था। इसके बावजूद बारिश में यह मार्ग कीचड़ से लथपथ हो रहा है। इस मार्ग से सैकड़ों लोगों का आनाजाना होता है। अधिक बारिश होने पर यहां से ट्रैक्टर भी निकालना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। कई बार ट्रैक्टर भी कीचड़ में फंस जाते हैं। गांव के लोग सिरोल्या तक नहीं आ पाते हैं। किसान अर्जुन चौधरी ने बताया कि हमारा खेत धामंदा में है। बारिश के दिनों में मार्ग पर कीचड़ अधिक हो जाता है। यूं तो खेत की दूरी अधिक नहीं है, लेकिन कीचड़ हो जाने पर देवास रोड होकर सात-आठ किमी का चक्कर लगाकर खेत पर जाना पड़ता है। अन्य ग्रामीणों ने बताया कि कई बार पंचायत को समस्या से अवगत कराया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
कट जाता है संपर्क-
सिरोल्या से हापाखेड़ा तक करीब दो किमी का मार्ग भी अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। इस मार्ग पर मुरमीकरण भी नहीं हुआ। बारिश के दिनों में पैदल चलना भी कष्टप्रद हो जाता है। मार्ग पर बड़े-बड़े पत्थर है और कीचड़ फैल रहा है। अधिक बारिश होने पर इस मार्ग से सिरोल्या का संपर्क कट जाता है, जिन्हें सिरोल्या जाना होता है, वे पांच किमी घूमकर अन्य मार्ग से जाते हैं। ग्रामीण मूलचंद पटेल ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों को भी मार्ग के बारे में जानकारी है। पंचायत को भी कई बार सड़क बनाने के लिए निवेदन किया। ग्राम पंचायत हर बार आश्वासन देती है और नेता भी कई बार घोषणा कर चुके हैं। जब तक डामरीकरण नहीं हो, तब तक बारिश को देखते हुए मुरम डलवा देना चाहिए।
बन गई तालाब जैसी स्थिति-
सिरोल्या से बांगरदा करीब छह किमी के मार्ग पर ग्राम पंचायत ने मुरमीकरण किया था, लेकिन इन दिनों यह मार्ग चलने लायक स्थिति में नहीं है। सिरोल्या से एक किमी दूर इसी मार्ग पर गांधीनगर कालानी है। यहां 250 से अधिक लोग निवास करते हैं। इनके आनेजाने का मुख्य मार्ग यही है। बारिश में इस मार्ग पर जगह-जगह तालाब जैसी स्थिति बन गई है। लोगों को गंदे पानी और गड्ढों से होकर गुजरना पड़ रहा है। ग्रामीण प्रतीक चौधरी ने बताया कि हर वर्ष बारिश में इसी प्रकार की समस्या होती है। जब तक मार्ग नहीं बनता, तब तक यहां मुरम बिछाना चाहिए, ताकि कीचड़ ना फैले।
बढ़ गई है फिसलन-
सिरोल्या से टिगरिया गोगा तक सड़क का निर्माण आगामी दिनों में किया जाना है। यहां रोड निर्माण के लिए दोनों ओर की झाड़ियों व पेड़ों की कटाई हो चुुकी है। मुरम बिछाकर एक महीने से काम रोक दिया है। बारिश होने से मार्ग पर अधिक फिसलन हो गई है। कई जगह गड्ढे भी है। यह मार्ग सिरोल्या, कैलोद व टिगरिया गोगा को जोड़ता है। तीनों गांवों की आबादी करीब 18 हजार है। यहां से बड़ी संख्या में वाहनों की आवाजाही होती है। वाहन चालकों को आनेजाने में फिसलने का डर बना रहता है। सिरोल्या निवासी मुकेश बंदावाला ने बताया कि यह सड़क जल्द ही बनना चाहिए। सड़क के दोनों ओर खेत लगे हुए हैं। बारिश के दिनों में किसानों को खेत तक पहुंचने में कठिनाई होती है। खेत तक ट्रैक्टर व अन्य वाहन नहीं जा पाते। इस ओर ध्यान देना चाहिए।
होती हैं दुर्घटनाएं-
सिरोल्या से सुतारखेड़ा तक छह किमी की सड़क गड्ढों में तब्दील हो चुुकी है। सड़क की साइड भी उखड़ रही है। यहां से बड़ी संख्या में भारी वाहन भी गुजरते हैं, जिस कारण सड़क पूरी तरह से जर्जर हो रही है। गति अवरोधक नहीं होने से वाहन तेज गति से गुजरते हैं। ऐसे में दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं। ग्रामीण रामअवतार चौधरी ने बताया कि सड़क पर नए सिरे से डामरीकरण किया जाना चाहिए। बारिश को देखते हुए गड्ढों पर भराव होना चाहिए। गड्ढों में पानी भरा होने से कीचड़ भी हो जाता है।
पैदल चलना भी मुश्किल-
सिरोल्या बायपास से बरोठा रोड तक तीन किमी का कच्चा मार्ग है। यह मार्ग पूरी तरह से कीचड़ में तब्दील हो गया है। जिन किसानों के खेत यहां पर है, उन्हें पैदल ही अपने खेत पर जाना पड़ता है। कई बार ट्रैक्टर भी कीचड़ में फंस जाते हैं।
किसानों को अपने वाहन दूर रखकर यहां पैदल होकर जाना पड़ता है। कई बार ट्रैक्टर भी फंस चुके हैं। किसान ईश्वर चौधरी ने बताया कि अधिक बारिश होने पर यहां पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। हमें खेत पर घूमकर जाना पड़ता है। इस ओर ध्यान दिया जाना चाहिए।
सिरोल्या क्षेत्र की सड़कों की स्थिति निश्चित तौर पर खराब है। सिरोल्या से टिगरिया गोगा मार्ग का बारिश बाद डामरीकरण होगा। सिरोल्या-हापाखेड़ा के दो मार्ग है, एक पर डामरीकरण हो चुुका है और दूसरा भी जल्द बनेगा। सिरोल्या-बांगरदा, सुतारखेड़ा, धामंदा के मार्गों की मैंने विशेष स्वीकृति कर दी है। बारिश के मद्देनजर मार्गों पर पंचायत द्वारा सुदूर सड़क के तहत मुरम डलवाएगी।
- मनोज चौधरी, क्षेत्रीय विधायक
Posted By: Nai Dunia News Network
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सिरण-एण्ड मोटर मार्ग निर्माण में हो रही देरी और घटिया गुणवत्ता को लेकर के सोमवार को ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। ग्राम प्रधान कुलदीप बिष्ट के नेतृत्व में ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचे लोक निर्माण विभाग गौचर के सहायक अभियंता अनूप कुमार और ठेकेदारों को जमकर खरी-खोटी सुनाई और बंधक भी बनाया।
सोमवार को मौके पर पहुंचे ग्रामीणों का कहना था कि वह कई बार इस मोटर मार्ग के घटिया निर्माण कार्य एवं लेटलतीफी को लेकर विभागीय अधिकारियों को ज्ञापन दे चुके हैं, परंतु कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिन पहले प्रदेश कांग्रेस सचिव मुकेश नेगी एवं ग्राम प्रधान कुलदीप बिष्ट के नेतृत्व में ग्रामीणों के एक शिष्टमंडल ने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता एमएस रावत से भी मुलाकात की थी। लेकिन फिर भी कोई कार्यवाही नहीं हो पाई। मंगलवार को जब विभाग के सहायक अभियंता मौके पर पहुंचे तो भारी संख्या में ग्रामीणों ने एकत्र होकर विभागीय अधिकारियों एवं ठेकेदारों को जमकर कोसा और बंधक बनाया। ग्रामीणों ने भविष्य में रोड की गुणवत्ता को लेकर कार्य न किए जाने पर जिलाधिकारी एवं शासन तक जाने की बात कही है। वहीं एई अनूप कुमार ने बताया कि यदि सड़क निर्माण में लापरवाही होगी तो कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
थराली के अंतर्गत थराली-कुराड़ मोटर मार्ग विगत दो सप्ताह से बंद पड़ा हुआ है, लेकिन लोक निर्माण विभाग सड़क को सुचारू नहीं कर पाया है। जिस कारण क्षेत्र के एक दर्जन गांवों का तहसील एवं ब्लाक मुख्यालय थराली से संपर्क टूट गया है। ग्रामीणो ने प्रशासन से अवरुद्ध पड़े मार्ग को शीघ्र खोलने कि मांग की है।
क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मी प्रसाद पांडेय ने बताया कि थराली-कुराड़ मोटर मार्ग बंद होने से पूरे क्षेत्र के लोग परेशानी में हैं। 12 वर्ष पहले थराली-कुराड़ मोटरमार्ग का पार्था गांव तक निर्माण हुआ था। प्रत्येक वर्ष बरसात में यह मोटर मार्ग बंद हो जाता है। सड़क में मलबा आ जाता है और पुस्ते टूट जाते हैं। सड़क में डामरीकरण भी नाममात्र का है, जो कि उखड़ चुका है। सड़क मार्ग बंद रहने से बीमार लोगों को पालकी में ले जाकर अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। सामान्य और रोजमर्रा की वस्तुएं खरीदने हेतु लोगों को आठ से दस किमी पैदल चलना पड़ रहा है। उन्होंने शासन-प्रशासन से मांग की है कि शीघ्र थराली-कुराड़ मोटर मार्ग को बहाल किया जाए। बताया कि इस संबंध में एक प्रतिनिधिमंडल उप जिलाधिकारी थराली से वार्ता करेगा।
रोका छेका अभियान एक जुलाई से
बलौदाबाजार। शासन द्वारा 1 जुलाई से रोका छेका अभियान प्रारंभ किया जाना है, परंतु इससे पूर्व ही खेतों में बोनी प्रारंभ होते ही नगर का इकलौता मुख्य मार्ग मवेशियों का अस्थायी ठिकाना बन चुका है। नगर के इकलौते मुख्य मार्ग में इन दिनों सैकड़ों मवेशी जमा हो रहे हैं। जिससे एक ओर जहां नगर का यातायात पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है, वहीं दूसरी ओर दुर्घटना की आशंका भी बढ़ गई है। शासन के रोका छेका अभियान का हाल जिला मुख्यालय के मुख्य मार्ग में ही मवेशियों की भीड़ देखकर समझा जा सकता है।
विदित हो कि कृषि कार्यों की वजह से बरसात होते ही खेतों में फसल का कार्य प्रारंभ हो जाता है, जिसकी वजह से नगर के इकलौता मुख्य मार्ग समेत जिले के अन्य मुख्य मार्ग ही मवेशियों का ठिकाना बन गए हैं। जिला मुख्यालय बलौदा बाजार के जिला न्यायालय से लेकर अंबेडकर चौक तक लगभग दो किमी के मुख्य मार्ग में इन दिनों आधा दर्जन स्थानों पर मवेशी ही बैठे रहते हैं। कार्यालयीन समय यानी सुबह 11 बजे से 12 बजे तक तथा संध्या 4 बजे से 5 बजे के साथ ही साथ नगर में नो एंट्री खुलने के समय रात्रि 10 बजे के बाद तो मुख्य मार्ग का बेहद बुरा हाल होता है। इकलौते मुख्य मार्ग पर मवेशियों के बैठे रहने से बीते कुछ दिनों से नगर की पूरी यातायात व्यवस्था चौपट हो गई है। इकलौते मुख्य मार्ग से ही जिले के बड़े जिम्मेदार अधिकारी तथा जनप्रतिनिधि भी गुजरते हैं तथा उन्हें भी सडक़ पर बैठे मवेशियों की वजह से परेशान होना पड़ता है। बावजूद आज तक समस्या का हल नहीं निकाला गया है। सडक़ पर मवेशियों के बैठने की वजह से सडक़ दुर्घटनाओं में भी वृद्धि हो रही है। शाम को स्ट्रीट लाइट बंद होने, बिजली गुल होने पर कई दो पहिया चालक, साइकिल चालक मवेशियों से टकराकर चोटिल हो रहे हैं। वहीं देर रात नो एंट्री खुलने के समय नगर के मुख्य मार्ग से तेज रफ्तार से गुजरने वाले हैवी वाहनों की चपेट में आने से भी मवेशियों के चोटिल होने की आशंका भी बढ़ गई है।
खेतों में बंद हो गई है चराई
गौरतलब हो कि प्रतिवर्ष धान की बोनी प्रारंभ होते ही ग्रामीण तथा नगरीय इलाके में धान के खेतों को चराई से बचाने के लिए बाकायदा मुनादी कराई जाती है। जिसके बाद यदि दिन में किसी व्यक्ति का पालतू जानवर किसी दूसरे व्यक्ति के खेत में चराई करते पाया गया तो सौ रुपए तथा रात में चराई करते पाए जाने पर दो सौ रुपए का अर्थदण्ड लगाया जाता है। मुनादी के बाद पशुओं के सामने चारा का संकट होता है तथा पशुओं को घर पर ही बांध कर चारा दिया जाता है। परंतु स्थान की कमी की वजह से पशुस्वामी द्वारा पशुओं को घर से बाहर कर दिया जाता है, जिसके बाद पशु सडक़ों पर बैठने को मजबूर होते हैं।
वर्जन
नगर पालिका द्वारा 1 जुलाई से नगर में रोका छेका अभियान चलाया जाएगा। नगर के भैंसापसरा इलाके में नवनिर्मित कांजी हाउस बनकर तैयार है, जहां मवेशियों के चारे-पानी तथा सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। साथ ही नगर के गौरव पथ के पास एक खाली स्थान पर भी घेराकर मवेशियों को रखने का इंतजाम किया गया है।
- राजेश्वरी पटेल, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, बलौदाबाजार
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संवाद सूत्र, नैनबाग: पिछले डेढ़ दशक से भी अधिक समय से अधर में लटका पंतवाड़ी-नागटिब्बा मोटर मार्ग का व
संवाद सूत्र, नैनबाग: पिछले डेढ़ दशक से भी अधिक समय से अधर में लटका पंतवाड़ी-नागटिब्बा मोटर मार्ग का विवाद सुलझने के बाद अब इसके जल्द पूर्ण होने की उम्मीद जगी है। इससे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल नागटिब्बा की दूरी भी कम हो जाएगी जिससे यहां पर पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।
पंतवाड़ी-नागटिब्बा का कार्य वर्ष 2002-03 में शुरू हुआ था। करीब नौ किमी सड़क बनने के बाद बीच में एक स्थानीय काश्तकार की गोशाला व खेत ने सड़क के आगे का निर्माण को रोक दिया। गौशाला व खेत के मुआवजे को लेकर सहमति नहीं बनने से यह मार्ग अधर में लटक गया था। इसको लेकर विभाग व जनप्रतिनिधियों ने काश्तकार को समझाने का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली। विगत दिन विभाग के अधिकारी मौके पर गए और काश्तकार समझाने के बाद उसका मुआवजा भी दे दिया गया जिसके बाद सड़क निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। इस मोटर मार्ग के बनने से अब दस हजार फीट की दूरी पर स्थित प्रसिद्ध पर्यटक स्थल नागटिब्बा की दूरी भी पांच किमी कम हो जाएगी। सड़क का कार्य बंद होने के कारण क्षेत्र के लोगों को भी आवागमन की समस्या से जूझना पड़ रहा था। जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष व पूर्व जिपं सदस्य सुभाष रमोला, नागटिब्बा पर्यावरण विकास समिति के अध्यक्ष देवेंद्र पंवार, गंभीर सिंह रावत का कहना है कि मोटर मार्ग को लेकर अब सहमति बनने के बाद जल्द मार्ग पूरा हो पाएगा जिससे यहां पर पर्यटकों की संख्या भी बढ़ जाएगी। इस संबंध में लोनिवि अस्थायी खंड थत्यूड़ के अधिशासी अभियंता रजनीश कुमार का कहना है कि मोटर मार्ग को लेकर जो विवाद था उसे सुलझा दिया गया है जिसके बाद अब जल्द कार्य पूरा होगा।
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राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने कहा है कि कंडी मार्ग का निर्माण भाजपा ही करेगी। इसके लिए योजना के तहत काम किया जा रहा है। आधी सड़क बनाई जा चुकी है। बाकी भी जल्द बना दी जाएगी। यह मार्ग बनने के बाद लोगों का देहरादून जाने का सफर आसान हो सकेगा।
सोमवार सांसद अनिल बलूनी रामनगर में आयोजित भाजपा के चिंतन शिविर में शामिल हुए। दूसरे सत्र के बाद बलूनी ने कंडी मार्ग निर्माण पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि भाजपा कंडी मार्ग निर्माण के लिए गंभीर है। भाजपा ही इसे बनवाएगी। इसके लिए योजनाबद्ध तरीके से काम हो रहा है। कुमाऊं के लोग यूपी होते हुए देहरादून और हरिद्वार जाते हैं। कंडी मार्ग बनने के बाद लोग अपने राज्य की सड़क से होते हुए राजधानी दून पहुंचेंगे।
कॉर्बेट में टाइगर सफारी जल्द
रामनगर। भाजपा नेता मदन जोशी कॉर्बेट पार्क में टाइगर सफारी के लिए बलूनी से मिले। मदन जोशी ने कॉर्बेट के रेस्क्यू सेंटर में टाइगर सफारी शुरू कराने का आग्रह किया। इस पर बलूनी ने कहा कि पांच या छह टाइगर लाकर सफारी कराई जा सकती है। इसके लिए पार्क प्रशासन भी तैयार है। मदन जोशी ने कहा कि अनिल बलूनी ने कॉर्बेट में जल्द ही टाइगर सफारी शुरू कराने का आश्वासन दिया है।
त्यूणी। संवाददाता
तहसील अंतर्गत भूनाड़ डांगूठा संपर्क मार्ग खस्ताहाल होने से ग्रामीणों को दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। ग्रामीणों ने लोनिवि के अधिशासी अभियंता को पत्र भेजकर मार्ग सुधारीकरण की गुहार लगाई है।
प्रेषित पत्र के माध्यम से ग्रामीणों ने बताया कि भूनाड़ गांव से डांगूठा तक करीब दस किमी मार्ग दशकों पूर्व बना था। इस दौरान ग्रामीणों में खुशी की लहर भी जगी थी। ग्रामीणों को लगा कि मार्ग सेवा से जुड़ने के बाद उनकी मुश्किलें कम होंगी और गांव का विकास हो सकेगा। लेकिन, निर्माण के बाद से विभाग ने मार्ग की सुध नहीं ली है। देखरेख और मरम्मत के अभाव में मार्ग बदहाल हो चुका है। जिससे ग्रामीणों को दिक्कतों भरा सफर करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने ईई से जल्द मार्ग के सुधारीकरण का अनुरोध किया है। पत्र भेजने वालों में महावीर सिंह, जगत सिंह, सूरत सिंह, कमल सिंह, श्याम लाल आदि शामिल रहे।
जागरण संवाददाता, राजौरी : राजौरी से थन्ना मंडी जाने वाले मार्ग की हालत काफी जर्जर हो चुकी है। इससे लोगों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन इस समस्या को दूर करने के लिए कोई भी प्रयास नहीं किया जा रहा है।
स्थानीय निवासी अता मुहम्मद, गुलाम कादिर, मुहम्मद हनीफ, गुलाम अब्बास, फतेह मुहम्मद आदि ने कहा कि पिछले कई वर्षो से इस मार्ग की हालत काफी जर्जर बनी हुई है। यह मार्ग वाहनों के चलने लायक नहीं रहा। अब तो लोग इस मार्ग पर पैदल चलने से भी कतराने लगे हैं। जगह-जगह पर पूरे मार्ग पर गड्ढे बन चुके हैं, जिनमें हर समय पानी ही जमा रहता है। इससे आए दिन इस मार्ग पर हादसे भी हो रहे हैं। मार्ग की हालत जर्जर होने के कारण वाहनों की आवाजाही भी काफी कम हो चुकी है। वाहन चालक भी इस मार्ग की मरम्मत की मांग कर चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। स्थानीय लोगों ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर हम लोग कई बार प्रदर्शन भी कर चुके हैं और सड़क को जाम भी कर चुके हैं, लेकिन इस मार्ग की मरम्मत के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। इससे यह समस्या दिनों-दिन विकराल रूप धारण करती जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही इस समस्या को दूर नहीं किया गया तो हम लोग अब फिर से प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी, क्योंकि प्रशासन इस बुनियादी समस्या की अनदेखी कर रहा है।
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गाजीपुर। आनन्द मार्ग प्रचारक संघ की ओर से 250 लोगों को भोजन में खिचड़ी का वितरण किया गया। डीटीएसएल ब्रह्मचारिणी ऊर्शिता आचार्या के नेतृत्व में हुआ। टैक्सी स्टैंड सहित सभी सार्वजनिक स्थलों व मलिन बस्तियों में इसका वितरण किया गया। ऊर्शिता आचार्या ने बताया कि आनन्द मार्ग में ब्राह्मी साधना की जाती है, नव्य मानवतावाद की बात करता है। जहां किसी भी प्रकार के राजनीतिक, सामाजिक, अर्थनीतिक या आध्यात्मिक शोषण का कोई स्थान नहीं होता। इस कार्य में रीना, भगवान, अनिमेष आनन्द, सज्जन, कृष्ण मोहन, साक्षी राय, सीमा, कृपंशु देव, धन्नो, अंजू आदि ने सराहनीय योगदान दिया।
अमौली। संवाददाता
दपसौरा मार्ग दलदल में तब्दील हो जाने के बाद अब ग्रामीण गांव में विकास की बाट जाहने लगे हैं। गांव के मुख्य मार्ग के दलदल में तब्दील हो जाने के कारण ग्रामीणों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसके चलते ग्रामीणों ने लामबंद होते हुए मार्ग को बनवाने की मुहिम छेड़ दी है। इस क्रम में सीएम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा डीएम से मांग करने के साथ ही आंदोलन का मन बना रहे हैं।
दपसौरा गांव का विकास कागजों तक सीमित होकर रह गया है जबकि हकीकत में इस गांव से विकास कोसों दूर दिखाई देता है। अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे इस गांव में न तो मुख्य मार्ग ही दुरुस्त है और न ही यहां पर साफ-सफाई की ही बेहतर व्यवस्था है। जिसके चलते अब ग्रामीणों ने इसको बनवाए जाने के लिए गंभीरता दिखानी शुरू कर दी है। ग्रामीणों ने गांव का विकास कराए जाने के लिए मुहिम की शुरुआत सीएम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराकर कर दी है। ग्रामीणों का आरोप है कि विकासखंड की ग्रामसभा दपसौरा का विकास दशकों से केवल कागजों में ही सीमित होकर रह गया है। गांव के पंचायत भवन व रास्तों की हालत बेहद खराब है। इसके बाद भी जिम्मेदारों द्वारा महज अपने दरवाजे पर ही आरसीसी करवा ली है जबकि गांव की गलियां व खड़ंजा सफाई के लिए तरस रही है। आलम यह है कि यहां पर बरसात के दिनों में कीचड़ होने से ग्रामीणों का निकलना मुश्किल हो जाता है। चेतावनी देते हुए कहा कि यदि समय रहते गांव के रास्ते व नालियों का काम नहीं कराया गया तो डीएम आवास पर धरना देकर गांव के विकास की मांग की जाएगी। ग्राम प्रधान पर आरोप लगाते हुए बताया कि विकास कार्यों में धांधली के साथ ही अन्य योजनाओं का लाभ भी चहेतों को दिलवाया जाता है जिससे अपात्रों को तो लाभ मिलता है जबकि पात्र लाभ से वंचित रह जाते हैं।
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : शहर में तेज रफ्तारी से बढ़ती जनसंख्या और यान-वाहनों की संख्या के मद्देनजर कई नए मार्ग की आवश्यकता महसूस की जाने लगी है। इसी के मद्देनजर सिलीगुड़ी नगर निगम की प्रशासकीय समिति के चेयरमैन गौतम देव ने रविवार को शहर के निकट ढुकुरिया में ज्ञान ज्योति कॉलेज के निकट वैकल्पिक मार्ग तैयार करने के लिए इलाके का जायजा लिया। उन्होंने उस इलाके में कई जगहों पर जा कर जायजा लिया कैसे सिलीगुड़ी शहर आने-जाने के लिए एक और वैकल्पिक मार्ग तैयार किया जा सके।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस बाबत जल्द ही सर्वे कराया जाएगा। उसके बाद सर्वे रिपोर्ट के आधार पर कदम बढ़ाया जाएगा। सिलीगुड़ी शहर में जिस तेज रफ्तारी से जनसंख्या और यान-वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है, उसके मद्देनजर एक-दो नहीं बल्कि कई वैकल्पिक मार्ग का निर्माण कराया जाना आवश्यक है। क्योंकि, अभी के कोरोना काल को छोड़ दें तो आम दिनों में हर दिन शहर के लोगों को भारी जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है। वहीं, पार्किंग की भी समस्या बनी रहती है। इन सभी समस्या को दूर करने हेतु सिलीगुड़ी नगर निगम की ओर से हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द ही नए वैकल्पिक मार्ग बनेंगे व लोगों को आवागमन में और भी बड़ी सुविधाएं मिलेंगी।
इस अवसर पर सिलीगुड़ी नगर निगम की प्रशासक मंडली के सदस्य रंजन सरकार व अलोक चक्रवर्ती, दार्जिलिंग के डीएम एस. पोन्नमबलम, सिलीगुड़ी के पुलिस कमिश्नर गौरव शर्मा, सिलीगुड़ी-जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण के सीईओ एवं लोकनिर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता अनिंद्य रॉय व अन्य कई सम्मिलित रहे।
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Publish Date: | Sun, 27 Jun 2021 09:14 AM (IST)
नांदघाट (नईदुनिया न्यूज)। ग्राम इटई पहुंच मार्ग बदहाल है। जगह-जगह गड्ढे होने के कारण जल जमाव हो रहा है। हल्की बारिश में ही सड़क कीचड़मय हो जाती है। इस सड़क पर बाइक तो दूर, पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है। ग्रामीण राकेश वर्मा, किशोर कुमार, चिंतामणि साहू ने बताया कि गांव के लोगों को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाला यह एकमात्र रास्ता है जो इन दिनों कीचड़ से सराबोर है। यह कीचड़नुमा सड़क नवागढ़ विधानसभा के विकास कार्यों को मुंह चिढ़ा रही है, जो विकास से कोसों दूर है। इस मार्ग से बड़ी संख्या में लोग आवागमन करते हैं। न केवल पैदल, साइकिल सवारों का बल्कि दोपहिया और चारपहिया वाहनों का लगातार आना-जाना लगा रहता है। मार्ग की हालत ऐसी है कि लोग खुद को कोसते हुए गुजरते हैं कि आखिर इस मार्ग से क्यों आ गए। लेकिन आसपास के लोगों की तो इस मार्ग पर चलना मजबूरी है।
इस सड़क पर कीचड़ होने से ग्रामीणों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है। इसके कारण बरसात के दिनों में पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। गांव तक पक्का पहुंच मार्ग के निर्माण के लिए पूर्व में जनप्रतिनिधियों से कई बार गुहार लगाई, लेकिन समस्या का अभी तक कोई भी स्थाई समाधान नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि चुनाव के वक्त जनप्रतिनिधि लोक लुभावन वादे कर केवल वोट लेने आते हैं, फिर ग्रामीणों के मांग को दरकिनार कर भूल जाते हैं। उन्होंने शासन- प्रशासन से मांग की कि शीघ्र ही गांव के लिए पहुंच मार्ग का निर्माण कराया जाए, ताकि आवागमन में सहूलियत हो।
Posted By: Nai Dunia News Network
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राम वनगमन मार्ग पर लगाए जाएंगे रामायणकालीन वृक्ष 
लखनऊ। राम वनगमन मार्ग को मिलेगी रामायण कालीन वृक्षों की छांव। बेला और चमेली से महकेगा पूरा रास्ता। जगह जगह लगने वाले कदम,रसाल,अशोक,पारिजात,और जामुन आदि के वन त्रेतायुग के परिवेश को पूरी तरह जीवंत करेंगे। इनके पौधों का रोपण वैदिक रीति से होगा। मालूम हो कि वनवास होने पर भगवान श्रीराम जिस रास्ते से गुजरे थे, उसे पौराणिक ग्रन्थों में राम वनगमन मार्ग के नाम से जाना जाता है। महर्षि बाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में अयोध्या और इस मार्ग पर 88 वृक्ष प्रजातियों का वर्णन मिलता है। मुख्यमंत्री की मंशा राम वनगमन मार्ग और उसके अगल-बगल पड़ने वाले ग्राम सभाओं में इसी प्रजाति के वृक्ष और वन लगाने की है। इसमें वृक्षों के अलावा झाड़ियां और घास भी शामिल हैं। इस वर्ष कुल मिलाकर 27,720 पौधों के रोपण किया जाना है।
वन जाते समय भगवान श्रीराम ने तमसा नदी के किनारे पहली रात गुजारी थी। इस जगह को रामचौरा (गौराघाट) के नाम से भी जाना जाता है। अयोध्या वन प्रभाग द्वारा इस स्थान पर इस वर्ष 200 ब्रिकगार्ड बनाए गए हैं। इनमें वैदिक रीति से पौधरोपण कराया जायेगा। इसी तरह बिसुही नदी के किनारे गक्रिजा माता के मंदिर वहां भी इसी तरह पौधरोपण होना है। बिसुही नदी को पार करने के पूर्व इस मंदिर में भी भगवान श्री राम ने पूजा अर्चना की थी। इसके अलावा राम वनगमन मार्ग पर पडने वाले धार्मिक स्थलों पर भी पौधरोपण होना है। राम वनगमन मार्ग के आसपास की ग्राम सभाओं में भी इस सीजन में 27 हजार पौधे रोपित किये जाएंगे।
ग्राम समाज वृक्षारोपणों में स्थल के अनुरूप अलग-अलग प्रजातियों (वृक्ष समूहों) के वन तैयार किये जाएंगे जैसे कदम्ब वन, रसाल वन, अशोक वन, पारिजात वन, जामुन के वन आदि। प्रत्येक स्थल पर रोपण की शुरूआत वैदिक रीति से करायी जायेगी तथा जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में उनके द्वारा करवायी जायेगी। रोपण में जन भागीदारी भी रहेगी। समस्त कार्यवाहियों के फोटोग्राफ रोपण कार्य के पूर्व रोपण कार्य के मध्य व रोपण समाप्ति पर संकलित किये जाएंगे।
इसमें अशोक, साल, आम, परिजात (कल्पवृक्ष), बरगद, चंदन, देवदारू, चंपा , नागकेसर , पुंनाग , महुआ , कटहल , असन , लोध , कदंब , अर्जुन , अक छितवन , अतिमुक्तक , मंदार , प्रियंगु , केश बकुल , जामुन , अनार , कोविदार जन (कचनार) , बेल , खैर , पलाश , बहेड़ा , पीपल , इंगुदी , शीशम, करीर ( करौंदा) , बज्जुल (बेंत), तिलक , ताड़ , तमाल , आंवला , मालती (चमेली) , कुश, गे, सरकंडा, नीम, मल्लिका (बेला), सुपारी, बांस, चिरौंजी, धवक (बाकली) , अंकोल, तेंदू, रीठा, वरण, तिनिश, बेर, धामन, भोजपत्र, कचनार, भिलावा, खस, सलई, नीवार, चिलबिल, केवडा, बड़हल, गर्जन, शमी, पाटल, कुंद, कनेर, करज्ज, बिजौरा, लिसोडा, कतक, सिदुवार, कुरंट, सेमल, मुचकुंद, सिरस, हिताल, सर्ज, चीड़, अमलतास, कुटज, बंधु जीव, पद्मक, रंजक व खजूर, रक्तचंदन, अगर, नारियल आदि शामिल किए जाएंगे।
वन संरक्षक अयोध्या मंडल अनुरूद्घ पांडेय का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी की मंशा के अनुरूप राम वनगमन मार्ग में रामयणकालीन वृक्षों का रोपण होना है। पौधों की सुरक्षा का विशेष ध्यान दिया जाएगा। जरूरत के हिसाब से ब्रिकगार्ड लगाए जाएंगे। बांकी जगह ग्राम प्रधानों की जमीन की उपलब्धता के अनुसार अलग-अलग प्रजाति के वन लगाएं जाएंगे।
नगर निगम प्रशासन द्वारा रंगजी मंदिर एवं गोपीनाथ बाजार क्षेत्र की जलभराव की समस्या के निदान के लिए कात्यायनी मंदिर परिसर से गुजर रहे नाले का स्थाई समाधान न होने तक वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर 10 हार्स पावर का पम्प लगाए जाने की व्यवस्था की है। मानसून से पूर्व यहां पम्प स्थापित कर लिया जाएगा।
बता दें कि क्षेत्र में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए एक वर्ष पूर्व तत्कालीन नगर आयुक्त रविंद्र कुमार मांदड़ द्वारा वर्षों पूर्व कात्यायनी देवी मंदिर के खेत से होकर बनाए गए नाले को खुलाया जिसे मंदिर प्रबंधन द्वारा बंद कर दिया गया था। इस कारण बरसात के दिनों में रंगजी मंदिर मार्केट, गोपीनाथ बाजार, पत्थरपुरा क्षेत्र में जलभराव की समस्या रहती थी। नगर आयुक्त द्वारा बंद पड़े नाले को खुलवाए जाने से पिछले साल यहां जलभराव नहीं हुआ। लेकिन मंदिर प्रबंधन द्वारा नगर निगम द्वारा नाले खुलाए जाने के विरोध में अदालत का दरवाजा खटखटाया और नाले पर दीवार लगाने के आदेश दे दिए। तभी से नाला एक बार फिर से बंद कर दिया गया है।
डुमरियागंज। हिन्दुस्तान संवाद
डुमरियागंज के बैदौला चौराहे से सोनहटी होते हुए मोतीगंज-भारत भारी धाम जाने वाला मार्ग निर्माणधीन है। इसपर बारिश का पानी जमा होने से राहगीरों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रेम प्रकाश, नीरज यादव, जयराम चौधरी, मोहम्मद इलियास, अतीक अहमद, संतराम, मोलहू यादव, भगेलू, राजू आदि का कहना है कि मोतीगंज जाने वाला मार्ग काफी दिनों से जर्जर था। निर्माण कार्य इधर शुरू हुअ तो उसपर जलजमाव हो गया। आवागमन में दुश्वारियां हो रही है। पीडब्ल्यूडी बांसी के एक्सईएन राजेश कुमार ने कहा कि सड़क का निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया है। बारिश हो जाने से निर्माण कार्य में बाधा आ रही है।
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बागपत, जेएनएन। दोघट-सूजती मार्ग की हालत जर्जर होने के कारण क्षेत्रवासियों को समस्या से जूझना पड़ रहा है। शिकायत के बावजूद समस्या का समाधान न होने के कारण ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।
दोघट से सूजती मार्ग की लंबाई लगभग पांच किमी है। इस मार्ग की डेढ़ साल से बेहद जर्जर हालत बनी हुई है। जगह जगह मार्ग टूटकर रोड़ी उखड़कर बिखर गई हैं सड़क में गड्ढे हो गए हैं। मार्ग से दोघट, हिम्मतपुर सूजती, गांगनौली, असारा आदि गांव के लोग आवागमन करते हैं जबकि दोघट, गांगनौली, सूजती के किसानों के खेत भी अधिकांश इस मार्ग से जुड़े हुए हैं, लेकिन अभी तक इस मार्ग की न तो मरम्मत कराई जा सकी है और न ही इसे बनवाया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि दयनीय हालत में मार्ग पर ट्रैक्टर, ट्राली, बुग्गी, बाइक एवं अन्य वाहनों के टायरों को अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसकी शिकायत भी कई बार की जा चुकी है, लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं कराया गया है। प्रभारी एसडीएम रामनयन ने बताया कि पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से बात कर समस्या का समाधान कराया जाएगा। महिला से की अभद्रता
क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला ने कोतवाली में दी तहरीर में बताया कि पड़ोसी युवक उस पर बुरी नीयत रखता है। शुक्रवार सुबह आरोपित ने उसका रास्ता रोक लिया। इतना ही नहीं विरोध करने पर अभद्रता व गाली गलौज भी की। शोर शराबा सुनकर आसपास के लोगों को आता देख आरोपित किसी से शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी देकर फरार हुआ। पीड़िता ने पुलिस से आरोपित पर कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने जांचकर कार्रवाई का आश्वासन दिया।
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पिथौरागढ़, जागरण संवाददाता : एक तरफ कोविड टीकाकरण का महा अभियान चला है। दूसरी तरफ ग्रामीण विभागीय लापरवाही के चलते टीका लगाने केंद्र तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। विकास खंड मुनस्यारी के अंतर्गत दूरस्थ होकरा क्षेत्र के चार गांवों के ग्रामीण टीकाकरण करने तेजम केंद्र तक नहीं पहुंंच पा रहे हैं। मार्ग खोलने के लिए अभी तक पहल नहीं किए जाने से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
मुनस्यारी का होकरा, खोयम, गोल, जर्थी अति दूरस्थ गांव हैं। इस गांव के लिए पीएमजीएवाइ के तहत सड़क बनी है। कक्कड़ सिंह बैंड से होकरा होते हुए नामिक तक निर्माणाधीन मार्ग होकरा, गोला तक बनी है । यह सड़क प्रतिवर्ष मानसून काल आते ही चार से पांच माह तक बंद रहती है। इतना ही नहीं साल भर अधिकांश दिनों तक यह मार्ग बंद रहता है। बीस किमी लंबे इस मार्ग के बंद रहने से ग्रामीणों को आवश्यक वस्तुओं सहित खाद्यान्न के लिए बीस किमी पैदल चलना पड़ता है। यह मार्ग बीते दिनों के बारिश से पूर्व ही आवाजाही के लिए बंद हो गया था।
होकरा, खोयम, गोला और जर्थी गांवों के ग्रामीणों का टीकाकरण केंद्र बीस किमी दूर तेजम बनाया गया है। जबकि पूर्व में ही ग्रामीणों ने होकरा में टीकाकरण केंद्र बनाने की मांग की थी। मार्ग बंद होने से ग्रामीण टीका लगाने तेजम तक नहीं आ पा रहे हैंं। इसकी जानकारी प्रशासन सहित पीएमजीएसवाइ धारचूला के अधिशासी अभियंता को दी जा चुकी है परंतु मार्ग खोलने की कार्यवाही अभी तक प्रारंभ नहीं हुई है। भाजपा मंडल अध्यक्ष तल्ला जोहार दीपू चुफाल ने कहा है कि मार्ग के अभाव में एक हजार की आबादी टीकाकरण से वंचित हो रही है। पीएमजीएसवाइ मार्ग नहीं खोल रहा है। उन्होंने दो दिन के भीतर मार्ग नहीं खोले जाने पर विभाग के खिलाफ उग्र आंदोलन की धमकी दी है।
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विकासखंड के चांदपुर, दशोली और कपीरी पट्टी की तीन दर्जन ग्राम पंचायतों को ब्लाक मुख्यालय से जोड़ने वाले मोटर मार्ग के चौड़ीकरण की मांग ग्रामीणों ने की है। मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा कि मोटर मार्ग पर यातायात अधिक होने और सड़क के संकरी होने की वजह से यहां दुर्घटनाओं की संभावनाएं बनी रहती है।
कपीरी संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी, प्रधान संघ के पूर्व ब्लाक अध्यक्ष खिलदेव सिंह रावत, कोषाध्यक्ष भगवान सिंह कंडवाल आदि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को पत्र भेजकर कहा कि कर्णप्रयाग-नैंनीसैंण मोटर मार्ग से कपीरी पट्टी के पचास से अधिक गांव के साथ ही चांदपुर और दशोली पट्टी के दर्जनों गांव भी जुड़ते हैं। लेकिन कर्णप्रयाग से नैनीसैंण तक मोटर मार्ग की दयनीय हालता बनी है। हालात यह है कि विपरीत दिशा में वाहनों के आने पर घंटों जाम लगता है। यही नहीं इस मार्ग से डिम्मर, मैखुरा, कनखुल, किमोली, सेरागाड़ सहित कई लिंक रोड भी कटती है। जिससे सड़क पर यातायात अधिकत रहता है। ग्रामीणों ने सेरागाड़ मार्ग को डबल लैन करने, किमोली मोटर मार्ग का उमासैंण तक विस्तार करने, रैगांव के लिए सड़क का निर्माण करने, खत्याड़ी-कालूसैंण मार्ग का डामरीकरकण करने की मांग की है।
जहांगीराबाद। नर ही नारायण की भावना से भरे हुए और इसी को अपना मूल मंत्र मानकर बिसवां तहसील में कार्यरत लेखपाल इन दिनों सोशल मीडिया की सुर्खियां बने हुए हैं। आलम ये है कि ये एक माह से अपना घर छोड़कर बाढ़ कटान प्रभावित क्षेत्र में डटे हुए हैं। लोगों की मदद प्रशासनिक कर्मियों को बड़ी सीख दे रही है।
रेउसा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र एक माह के भीतर दुश्वारियों भरा इलाका बन गया है। ऐसे में राजस्वकर्मियों बाढ़ कटान प्रभावित क्षेत्रों को जाने में एक समस्या मान रहे हैं। वही लेखपाल सदानंद उर्फ स्वामी जी इन दिनों में सोशल मीडिया में खूब चर्चित हो रहे हैं। कभी रात में लोगों को खाना बाटते हुए मिले जाते हैं। क्षेत्र का मुआएना और मुआवजा देने के लिए ये रात में नाव का भी सहारा लेने से नहीं चूकते। तहसील क्षेत्र के ग्राम गोलोक कोड़र के दो मजरे फौजदारपुरवा एवं परमेश्वरपुरवा में कटान प्रभावित क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का हल निकालने का प्रयास किया। बाढ़ क्षेत्र में दस वर्षों से कार्यरत 55 वर्षीय लेखपाल सदानंद को लोग स्वामी जी के नाम से पुकारते हैं। दिन रात के कार्यों को लेकर लोगों के बीच ये चर्चा में हैं। तहसीलदार अविचल प्रताप सिंह का कहना है कि लेखपाल का सार्थक प्रयास लोगों को राहत दिलाने में मदद कर रहा है। रामखेलावन, राजाराम और देशराज का कहना है कि बढ़ती बाढ़ की लहरों के बीच जब राहत लेने की बात आती है तो स्वामी जी को ही याद किया जाता है। हाल फिलहाल इन्हीं के कार्य राजस्वकर्मियों के लिए इन दिनों खास नसीहत बन रहे हैं।
जागरण संवाददाता, मनाली : पर्यटन नगरी मनाली को डबललेन के रूप में एक और मार्ग मिल गया है। कीरतपुर से कुल्लू तक फोरलेन मार्ग बन रहा है, लेकिन कुल्लू से मनाली तक बने डबललेन से यातायात का बोझ कम नहीं हुआ था। अब कुल्लू-नग्गर-मनाली मार्ग भी डबललेन बनने से वामतट में रहने वाले हजारों लोगों को राहत मिलेगी।
स्थानीय विधायक एवं शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर अरसे से इस मार्ग को डबललेन बनाने की मांग कर रहे थे। वीरवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भूभू जोत व जलोड़ी टनल सहित कुल्लू-मनाली के वामतट मार्ग को डबललेन बनाने की मांग केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष रखी। केंद्रीय मंत्री ने इस पर हामी भरते हुए इस मार्ग को डबललेन बनाने की घोषणा कर दी। इस मार्ग के डबललेन बन जाने से बागवानों को अपने उत्पाद मंडियों तक पहुंचाने में आसानी होगी। वाहनों में हल्की से बढ़ोतरी हो जाने से इस मार्ग में जगह-जगह जाम लगता है। इस मार्ग पर सात नए पुल भी बन रहे हैं। अब सड़क के डबललेन बन जाने से सफर सुगम हो जाएगा और ट्रैफिक जाम भी नही लगेगा। डबललेन की घोषणा होने से वामतट मार्ग के लोगों में खुशी की लहर है।
ग्रामीण पन्ना लाल, डोले राज, मोहन, दीपक, ठाकुर दास व रमेश ने बताया कि इस सड़क के डबललेन बनने से सफर भी सुरक्षित हो जाएगा और यातायात जाम से निजात मिल जाएगी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि 40 किलोमीटर लंबी लेफ्ट बैंक मनाली सड़क की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को अति शीघ्र तैयार कर लिया जाएगा। शिक्षा मंत्री गोविद सिंह ठाकुर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार जताया।
उन्होंने कहा कि इस सड़क के डबललेन बनने से हजारों लोगों को राहत मिलेगी। उन्होंने राज्य के लिए करोड़ों रुपये लागत की सड़क परियोजनाएं समर्पित करने के लिए केंद्रीय मंत्री का भी आभार व्यक्त किया।
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गडकरी ने की इलेक्ट्रिक परिवहन को बढ़ावा देने की पैरवी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने प्रदेश सरकार को इलेक्टिक परिवहन को बढ़ावा देने के बातकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया है। कुल्लू-मनाली की वादियों को स्विट्जरलैंड तो कहा, साथ ही यह कहकर आगाह भी दिया कि सड़कें चौड़ी करना ही समस्या का समाधान नहीं है। सरकार सड़क निर्माण करती है लेकिन उससे पहले ही लोग सड़क किनारे घरों का निर्माण कर देते हैं। गाड़ियों को सड़क में खड़ाकर हालात पहले जैसे बना देते हैं और सड़क को चौड़ा करने में कोई फायदा नहीं होता।
केंद्रीय मंत्री ने हिमाचल की सुंदरता बनाए रखने के लिए प्रदेश सरकार को इलेक्ट्रिक परिवहन को बढ़ावा देने की सलाह दी। अटल टनल निहारने लाहुल पहुंचे गडकरी ने भी सभी पर्यटन स्थलों को सड़क के बजाय रोपवे से जोड़ने की बात कही। गडकरी ने कहा कि रोपवे का निर्माण करने वालों की सरकार हरसंभव मदद करे, ताकि पर्यटक अनछुए पर्यटनस्थलों को निहार सकें और स्थानीय बेरोजगार अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके।
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Publish Date: | Thu, 24 Jun 2021 05:28 PM (IST)
डोंगरगांव (नईदुनिया न्यूज)। डोंगरगांव से पिपलौद मार्ग के चौड़ीकरण का कार्य बेहद धीमी से गति के कारण क्षेत्र के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बारिश से परेशानी और बढ़ गई है। बुधवार को हुई तेज बारिश में इस मार्ग पर निर्माणाधीन पुलिया के लिए बनाई गई डायवर्सन मार्ग की पुलिया की मुरम पानी में बह जाने से आवाजाही प्रभावित हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि पानी की निकासी के लिए डाले गए पाइप खुल जाने से दुर्घटना का खतरा बढ़ गया है।
पंधाना ब्लाक में डोंगरगांव से पिपलोद हाई वे तक डामर सड़क का निर्माण किया जा रहा हैं। ग्राम पंचायत छनेरा स्थित चर्च के सामने नाले की पुलियां का उन्नायन किया जा रहा है। इसके लिए साइड में सीमेंट के पाइप रखकर डायवर्सन मार्ग बना दिया गया था। बारिश में पाइपों के आसपास डाली गई मुरम बह गई है। इस नाले में बारिश के दिनों में जंगल के अलावा गांव और खेतों की निकासी का पानी भी आता है। जो यहां से सुक्ता डेम में जाता है। बारिश के मौसम में इसमें पानी बना रहने से ग्रामीणों द्वारा ठेकेदार से पुलिया का कार्य जल्द करने की मांग करने के बाद भी ध्यान नहीं दिया गया। विभागीय अधिकारियों की भी लापरवाही से ग्रामीणों को परेशान होना पड़ रहा है। ग्राम के राजकुमार मौर्य और शिवराम पटेल ने बताया कि हमने कई बार ठेकेदार के कर्मचारियों से पुलिया जल्द बनाने की बात कही गई। वहीं पुलिया के साइड में दो पाइप को रखकर ऊपर से मुरम डालकर बनाए गए डायवर्सन में भी दो की जगह चार पाइप रखने के लिए कहा गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। पहली बारिश में नाले में पानी आने पर पाइप की बजाए पानी ऊपर से बहने पर मुरम बह गई। कीचड़ हो जाने के कारण खेतों और पिपलोद पहुंच मार्ग का आवागमन बाधित हो रहा है। इस पुलिया क्षतिग्रस्त होने से डोंगरगांव मार्गो का टूट जाएगा। संपर्क पिपलोद से कुमठा, देहरिया, भीलखेडी, सरायए छनेरा, डोंगरगांव, रजोरा व बोरगांव बुजुर्ग हाई वे इंदौर- इच्छार्पू पहुंच मार्ग व डोंगरगांव से नेपानगर, डोंगरगांव से खंडवा पहुंच मार्ग का संपर्क टूट जाएगा। समस्या के बारे मे पुछने पर पीडब्लूडी के उपयंत्री जीएल चौधरी ने बताया कि चर्च के पास नाले पर बना डायवर्सन मार्ग क्षतिग्रस्त होने कि जानकारी मिली हैं। ठेकेदार से इसकी जल्द मरम्मत करने के लिए कहा है। स्वयं जाकर देखता हूं और समस्या को हल करवाता हूं।
गांधवा मार्ग पर क्षतिग्रस्त पुलिया का अधिकारियों ने लिया जायजा
सिंगोट (नईदुनिया न्यूज)। गांधवा मार्ग पर तेज बारिश में क्षतिग्रस्त हुई पुलिया का गुरुवार को लोक निर्माण विभाग के एसडीओ सजल उपाध्याय व उपयंत्री जीएल चौधरी ने पुलिया का जायजा लिया। उन्होंने कर्मचारियों को तात्कालिक रूप से मलबा डालकर आवागम सुचारू करने के निर्देश दिए हैं। विदित हो कि मंगलवार- बुधवार को क्षेत्र में हुई बरसात में गांधवा के दुबियाखेड़ी पर बनी पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई थी। जिसके कारण भारी वाहनों को निकलने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गुरुवार को पिपलोद थाना प्रभारी ने भी क्षतिग्रस्त पुलिया पर पहुंचकर उसका फोटो वीडियो बनाकर उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया। इस संबंध में लोकनिर्माण विभाग के एसडीओ उपाध्याय ने बताया कि क्षतिग्रस्त पुलिया के गड्ढे अभी भरवाकर वैकल्पिक व्यवस्था कर मार्ग सुचारू किया जा रहा है। पुलिया स्वीकृत है। इसका पूर्व में टेंडर हो चुका हैं। अब रिटेंडर कर शीघ्र कार्य प्रारंभ करवाया जाएगा।
Posted By: Nai Dunia News Network
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ट्रैक का निरीक्षण करते अधिकारी। - फोटो : RAIBARAILY
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संवाद सूत्र, गोवर्धन : गोवर्धन में वन विभाग की जमीन पर शव का अंतिम संस्कार करने जा रहे लोगों को वन कर्मियों ने रोक दिया। परंपरा का हवाला देते हुए ग्रामीण उक्त भूमि पर अंतिम संस्कार करने पर जोर देने लगे तो वनकर्मियों ने एनजीटी के निर्देशों का हवाला देकर रोक दिया। लोगों ने शव को सड़क पर रखकर परिक्रमा मार्ग में जाम लगा दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। नायब तहसीलदार और थाना प्रभारी ने समझा-बुझाकर कड़ी मशक्कत के बाद शव का अंतिम संस्कार कराया।
बुधवार को परिक्रमा मार्ग के भीम नगर में बिल्ला (50) की मौत हो गई। स्वजन देर शाम शव का अंतिम संस्कार करने ले जाने लगे। भीम नगर के लोगों का अंतिम संस्कार तलहटी में होता आया है। वन कर्मियों ने एनजीटी के निर्देशों का हवाला देते हुए, लोगों को रोक दिया। कानून की बंदिशें बताते हुए अन्यत्र स्थान पर अंतिम संस्कार करने की बात कही। इस पर ग्रामीण भड़क गए और शव को परिक्रमा मार्ग में रखकर परिक्रमा मार्ग में जाम लगा दिया और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पूर्णिमा मेला होने के कारण श्रद्धालु ई-रिक्शा और पैदल परिक्रमा लगा रहे थे। ई-रिक्शा की लंबी लाइन लग गई। जाम की सूचना पर नायब तहसीलदार विजय श्याम और थाना प्रभारी प्रदीप कुमार मौके पर पहुंच गए। करीब एक घंटे तक जाम लगा रहा। ग्रामीण लाल सिंह ने बताया कि पिछले कई साल से वह लोग वन विभाग की जमीन में मृतक का अंतिम संस्कार करते आए हैं। सरकार ने अंतिम संस्कार को अलग से भूमि आवंटित नहीं कर रखी, इधर वनकर्मी अंतिम संस्कार नहीं होने दे रहे। हम मृतकों का अंतिम संस्कार आखिर कहां करें। नायब तहसीलदार ने 10 दिन में समाधान करने का आश्वासन दिया, तब ग्रामीणों ने जाम खोला और मृतक का अंतिम संस्कार किया। -वन विभाग की जमीन पर अंतिम संस्कार करने की इजाजत नहीं है। ग्रामीणों को पूर्व में भी बताया जा चुका है। जगह-जगह चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए हैं।
ब्रजेश सिंह परमार, क्षेत्राधिकारी वन, गोवर्धन
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नजीबाबाद में नहर पटरी मार्ग की साइड से कूड़ा हटाती जेसीबी। - फोटो : NAZIBABAD
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पिथौरागढ में जिला मुख्यालय के निकट जीआइसी-सुकौली मोटर मार्ग में महादेव के पास विद्युत पोल लंबे समय से क्षतिग्रसत पड़ा हुआ है।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: जिला मुख्यालय के निकट जीआइसी-सुकौली मोटर मार्ग में महादेव के पास विद्युत पोल लंबे समय से क्षतिग्रस्त पड़ा हुआ है। सड़क किनारे स्थित यह विद्युत पोल अपने स्थान से लगातार झुकते जा रहा है। वर्तमान में हो रही बारिश के चलते विद्युत पोल के आसपास सड़क में जलभराव हो चुका है। इससे इस स्थान पर हर समय हादसे की आशंका बनी रहती है। बावजूद इसके ऊर्जा निगम इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
जीआइसी-सुकौली मोटर मार्ग क्षेत्र की बड़ी आबादी को जोड़ता है। हर रोज सैकड़ों की संख्या में इस मार्ग से लोग आवाजाही करते हैं। बड़ी संख्या में लोग स्थानीय महादेव धारे में पानी भरने जाते हैं, मगर इस मार्ग में सड़क किनारे स्थित एक विद्युत पोल जर्जर हाल में पहुंच चुका है। विद्युत पोल लगातार झुकते जा रहा है। जिसे देखते हुए ऊर्जा निगम द्वारा क्षतिग्रस्त विद्युत पोल को बदलने के लिए यहां पर दूसरा विद्युत पोल रखा गया है, मगर दो माह से अधिक समय बीतने के बाद भी पोल को बदला नहीं गया है। जिस कारण वर्तमान में हो रही बारिश के चलते क्षतिग्रस्त विद्युत पोल के नीचे सड़क में जलभराव हो चुका है। स्थानीय लोगों का कहना है कि विद्युत पोल में करंट भी दौड़ रहा है। लोग जान जोखिम में डालकर मार्ग से आवाजाही कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि यदि इस दौरान कोई भी अप्रिय घटना घटी तो इसके लिए ऊर्जा निगम जिम्मेदार होगा। इधर, ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता नितिन गर्खाल ने बताया कि क्षतिग्रस्त विद्युत पोल को बदलने के लिए शीघ्र ही विभागीय कर्मचारियों को भेजा जाएगा।
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आसपास का लीड-
काम के लिए निविदा प्रकाशित, 24 माह में पूरा करना है निर्माण कार्य
पुल निर्माण से 80 किमी गढ़वा से सासाराम की दूरी हो जाएगी कम
फोटो 23 डालपी 14
कैप्शन: पलामू सांसद विष्णुदयाल राम संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर (पलामू): बिहार के पढुका व झारखंड के गढ़वा स्थित श्रीनगर को जोड़नेवाले सोन नदी पुल के निर्माण की निविदा प्रकाशित कर दी गई है। इस पुल के निर्माण में 196.12 करोड़ का खर्च होंगे। इसे 24 महीने में तैयार कर लिया जाना है। यह जानकारी पलामू सांसद विष्णुदयाल राम ने बुधवार को दी है। बताया कि इस पुल के निर्माण से गढ़वा से सासाराम की दूरी लगभग 80 किलोमीटर कम हो जाएगी। वहीं, गढ़वा से इलाज व अन्य कार्यों के लिए बनारस जानेवालों को भी सहुलियत होगी। सांसद
ने कहा कि इस पुल का निर्माण मेरी प्राथमिकताओं में से एक थी। चुनाव के दौरान क्षेत्र भ्रमण के क्रम में कांडी, हरिहरपुर, मझिआंव एवं गढ़वा के लोगों की हमेशा यह मांग रहती थी। निर्माण को लेकर कई बार प्रधानमंत्री से लेकर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की थी। इस मामले को लोकसभा में शून्यकाल नियम 377 के अंतर्गत भी उठाया था। पुल के निर्माण में सबसे बड़ी बाधा यह थी कि दोनों राज्यों का जुड़ाव राष्ट्रीय राजमार्ग से नहीं था। पुल निर्माण व सड़क निर्माण सीआरआईएफ (सेंट्रल रोड इंटर कनेक्टिविटी फंड) से कराने का निर्णय लिया गया है। अब बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ ,उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश जैसे पांच राज्यों में आवागमन सुगम हो जाएगा। साथ ही पूरा इलाका बिजनेस कोरिडोर के रूप में विकसित होगा।
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डिरेल हुई मालगाड़ी - फोटो : अमर उजाला
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लखनऊ से कानपुर की ओर जा रही मालगाड़ी मंगलवार रात करीब 9:30 बजे पिपरसंड रेलवे स्टेशन से गुजर रही थी। इसी बीच तेज आवाज हुई तो चालक ट्रेन को ब्रेक लगाता इससे पहले ही दो खाली टैंकर पटरी से उतर गए। चालक व गार्ड पिपरसंड के सहायक स्टेशन मास्टर को घटना की सूचना दी।
रेलवे कंट्रोल रूम से जानकारी मिलते ही मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के अधिकारियों की नींद उड़ गई। आनन-फानन लखनऊ से रेस्क्यू टीम को भेजा गया। डिरेल मालगाड़ी के अगले हिस्से को अलग कर रात करीब 12 बजे उन्नाव जंक्शन भेज दिया गया।
ट्रैक बाधित होने से लखनऊ और कानपुर से आने-जाने वाली ट्रेनों को अलग-अलग स्टेशनों पर रोकना पड़ा। स्टेशन अधीक्षक एच मेहंदी ने बताया कि घटना से कई ट्रेनें विलंबित हुईं। लेकिन सभी को अलग-अलग ट्रैक से आवागमन कराया गया। ट्रेनों का आवागमन अब सामान्य है।
रोकी गईं ट्रेेनें
पुष्पक एक्सप्रेस, मरुधर स्पेशल, लखनऊ-अहमदाबाद स्पेशल, लखनऊ-आनंद विहार स्पेशल, गोमती एक्सप्रेस, लखनऊ-एलटीटी स्पेशल, पटना-कोटा स्पेशल, गोरखपुर-एलटीटी स्पेशल, गुवाहाटी-ओखा स्पेशल, दुर्ग स्पेशल, गुवाहाटी-ओखा-द्वारका स्पेशल, मऊ-आनंद विहार स्पेशल, नई दिल्ली-सहरसा हमसफर स्पेशल, पुष्पक एक्सप्रेस, साबरमती स्पेशल एक्सप्रेस, चंडीगढ़-लखनऊ स्पेशल, अमृतसर-कानपुर स्पेशल, गोरखपुर-मुंबई स्पेशल, वैशाली स्पेशल एक्सप्रेस व ताप्ती गंगा एक्सप्रेस ट्रेन सहित बीस ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो गया। सुबह 4 बजे ट्रेनों का आवागमन सामान्य हो पाया। ट्रेनें तीन से पांच घंटे तक लेट हुईं।
सिढ़पुरा, संवाद सूत्र : सिढ़पुरा-सहावर बाया मोहनपुर तक सड़क बदहाल हालत में है। इस मार्ग पर सफर करना जोखिम भरा है। वाहन चालकों को तो परेशानी ...