ख़बर सुनें
डोल-रक्तल-चंगेहड़ मार्ग बंद - अमर उजाला - Amar Ujala
Read More
ख़बर सुनें
अमेठी : क्षेत्र की बदहाल सड़कें स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई हैं। विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत इन्हौना-सेमरौता मुख्य मार्ग से रतवलिया मैंझार सम्पर्क मार्ग पूरी तरह से गड्ढों में तब्दील हो गई है। हाल यह है कि उक्त मार्ग पर चलने वाले लोग आए दिन गिरकर घायल हो रहे हैं। बावजूद इसके अभी तक इस गंभीर समस्या पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।
ग्रामीण सतीश कुमार आदि ने बताया कि सड़क की दुर्दशा के कारण ही वह लोग बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलते हैं। हल्की बारिश के बाद इस संपर्क मार्ग की स्थिति और भी खराब हो जाती है। लोगों का कहना है कि सड़क पर बने जगह-जगह गड्ढों में पानी भरने के बाद बाइक सवार उसमें गिरकर घायल हो जाते हैं। इसके अलावा पैदल चलने वाले लोग भी अगर संभल कर न चलें तो वह भी चोटहिल होते हैं। मार्ग जर्जर होने से स्थानीय निवासियों को आने जाने में मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। लोगों में बताया कि संपर्क मार्ग निर्माण को लेकर कई बार शिकायत भी किया गया, लेकिन नतीजा सिफर रहा।
ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए तत्काल संपर्क मार्ग मरम्मत की मांग की है। कहा कि अगर हम लोगो की मांग पूरी नहीं की गई तो हम लोग आंदोलन करने को बाध्य होंगे। इस सम्बंध में अधिशाषी अभियंता ने बताया कि मार्ग के नवीनीकरण के लिए टेंडर प्राप्त कर लिया गया है। जल्द ही उक्त सम्पर्क मार्ग की मरम्मत का कार्य शुरू करा दिया जाएगा।
शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप
ख़बर सुनें
जमुई। राष्ट्रीय मुख्य पथ 333ए के सियाटांड़ मोड़ से टेलवा बाजार, कुराबा, चौधरिया, धमनिया होते हुए विराजपुर, चकाई को जोड़ने वाली 11 किलोमीटर लंबी सड़क इस कदर बदहाल है कि वाहन क्या लोगों का पैदल चलना मुश्किल है। यह सड़क झाझा व चकाई प्रखंड के कई गांवों को जोड़ती है। इतना ही नहीं इस क्षेत्र का टेलवा बाजार इकलौता व्यवसाय केंद्र है। इसी मार्ग में टेलवा प्लस टू उच्च विद्यालय भी है। चुनाव के दौरान मार्ग को दुरुस्त करने की सियासत खूब होती है। चुनाव बाद सभी भूल जाते हैं।
भाकपा माले के जिला कमेटी सदस्य कंचन रजक ने कहा कि इस मार्ग की जल्द मरम्मत नहीं हुई तो आंदोलन का बिगुल फूंका जाएगा। व्यवसायी शैलेंद्र वर्णवाल कहते हैं कि बड़ी संख्या में ग्रामीण इस मार्ग से टेलवा बाजार आते है। कोडरमा, हजारीबाग, गिरिडीह, बरही की मंडी से व्यवसायी अपना सामान इस मार्ग से लाते है। मार्ग के बदहाल होने से व्यवसायियों को असुविधा होती है। व्यवसायी रंजीत वर्णवाल ने कहा कि इस मार्ग में झाझा और चकाई प्रखंड के कई गांव सीधे टेलवा बाजार से जुड़ते है। रमेश कुमार कहा कि चुनाव के समय मार्ग जल्द दुरुस्त कराने का वादा किया जाता है, लेकिन बाद में यह सब्जबाग बन जाता है।
------
कोट
मार्ग मरम्मत के लिए डीपीआर भेजा गया है। बिहार सरकार के प्रयास से सभी मार्ग दुरुस्त किए जा रहे हैं। जो बाकी है उसे भी चिन्हित कर दुरुस्त किया जाएगा।
दामोदर रावत, पूर्व मंत्री सह झाझा विधायक
-------
पिछले वर्ष ही नई अनुरक्षण नीति 2018 अन्तर्गत इस मार्ग के लिए डीपीआर तैयार कर भेजा गया है। स्वीकृति के साथ ही मरम्मत का कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
शंकर यादव, कनीय अभियंता
शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
त्यूणी। संवाददाता
तहसील अंतर्गत किस्तूड़ मोटर मार्ग विभागीय उपेक्षा का दंश झेल रहा है। मार्ग की बदहाली का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने लोनिवि से जल्द मार्ग के निर्माण की मांग की है।
किस्तूड़ गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए लोनिवि चकराता ने वर्ष 2000 में सात किमी लंबे इस मार्ग का निर्माण किया था। स्वीकृति के बाद विभाग ने सात किमी कटिंग के बाद तीन किमी मार्ग का निर्माण भी कराया। लेकिन, उसके बाद चार किमी मार्ग को विभाग ने इसी हाल में छोड़ दिया। जिसके बाद से ग्रामीण कच्चे और बदहाल इस मार्ग पर सफर कर रहे हैं। ग्राम प्रधान ज्ञान सिंह ने बताया कि मार्ग खस्ताहाल होने के कारण ग्रामीणों को आवागमन में दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। इतना ही नहीं, बारिश के दौरान मार्ग पर जगह-जगह कीचड़ पैदा हो जाता है। जिसके बीच ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर आवागमन करना पड़ता है। बताया कि इस सम्बंध में कई बार विभागीय अधिकारियों सहित स्थानीय जन प्रतिनिधियों से मांग की जा चुकी है। लेकिन, कोई मार्ग निर्माण के प्रति गंभीरता नहीं दिखा रहा है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि, इस बार भी विभाग ने मार्ग निर्माण के प्रति कार्रवाही नहीं की, तो ग्रामीण विभाग के खिलाफ आंदोलन को विवश होंगे। उधर, संपर्क करने पर लोनिवि चकराता के अधिशासी अभियंता एमएस बेडवाल ने बताया कि मार्ग निर्माण के लिए सहायक अभियंता को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गये हैं।
संवाद सहयोगी, पांगी : जनजातीय क्षेत्र पांगी में पहाड़ खिसकने से ठप हुए राष्ट्रीय राजमार्ग सहित सैचुनाला मार्ग को बहाल करने के लिए सीमा सड़क संगठन ने काम शुरू कर दिया है। रविवार को मार्ग पर बड़ी-बड़ी चट्टानों सहित मलबे को हटाने का काम दिनभर चला। हालांकि, मार्ग का काफी अधिक हिस्सा भूस्खलन की चपेट में आने से इसे बहाल करने में कुछ समय लग सकता है।
पांगी मुख्यालय किलाड़ से करीब 13 किलोमीटर दूर साच घराट के पास सैचुनाला और पुरथी जीरो प्वाइंट में शुक्रवार देर रात राष्ट्रीय राजमार्ग और सैचुनाला मार्ग का पहाड़ी गिरने से नामोनिशान मिट चुका है। भूस्खलन के कारण करीब 50 मीटर सड़क पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिस कारण मार्ग पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बाधित हो गई है। पहाड़ी से बड़ी-बड़ी चट्टानें गिरने से सैचु, शून, साच, कुमार, साहली, रेई, पुरथी, शौर, मिधल पंचायतों का संपर्क कटने से लोगों का एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। बिना बारिश के पहाड़ दरकने से लोगों में दहशत है।
लोगों का कहना है कि बारिश व बर्फबारी के दौरान यह घटना सामान्य है, लेकिन, बिना बारिश के पहाड़ गिरने से चिता बढ़ गई है। बहरहाल, सीमा सड़क संगठन मार्ग को बहाल करने में जुटा हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग सहित सैचुनाला मार्ग को बहाल करने के लिए सीमा सड़क संगठन ने युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया है। मार्ग पर भारी मात्रा में मलबा व चट्टानें गिरी हैं, जिसके कारण इसे बहाल करने में दिक्कतें आ रही हैं। संगठन की कोशिश है कि जल्द से जल्द मार्ग को बहाल कर वाहनों की आवाजाही शुरू करवा दी जाए।
उमेश कुमार, सिविल इंजीनियर सीमा सड़क संगठन।
शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप
पिथौरागढ़/ नाचनी/ धारचूला, जागरण संवाददाता : शनिवार की रात पिथाैरागढ़ जिलेभर में भारी बारिश हुई। मुनस्यारी के तल्ला जोहार में बारिश ने काफी नुकसान पहुंचाया । भारी बारिश से मलबा आने से थल-मुनस्यारी मार्ग आठ घंटे बंद रहा। एक ट्रैक्टर ट्राली नाले में बहने से बाल-बाल बची। क्षेत्र के सभी सम्पर्क मार्ग बंद हो गए। कोट्यूड़ा गांव में एक मकान की छत उड़ गई ।
शनिवार से सीमांत में मौसम का मिजाज बदल गया। शनिवार सायं रामगंगा नदी घाटी क्षेत्र मुवानी में भारी बारिश हुई। देर सायं रामगंगा और भुजगड़ नदी के मध्य स्थित तल्ला जोहार में आफत की बारिश हुई। बारिश से पूर्व तेज अंधड़ चला। अंधड़ के चलते कई स्थानों पर पेड़ उखड़ गए , बिजली लाइन क्षतिग्रस्त हो गई । लगभग डेढ़ से दो घंटे तक अंधड़ के साथ मूसलधार बारिश हुई । चलते तल्ला जोहार में आम जनजीवन प्रभावित रहा। इस दौरान लोग दहशत में रहे।
भारी बारिश के चलते नदी, नाले ऊफान पर आ गए। नाचनी -बांसबगड़ मार्ग में हुपुली के पास पहाड़ की तरफ से पानी और मलबा आने से ठेकेदार की एक ट्रैक्टर ट्राली इसकी चपेट में आ गई। ट्राली सड़क से मलबे के साथ खाई की तरफ पहुंच कर लटक गई। इसी दौरान कोट्यूड़ा गांव में गणेश सिंह के मकान की छत उड़ गई । मकान हिलते देख कर परिवारजनों अंधड़ और भारी बारिश के बीच घर से बाहर दौड़ लगा कर पड़ोसी के घर पर शरण ली। घर में रखा सारा सामान नष्ट हो गया। इसकी सूचना तेजम तहसील प्रशासन को दे दी गई है।
भारी बारिश से थल-मुनस्यारी मार्ग में नौलड़ा, नया बस्ती और हरडिय़ा में मलबा आने से मार्ग बंद हो गया। मार्ग बंद होने के कारण रविवार सुबह से यातायात बंद रहा। दोपहर बारह बजे मार्ग यातायात के लिए खुल सका। भारी बारिश के कारण मलबा आने से क्षेत्र की सभी लिंक सड़के बंद हो चुकी हैं। जिसमें कुछ मार्ग तो खोल दिए गए हैं कुछ मार्ग अभी भी बंद हैं।
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें
शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप
कृष्णाब्रह्म। निज प्रतिनिधि
यास नामक चक्रवाती तूफान से हुई मूसलाधार बारिश ने सात निश्चय योजना के हकीकत की पोल खोल दी। डुमरांव प्रखंड के सोवां गांव में मानसून से पहले हुई बारिश ने गली-मुहल्लों में जल-जमाव के साथ मुख्य सड़कों पर झील सा नजारा कायम कर दिया। शनिवार को बारिश व तूफान का कहर शांत होने के बाद ग्रामीणों ने जहां राहत की सांस ली, वहीं जगह-जगह लगे जल-जमाव व कीचड़ ने उन्हें पुन: अपने घरों में दुबकने को मजबूर कर दिया। गांव में जल-जमाव के पीछे प्रमुख कारण सरकारी जमीन का अतिक्रमण एवं नालियों का कायदे से निर्माण न होना बताया जा रहा है।
आवागमन में हो रही परेशानी : सोवां सहित आस-पास के गांवों में शनिवार को ‘यास का असर न के बराबर था। आसमान में काले बादल के साथ घनघोर घटाएं लोगों को डरवा जरूर रही थी। परन्तु, दोपहर सिर्फ चंद समय के लिए ही तेज बारिश हुई। चक्रवाती तूफान ने सबसे अधिक सोवां-बेलहरी मार्ग को प्रभावित किया है। चौंगाई व ब्रह्मपुर प्रखंड के दर्जनों गांवों को जोड़ने वाला यह मार्ग बारिश से कई जगह तालाब का रूप धारण कर लिया है। इससे राहगीरों के साथ आम लोगों को आवागमन करने में काफी परेशानी हो रही है। गांव के कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि गांव के मुख्य मार्ग के किनारे खाली पड़ी सरकारी जमीन पर दबंग प्रवृत्ति के लोगों ने पक्के मकानों का निर्माण करवा लिया है, जिससे जल-निकासी की समस्या गंभीर हो गई है। लोगों ने बताया कि सड़क किनारे अतिक्रमित की गई जमीन को अगर, खाली करवा दिया जाए तो गांव से जल-जमाव की समस्या स्वत: खत्म हो जाएगी।
चट्टान दरक जाने से तवाघाट- गर्बाधार- लिपुलेख मार्ग बंद हो चुका है। मार्ग बंद होने से चीन सीमा से लगे व्यास घाटी आने जाने वाले वाहन देर शाम तक फंसे रहे। बीअारओ मलबा हटाने में जुटा है लेकिन देर शाम तक यातायात को बहाल नहीं किया जा सका था।
धारचूला, जागरण संवाददाता : मांगती के पास चट्टान दरक जाने से तवाघाट- गर्बाधार- लिपुलेख मार्ग बंद हो चुका है। मार्ग बंद होने से चीन सीमा से लगे व्यास घाटी आने जाने वाले वाहन देर शाम तक फंसे रहे। बीअारओ मलबा हटाने में जुटा है, लेकिन देर शाम तक यातायात को बहाल नहीं किया जा सका था।
शनिवार पूर्वाह्न तवाघाट-गर्बाधार- लिपुलेख मार्ग पर गर्बाधार के निकट मांगती के पास विशाल चट्टान दरक गई और भारी मात्रा में मलबा सड़क पर गिर गया। इसी के साथ मार्ग आवाजाही के लिए बंद हो गया। इस स्थान के निकट बीते दिनों भारी चट्टान के दरक कर बुलडोजर मशीन में गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई थी। इसी स्थान के निकट शनिवार को भी मार्ग चौड़ीकरण कार्य के दौरान चट्टान दरक गई।
सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण इस मार्ग पर उच्च हिमालयी गांवों के ग्रामीण, सेना, अद्र्धसैनिक बल, बीआरओ के लोग आवाजाही करते हैं। मार्ग बंद होने के कारण धारचूला से कोविड किट लेकर व्यास घाटी को जा रही टीम भी फंस गई। बीआरओ ने शाम चार बजे तक मार्ग खोलने का दावा किया था, परंतु शनिवार शाम तक मार्ग खुलने की कोई सूचना तहसील मुख्यालय तक नहीं पहुंची है। बीआरओ मलबा हटाने में जुटा है।
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें
शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप
जागरण संवाददाता, मंडी : जिला में हुई तेज बारिश ने जमकर कहर बरपाया है। सदर के ऊपरी क्षेत्र में बादल फटने के कारण मैहनी गांव में बाढ़ आ गई। इससे सड़क पूरी तरह से तबाह हो गई है। पंचायत घर सहित अन्य घरों को भी नुकसान हुआ है।
दोपहर बाद चले तेज तूफान व बारिश के कारण पंडोह क्षेत्र में पड़ती मैहनी पंचायत में बाढ़ आ गई, सारा पानी खेतों से होकर आने के कारण कृषि भूमि पूरी तरह से बह गई। तेज हवा से बीएसएनएल का टावर गिर गया, इसके साथ ही 20 देवदार के पेड़ जड़ समेत उखड़ गए। कई घरों की छतें उड़ी तो ओलावृष्टि के कारण घरों में खिड़कियों पर लगे शीशे भी टूट गए। मैहनी पंचायत घर में 76,000 रुपये से लगे सोलर पैनल भी तबाह हो गए हैं। शिवाधार-मैहनी रोड पर भारी मलबा आने से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। इसमें लगभग 20 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। पंडोह-शिवा रोड पर भी मलबा आने के कारण 60 हजार का नुकसान, सतौर-थाटा रोड में 50 हजार, तो कैंची मोड-सातमील रोड बंद होने से दो लाख का नुकसान हुआ है। इसके अलावा अन्य मार्गों पर भी मलबे गिरे हैं। विभाग को लगभग 40 से 50 लाख का नुकसान आंका जा रहा है। पंचायत प्रधान मैहनी रेशमा ठाकुर ने बताया कि भारी बारिश के कारण पंचायत में काफी नुकसान हुआ है।
---------
मैहनी पंचायत में बादल फटने के कारण सड़क पूरी तरह से तबाह हुई है। चार सड़क मार्गों को 40 से 50 लाख का नुकसान हुआ है।
-केके कौशल, एसई लोक निर्माण विभाग मंडी।
----------
घर की छत उड़ी
सहयोगी, लडभड़ोल : लडभड़ोल की बाग पंचायत के पट्ट गांव में पशुशाला पर पेड़ गिर गया। सावित्री देवी के मकान के एक कमरे की छत भी तेज तूफान से उड़ गई। टोर गांव के मिलाप चंद के मकान की दीवार गिर गई। बैग पंचायत के प्रधान राजीव खान ने प्रशासन से मांग की जाए की पीड़ित परिवार को हरसंभव सहायता प्रदान की जाए।
----------
मक्की बिजाई कर सकेंगे किसान
सहयोगी, गोहर : उपमंडल सहित आसपास के इलाकों में शनिवार को बारिश के चलते किसानों ने राहत की सांस ली है। गोहर और सराज के पहाड़ी इलाकों में मक्की की फसल व सब्जियों सहित अन्य नकदी फसलों की बिजाई की जानी है। बारिश से जमीन को नमी मिली है, जो खेती के लिए उपयुक्त है।
----------
चौंतड़ा में घरों में घुसा पानी
संवाद सहयोगी, जोगेंद्रनगर : तेज बारिश से मंडी-पठानकोट हाईवे तालाब बन गया। ढेलू के नजदीक सड़क पर अचानक पत्थर गिरे। इस दौरान सड़क से गुजर रही कार इसकी चपेट में आने से बाल-बाल बच गई। चौंतड़ा बाजार में सड़क किनारे नालियां बंद होने के कारण दुकानों और घरों में पानी घुस गया।
ओलावृष्टि फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। बिजली की गर्जना से अधिकांश जगह पर बिजली भी गुल हो गई। एसडीएम अमित मेहरा के अनुसार तेज बारिश और ओलावृष्टि से नुकसान की कोई भी सूचना प्रशासन को नहीं मिली है।
शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप
बैरिया। पूर्वांचल को बिहार से जोड़ने वाले जयप्रभा सेतु (माझी पुल) के क्षतिग्रस्त अप्रोच मार्ग की मरम्मत का कार्य शनिवार की देर शाम पूरा कर लिया गया। कार्य पूर्ण होने के बाद वाहनों को आवागमन की छूट दे दी गई। भारी बरिश के कारण घाघरा नदी पर बने इस पुल का अप्रोच मार्ग गुरुवार की कट गया था। जिसके कारण दो दिनों से इस एनएच 31 पर वाहनों का आवगमन ठप था।
बिहार से आने और बैरिया की ओर से बिहार जाने वाले बड़े वाहन या तो मार्ग बदलकर लम्बी दूरी तय करते हुए गए या फिर खड़े रहे। इस बीच, मौके पर पहुंचे एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्क्टर पंकज कुमार ने मरम्मत कार्य का जायजा लेने के बाद उम्मीद जतायी कि शनिवार की देर शाम तक आवागमन बहाल हो जाएगा। मौके पर युद्धस्तर पर कार्य हो रहा था। जयप्रभा सेतु का अप्रोच टूटने के लिए प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने पुल की डिजाइन को जिम्मेदार बताया। तकनीकी टीम के साथ निरीक्षण के बाद बातचीत में उन्होंने ने कहा कि इस सेतु को जिस डिजाइन से बनाया गया है, उसे ‘स्लीपिंग डैक कहते हैं। इस तरह की डिजाइन में पुल का
पानी अप्रोच की ओर से ही निकलता है। चूंकि लगातार बारिश होने के चलते पानी का बहाव अप्रोच की ओर तेज था, लिहाजा यह टूट गया था।
शायद आप ऐड ब्लॉकर का इस्तेमाल कर रहे हैं। पढ़ना जारी रखने के लिए ऐड ब्लॉकर को बंद करके पेज रिफ्रेश करें।
पेज रिफ्रेश करें
सिमरिया धाम। एक संवाददाता
राजेन्द्र सेतु के सड़क मार्ग की मरम्मत के लिए केंद्रीय मंत्री सह बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह के द्वारा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष रखी गई मांग का असर अब रंग लाने लगी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजेन्द्र सेतु के सड़क मार्ग के सतह की कंक्रीट को काट कर नयी ढलाई के लिए रेल अधिकारी व एक्सपर्ट की टीम राजेन्द्र सेतु पर पहुंच कर सर्वेक्षण कर रहे हैं। एनएचएआई ने सेतु की मरम्मत के लिए रेलवे को 80 करोड़ 87 हजार 640 रुपए का भुगतान करने के बाद अब इसके टेंडर की प्रकिया को लेकर रेल अधिकारी दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि एक सप्ताह से दस दिनों के भीतर टेंडर की प्रकिया समाप्त कर सेतु के सड़क मार्ग की पुरानी ढलाई को काट कर हटाने व नयी ढलाई करने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो राजेन्द्र सेतु के सड़क मार्ग की मरम्मत जल्द ही शुरू हो जाएगी। मरम्मत के दौरान सेतु के सड़क मार्ग पर छोटे वाहनों के आवागमन में परेशानी नहीं हो इसको लेकर वर्ष 2016 में सेतु के सड़क क्रॉस गार्टर बदलने के दौरान जिस तरह सड़क मार्ग पर वनवे व्यवस्था कर वाहनों को पास कराया जा रहा था, उसी तरह वनवे व्यवस्था से आवागमन होगा। सेतु मरम्मत का कार्य लगभग एक साल में पूरा होगा। इस दौरान सेतु के सड़क मार्ग के नीचे से गुजर रहे 25 हजार वोल्ट के विद्युत तार व ट्रेनों के परिचालन को ध्यान में रखा जाएगा। बताया गया कि निर्माण के दौरान ट्रेनों का परिचालन बाधित नहीं हो इसकी व्यवस्था भी की जाएगी।
मरम्मत के बाद 50 टन क्षमता तक के वाहनों का हो सकेगा परिचालन
राजेन्द्र सेतु के सड़क मार्ग की मरम्मत के बाद इस पर 50 टन क्षमता तक के वाहनों के परिचालन होने की बातें सूत्रों द्वारा बताई गई है। सेतु के निर्माण के समय से ही इस पर 16 टन क्षमता तक के वाहनों का परिचालन की अनुमति मिली थी। सूत्रों के अनुसार राजेन्द्र सेतु के सड़क मार्ग पर मरम्मत के बाद 50 टन वजन तक वाहनों का परिचालन हो सके, इसको लेकर लोड बांटने के लिए सेतु के सड़क मार्ग की सतह में डाईफार्म (लोहा) लगाया जाएगा। उक्त लोहा लग जाने के बाद सेतु के सड़क मार्ग में डबल गार्टर हो जाएगा इससे इसकी मजबूती क्षमता और अधिक बढ़ जाएगी। इसके अलावे सेतु के स्लैब (कंक्रीट) की मोटाई भी लगभग 5 इंच से बढ़ाकर सात इंच तक तथा निर्माण के दौरान मजबूती को देखते हुए सरिया की मात्रा को भी बढ़ाने की बातें कही गई हैं।
राजेन्द्र सेतु के दोनों किनारे लगे गार्टर को और नीचे किया जाएगा
राजेन्द्र सेतु के सड़क मार्ग से भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगाने के लिए सेतु के दोनों किनारे पटना जिले के हाथीदह व बेगूसराय जिले के सिमरिया में रेलवे के द्वारा लगाए गए हाइट गेज (गार्टर) को और नीचे कर स्थाई रूप से पैक किया जाएगा। हाइट गेज को और नीचे हो जाने के बाद सेतु के सड़क मार्ग से केवल बोलेरो, स्कार्पियो इसके समक्ष या इससे छोटे वाहनों का ही आवागमन हो सकेगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन दिनों सेतु के सड़क मार्ग से धड़ल्ले से पिकअप गाड़ी से बालू की ढुलाई होने पर पिछले दिनों एनएचएआई व रेलवे के अधिकारी ने पटना व बेगूसराय जिला प्रशासन को पत्र देकर इस अविलंब रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन इस दिशा में कोई पहल नहीं होने के बाद रेलवे के अधिकारियों ने उक्त निर्णय लिया है।
सिक्सलेन सड़क पुल के बाद भी बरकरार रहेगा राजेन्द्र सेतु का महत्त्व
सिमरिया में गंगानदी पर राजेन्द्र सेतु के समानांतर बन रहे सिमरिया-औटा सिक्सलेन सड़क पुल का निर्माण हो जाने के बाद भी राजेन्द्र सेतु का महत्त्व बरकरार रहेगा। बताया जाता है कि निर्माणाधीन सिक्सलेन सड़क पुल से बेगूसराय के लोगों को केवल पटना साइड आने-जाने में सहूलियत होगी, इस सेतु से होकर जिसे हाथीदह या लखीसराय की ओर जाना होगा उसे औटा तक जाकर वापस लौटना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में हाथीदह लखीसराय, मुंगेर या भागलपुर आने-जाने वाले लोगों के लिए राजेन्द्र सेतु सिक्सलेन सड़क पुल के निर्माण के बाद भी इसका अलग महत्त्व रहेगा।
राजेन्द्र सेतु के सड़क मार्ग के दोनों तरफ लगेगी वेट मशीन
राजेन्द्र सेतु के सड़क मार्ग की मरम्मत के दौरान सेतु के दोनों ओर पटना जिले के हाथीदह व बेगूसराय जिले के सिमरिया में वेट मशीन लगाए जाने की बातें बताई गई है। इससे सेतु से होकर गुजरने वाले वाहनों का वजन पता चल सकेगा। सूत्रों ने बताया कि सेतु से होकर भारी वाहन नहीं गुजरे इसको देखते हुए सेतु के दोनों ओर वेट मशीन लगाने की योजना उक्त टेंडर में ही है। वाहनों को सेतु में प्रवेश करने से पूर्व वेट मशीन से भारी वाहनों का पता चल जाएगा और उसे सेतु में प्रवेश पर रोक लगाया जाएगा।
महुआ बाजार। हिन्दुस्तान संवाद
क्षेत्र के मोहल्ला गांधीनगर वार्ड नंबर एक में करीब आठ माह पूर्व सड़क निर्माण के लिए मिट्टी पटान कराया गया। इंटरलॉकिंग व नाली निर्माण के लिए ठेका हुआ था, लेकिन ठेकेदारों और नगर पालिका की उदासीनता के कारण निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका। जिसे लेकर मोहल्ला वासियों में काफी आक्रोश है।
मोहल्ला वासी खलीलुल्लाह, ध्रुव प्रकाश, राजेश सोनी, राहुल कुमार, राज किशोर पांडेय व आलोक कुमार मिश्रा ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत कर कहा है कि करीब आठ से नौ माह पूर्व मोहल्ला गांधी नगर के वार्ड नंबर एक में नगर पालिका परिषद की ओर से सड़क निर्माण के लिए मिट्टी पटान किया जा चुका है। जिसमें दो फिट मिट्टी पटान की और जरूरत है। सड़क पर इंटरलॉकिंग व नाली निर्माण के लिए ठेका हुआ था, लेकिन नगर पालिका व ठेकेदार की उदासीनता एवं लापरवाही के चलते निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया। निर्माण कार्य पूर्ण कराने के लिए कई बार नगर पालिका से संपर्क कर समस्याओं से अवगत भी कराया गया। अभी तक नगर पालिका की ओर से कार्य पूरा नहीं कराया गया। हल्की बरसात होने पर सड़क पूरी तरह से कीचड़ से भर जाता है और लोगों को आवागमन में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वार्ड वासियों निर्माण कार्य पूरा कराए जाने की मांग की है।
वर्चुअल बैठक में शिक्षा योजनाओं पर चर्चा
बलरामपुर। संवाददाता
स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बेसिक शिक्षाधिकारी एवं लेखाधिकारी के साथ ऑनलाइन जूम मीटिंग करके परिषदीय शिक्षा के विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। समीक्षा में 25 बिंदुओं पर जानकारी ली गई।
बेसिक शिक्षाधिकारी डॉ. रामचंद्र एवं जिला वित्त एवं लेखाधिकारी प्रदीप कुमार के साथ मिशन शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद ने ऑनलाइन मीटिंग करके योजनाओं की समीक्षा की। इनमें मुख्य रूप से शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन एवं वेतन भुगतान के संबंध में जानकारी ली। शिक्षकों के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण, पारस्परिक स्थानांतरण व अंतिम वेतन प्रमाण पत्र एलपीसी आदि का अनुसरण किया। उन्होंने कहा कि परिषदीय व प्राथमिक विद्यालयों में नियम विरुद्ध फर्जी रूप से नियुक्त शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।
ऑनलाइन प्रतियोगिता में छात्रों ने किया प्रतिभाग
बलरामपुर। संवाददात
पायनियर पब्लिक स्कूल एंड कॉलेज में बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर ऑनलाइन विभिन्न प्रतियोगिताओं का अयोजन किया गया। प्रतियोगिता में विद्यालय के बच्चों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया। बच्चों ने भाषण, निबंध व चित्रकला आदि प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर अपनी उत्कृष्ट प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
प्रतियोगिताओं में कक्षा नर्सरी से 12वीं तक के बच्चों ने प्रतिभाग किया। बच्चों ने ऑनलाइन भाषण, निबंध व चित्रकला के माध्यम से भगवान बुद्ध के जीवन पर प्रकाश डाला। साथ ही उनके उनके बताए गए रास्तों पर चलने का संकल्प लिया। चित्रकला प्रतियोगिता में नर्सरी की आराध्य पांडेय, काव्या पांडेय व अक्षत श्रीवास्तव सफल रहे। कक्षा एलकेजी की एंजेल सिंह, यूकेजी के रूद्र श्रीवास्तव, कार्तिक सिंह, स्लोक तिवारी, आशुतोष मिश्रा, माही मोदनवाल व कक्षा चार की अंशिका तिवारी, तानिया मिश्रा, मनिका, ईशान श्रीवास्तव एवं कक्षा पांच की खुशी चौधरी, अंशुमान तिवारी भाषण प्रतियोगिता में अव्वल रहे। विद्यालय प्रबंध निदेशक डॉ. एमपी तिवारी ने बच्चों को ऑनलाइन प्रतियोगिता में भगवान बुद्ध के जीवन के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए उनके सद मार्गों को अनुसरण करने की बात कही। साथ ही ऑनलाइन परीक्षा में सफल बच्चों को विद्यालय खुलने पर पुरस्कृत करने को कहा।
आकस्मिक निधन पर शोक
बलरामपुर। संवाददाता
उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष एवं शिक्षक कर्मचारी पेंशन बहाली महासंघ के अध्यक्ष मोहम्मद मुकीम के आकस्मिक निधन से उनके सार्थियों में शोक की लहर दौड़ गई। जिला पुरुष चिकित्सालय के कर्मचारी एवं उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष के आकस्मिक निधन को स्वास्थ्य कर्मचारियों सहित संघ ने अपूरणीय क्षति करार दिया।
शिक्षक कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली महासंघ के सचिव ज्ञान सागर पाठक ने कहा कि महासंघ ने एक संघर्षशील सिपाही को खो दिया। सरल-सहज व मिलनसार व्यक्तित्व के धनी मोहम्मद मुकीम सभी की चिकित्सा सेवा के लिए तो तत्पर थे ही साथ ही साथ महासंघ के अगुआ भी थे। उनके निधन से कर्मचारियों, शिक्षकों, इंजीनियर, लेखपाल व सेक्रेटरी यूनियन के पदाधिकारियों ने शोक प्रकट करते हुए मृत आत्मा की शांति की प्रार्थना की। प्रांतीय उपाध्यक्ष के निधन पर विकासकांत पांडेय, अनुराग रस्तोगी, पीयूष मिश्र, इकबाल, महमुदुल हक, शिव कुमार सोनी, अवधेश कुमार श्रीवास्तव, पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष गुरबचन, नवीन सिंह, जिलाध्यक्ष कमरुद्दीन अंसारी, बृजेश, यूटा जिलाध्यक्ष देव कुमार मिश्रा, फैजान अंसारी, विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन प्रांतीय कोषाध्यक्ष दिलीप चौहान, जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र शुक्ला, तुलाराम गिरि, केजीबीवी शिक्षक कर्मचारी एसोसिएशन के मोहम्मद आफताब, दीपक यादव, मोहम्मद अकील, घनश्याम लाल, अरविंद पांडेय व विजेंद्र शुक्ला आदि ने शोक संवेदना व्यक्त की है।
बलरामपुर। हरिहरगंज से ललिया को जाने वाला मार्ग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है। कई जगह पुल को जोड़ने वाला एप्रोच मार्ग जर्जर है। सड़क की गिट्टियां भी जगह-जगह उजड़ गई हैं। जिससे वाहनों के दुर्घटना ग्रस्त होने की आशंका बनी रहती है। ग्रामीण लालमणि व पहलवान आदि ने बताया कि मार्ग क्षतिग्रस्त होने से तमाम प्रकार की दिक्कते उठानी पड़ती है। चलने के लिए रास्ता तक नहीं बचा है।
अग्निशमन केन्द्र बनवाने की मांग
रेहरा बाजार। ब्लाक मुख्यालय रेहराबाजार में अग्निशमन केन्द्र बनवाने की मांग लोगों ने की है। राम कुमार गुप्ता, राजेश कुमार व हरीराम ने बताया कि 20 किलोमीटर परिक्षेत्र में अग्निशमन केन्द्र नहीं है। अग्निकांड की घटना होने पर दमकल कर्मियों को पहुंचने में काफी समय लगता है। ग्रामीणों का कहना है कि अग्निशमन केन्द्र न होने से गांव में अग्निकांड की तमाम घटनाएं होती है। दमकल कर्मी समय से नहीं पहुंचते हैं। लोगों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
सड़क बदहाल, हो रही दिक्कत
सादुल्लाहनगर। क्षेत्र के कम्मरपुर गांव को जाने वाली सड़क बदहाल है। मोहम्मद शमी, सोनेलाल व ओम प्रकाश ने बताया कि बड़े वाहनों के निकलने से धूल के गुब्बारे उड़ने से लोगों को काफी परेशानी होती है। ग्रामीणों ने बताया कि सड़क बदहाल होने से दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने नई
सड़क बनवाने की मांग की है।
प्राइवेट वाहन कर रहे मनमानी वसूली
उतरौला। बलरामपुर-उतरौला मार्ग पर परिवहन निगम की बस सेवा बढ़ाने की मांग नगर वासियों ने की है। बादल, मनीष व विक्की ने बताया कि 12 से चार बजे के बीच बलरामपुर से उतरौला के लिए निगम की बस संचालित नहीं होती है। ऐसे में यात्रियों को डग्गामार वाहनों का सहारा लेना पड़ता है। उतरौला से सादुल्लाहनगर जाने के लिए कोई सरकारी वाहन नहीं है। लोग प्राइवेट वाहनों के सहारे यात्रा करते हैं।
नगर में कई स्थानों पर कूड़े का ढेर
बलरामपुर। क्षेत्र के बाजार में कूड़ादान न होने से जगह-जगह कूड़े का अंबार लगा रहता है। इससे लोगों का राह चलना दुश्वार हो गया है। अजय मिश्रा व रक्षाराम ने बाजार में कूड़ादान रखवाने की मांग की है। गौरा चौराहा के आस-पास सड़क किनारे लोग मनमाने तरीके से कूड़ा फेंककर उसे जला देते हैं। चुंगी नाका के पास कूड़ा घर ढह गया है। मोहल्ला वासी नगर पालिका को टैक्स नहीं देते हैं।
शायद आप ऐड ब्लॉकर का इस्तेमाल कर रहे हैं। पढ़ना जारी रखने के लिए ऐड ब्लॉकर को बंद करके पेज रिफ्रेश करें।
पेज रिफ्रेश करें
संवाद सहयोगी, घरोटा: निर्माणाधीन नए हाईवे को मिलाता व्यानपुर-जंडी चौंता-घरोटा मार्ग को अपग्रेड कर दो जिलों के लोगों को राहत देने के लिए लोगों ने गुहार लगाई, ताकि बढ़ते यातायात साधनों व संकीर्ण मार्ग के कारण आए दिन हो रहे हादसों पर अंकुश लग सके। क्षेत्रवासी बोध सिंह, राजेश सिंह, मनोहर सिंह, स्वर्ण सिंह, वरियाम चंद, मदन सिंह, जोगिद्र पाल, कालू शर्मा, अमित सूरी व अशोक कुमार ने कहा कि यह मार्ग कई गांवो को आपस में जोड़ता है। यह चक्की दरिया के करोड़ों की लागत से निर्मित हाई लेवल पुल और कंकरीट मार्ग को मिलता है। वहीं प्रसिद्ध तीर्थ स्थान पिडोरी धाम, तिव्वडी छावनी, पुराना शाहला के अतिरिक्त गुरदासपुर क्षेत्र के गांवों को जोड़ता है। वहीं दूसरी ओर पठानकोट व घरोटा को जाने वाले लोग भी इस मार्ग से हो कर गुजरते हैं, लेकिन बढ़ते यातायत साधनों के कारण यह मार्ग तंग होता जा रहा है। क्रशर व भट्ठा उद्योग की गुजरती टिप्परों और ट्रैक्टर-ट्रालियों के कारण भी मार्ग की स्थिति दयनीय हो गई है। इसलिए कैबिनेट मंत्री अरुणा चौधरी इस मार्ग को जल्द अपग्रेड करे।
पूर्व ब्लाक समिति सदस्य व कांग्रेस नेता अजमेर सिंह ने कैबिनेट मंत्री व हलका विधायक से मांग करते हुआ कहा कि जल्द उक्त मार्ग को अपग्रेड कर लोगों को राहत दी जाए। उन्होंने कहा कि इस मार्ग के अपग्रेड होने से क्षेत्र के किसानों को गन्ने की फसल को मिल में ले जाने में भी राहत मिलेगी।
शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप
शायद आप ऐड ब्लॉकर का इस्तेमाल कर रहे हैं। पढ़ना जारी रखने के लिए ऐड ब्लॉकर को बंद करके पेज रिफ्रेश करें।
पेज रिफ्रेश करें
कटिहार। हसनगंज प्रखंड को कोढ़ा प्रखंड को जोड़ने वाली सड़क का चार वर्ष बाद भी जीर्णोद्धार नहीं हो पाया है। बाढ़ में ध्वस्त इस सड़क के निर्माण को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने कई बार जनप्रतिनिधियों एवं विभागीय अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया। लेकिन इस दिशा में अब तक कोई पहल नहीं हो पाई है। सड़क जर्जर होने के कारण लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कोसी नदी की छाड़न कहे जाने वाले चांपी घाट, भसना नदी, कमला नदी बरसात के समय काफी तबाही मचाती है। वर्ष 2017 की भीषण बाढ़ में प्रखंड क्षेत्र के नया टोला गांव स्थित चांपी पुल के समीप सड़क ध्वस्त हो गया था। जिससे सड़क के बीच करीब 38 फीट का कुंड बन गया है। सड़क मरम्मत को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा कई बार आश्वासन दिया गया। सड़क पर कुंड रहने के कारण लोगों को किसानों के खेत होकर बालू, कीचड़ सने रास्ते से आवागमन करना पड़ रहा है। साथ ही बरसात के समय स्थिति और भी नारकीय हो जाती है। पानी और कीचड़ के बीच आवागमन करना लोगों की मजबूरी बन जाती है। नदी के जलस्तर में वृद्धि होने पर सरकारी स्तर पर नाव की सुविधा तो दी जाती है। लेकिन नाविकों द्वारा लोगों से भाड़े के मद में मनमाना राशि की वसूली की जाती है। पिछले वर्ष स्थानीय लोगों द्वारा चचरी पुल बनाया गया। मुख्य बाजार व गैस गोदाम तक पहुंचने के लिए कोढ़ा प्रखंड के राजवाड़ा व रौतारा पंचायत के लोग बड़ी संख्या में इस सड़क मार्ग से आवागमन करते हैं। बरसात के मौसम में 12 किमी अधिक दूरी तय कर ग्रामीणों को बाजार व गैस लेने के लिए गोदाम तक पहुंचना पड़ता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि दो प्रखंड का सीमा क्षेत्र रहने व कोढ़ा प्रखंड के पूर्णिया संसदीय क्षेत्र में होने के कारण भी स्थानीय जनप्रतिनिधि सड़क के जीर्णोद्धार में रूचि नहीं ले रहे हैं।
शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप
Publish Date: | Thu, 27 May 2021 07:53 PM (IST)
सीहोर। प्रदेश में 724 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए भारत सरकार ने 3856 करोड़ रुपये की वार्षिक कार्य-योजना को मंजूरी दी है। इस राशि से प्रदेश के 51 राष्ट्रीय राजमार्गों के सुदृढ़ीकरण, पुल और नवीन मार्गों के निर्माण का कार्य कराया जाएगा। वर्ष 2021-22 की स्वीकृत वार्षिक कार्य-योजना में सीहोर जिले के नसरुल्लागंज-रेहटी-बुधनी मार्ग में 47 किलोमीटर क्षेत्र के चौड़ीकरण के लिए तीन करोड़ चार लाख 55 हजार रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव श्री नीरज मण्डलोई ने बताया कि प्रदेश से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों के रख-रखाव, गुणवत्ता नियंत्रण, चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण, पुल निर्माण तथा नवीन राजमार्गों के निर्माण की विस्तृत कार्य-योजना तैयार कर भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेजी गई थी, जिसे भारत सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि इसके तहत 8 राष्ट्रीय राजमार्गों की 527 किलोमीटर सड़कों का चौड़ीकरण किया जायेगा। इस कार्य के लिये 2966 करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति दी गई है। इसी प्रकार 11 राष्ट्रीय राजमार्गों के 210 किलोमीटर के निर्माण में भू-अर्जन के लिये 526 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात की सुगमता के लिए 3 पुलों के निर्माण के लिए 33 करोड़ रुपये, सात राष्ट्रीय राजमार्गों के 197 किलोमीटर सड़क मार्गों के सुदृढ़ीकरण के लिए 125 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इसी प्रकार प्रदेश में 22 राष्ट्रीय राजमार्गों पर 112 किलोमीटर क्षेत्र में सुदृढ़ीकरण सहित अन्य कार्यों के लिए 200 करोड़ रुपये तथा प्रदेश में नवीन 194 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों की डीपीआर तैयार करने के लिए 6 करोड़ रुपये की राशि कार्य-योजना में स्वीकृत की गई है। आठ राष्ट्रीय राजमार्गों के चौड़ीकरण पर खर्चं होंगे 2966 करोड़ रुपये वर्ष 2021-22 की स्वीकृत वार्षिक कार्य-योजना में नसरुल्लागंज-रेहटी-बुधनी मार्ग में 47 किलोमीटर क्षेत्र के चौड़ीकरण के लिए तीन करोड़ चार लाख 55 हजार रुपये स्वीकृत किए गए हैं। स्वीकृत कार्ययोजना के अंर्तगत खलघाट-कसरावद-खरगौन-बिस्ठान रोड पर चार किलोमीटर, टीकमगढ़-पृथ्वीपुर से ओरछा मार्ग पर 41 किलोमीटर, शहगढ़ से टीकमगढ़ रोड़ पर 36 किलोमीटर, इंदौर से बैतूल रोड़ पर 47 किलोमीटर, बालाघाट-नैनपुर रोड पर चार किलोमीटर, बैतूल से आशापुर रोड़ पर चार किलोमीटर तथा दौलखेड़ी चौराहा- मैलुआ चौराहा- कुरवाई रोड पर 60 किलोमीटर सड़कों का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। इसके साथ ही छह राष्ट्रीय राजमार्गों के 194 किलोमीटर की डीपीआर तैयार करने के लिए छह करोड़ रुपये तथा 22 राष्ट्रीय राजमार्गों के 112 किलोमीटर क्षेत्र में विभिन्ना कार्यों के लिए 200 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान कि गई है।
Posted By: Nai Dunia News Network
नईदुनिया ई-पेपर पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
नईदुनिया ई-पेपर पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
Show More Tags
ख़बर सुनें
गरमपानी। सुयालबाड़ी के सिरसा मोटर मार्ग कटान में अनियमितता की जांच के लिए गुरुवार को राजस्व निरीक्षण व पीएमजेएसवाई के अवर अभियंता मौके पर पहुंचे। उन्हें ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा।
ग्रामीण कुबेर सिंह जीना, नारायण सिंह ने आरोप लगाया कि ठेकेदार मनमर्जी से ग्रामीणों के खेत काट रहा है। इन खेतों का अब तक ग्रामीणों को मुआवजा तक नहीं दिया गया है। जबकि यहां से उठाया जा रहे उत्थर भी डंपिंग जोन में डालकर अन्य इलाकों में बेचे जा रहे हैं। जिससे ग्रामीणों में सख्त नाराजगी है। इसके अलावा गांव को आने वाली पेयजल लाइन भी तोड़ दी गई है। जिससे पेयजल की दिक्कत हो रही है। ग्रामीणों ने ठेकेदार के खिलाफ उचित कार्रवाई करने व कटे हुए खेतों का मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई। इस दौरान राजस्व निरीक्षक भुवन भंडारी ने बताया कि वह रिपोर्ट बनाकर उपजिलाधिकारी को भेजेंगे। उनके स्तर से ही मामले में कार्रवाई होगी। इस दौरान अवर अभियंता गणेश रौतेला, ग्रामीण नारायण सिंह जीना, खीम सिंह, मदन सिंह, अनूप जीना आदि लोग मौजूद रहे।
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
भरतपुर5 घंटे पहले
परिक्रमा मार्ग में शव को रख प्रदर्शन करते हुए।
गोवर्धन थाना क्षेत्र के राधाकुंड इलाके में गुरुवार को एक महिला का शव दफनाने को लेकर हंगामा हो गया। जब ग्रामीणों को वन विभाग ने शव को दफ़नाने से रोका तो ग्रामीणों ने शव को परिक्रमा मार्ग में रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। हंगामे की सूचना मिलने के बाद SDM राहुल यादव मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से समझाइश करते हुए शव को पास की ही जमीन पर दफनाया गया।
दरअसल आज राधाकुंड मार्ग पर नगलासपेरा इलाके में नाथ समाज की एक 50 साल की महिला नेमा देवी की मौत हो गई थी। ग्रामीण और नेमा देवी के परिजन शव को लेकर उसे दफ़नाने के लिए वन विभाग की जमीन पर पहुंचे लेकिन वन विभाग के कर्मचारियों ने NGT का हवाला देकर ग्रामीणों को शव दफ़नाने से रोक दिया।
इससे नाराज़ ग्रामीणों ने शव को परिक्रमा मार्ग में रख प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीणों का कहना था की वह करीब 05 दशकों से शवों को उसी स्थान पर दफ़नाते हुए आये है इसलिए वह अब भी शव को वहीं दफ़नायेंगे। लेकिन जब वन विभाग ने ग्रामीणों की न मानी तो ग्रामीणों ने शव को परिक्रमा में रख प्रदर्शन शुरू कर दिया और शव को वहीं दफ़नाने की मांग करने लगे।
हंगामे की सूचना मिलने के बाद गोवर्धन थाना पुलिस और SDM मौके पर पहुंचे और काफी समझाइश के बाद शव को वन विभाग की भूमि के पास की जमीन पर दफनाया गया। इसके अलावा ग्रामीणों ने SDM से मांग की कि उन्हें जल्द ही कोई भूमि आवंटित की जाए जिससे वह नगला सपेरा के ग्रामीणों की वहां समाधि बना सकें। वहीं पूरे मामले पर गोवर्धन के एसडीएम राहुल यादव ने बताया कि नाथ संप्रदाय के शवों के संस्कार के लिये पूर्व में ही नीमगांव ग्राम पंचायत में जमीन चिन्हित की जा चुकी है। प्रक्रिया अभी चल रही है। जल्द ही ग्रामीणों को भूमि मिल जाएगी।
अलीगढ़, जेएनएन । शासन ने सूबे के सभी स्टेट हाईवे को दो लेन के निर्देश दिए हैं, इससे यह मार्ग सात मीटर चौड़े हो जाएंगे। हालांकि, अलीगढ़ में दो स्टेट हाईवे हैं और दोनों पहले से ही दो लेन हैं। उनपर वाहनों का इतना भार बढ़ता जा रहा है कि आम दिनों में लोगों का चलना मुश्किल हो जाता है। काफी दिनों से उसे फोरलेन किए जाने की मांग उठ रही है। मगर, शासन से हरी झंडी नहीं मिल पा रही है।
वर्तमान में जिले में दो स्टेट हाईवे हैं
शासन ने अभी कुछ दिन पहले प्रदेश के सभी स्टेट हाईवे (राज्य मार्ग) को दो लेन किए जाने के निर्देश दिए थे। जिले में अलीगढ़-पलवल मार्ग और अलीगढ़-राया-मथुरा मार्ग दो स्टेट हाईवे थे। इसमें से अलीगढ़-पलवल मार्ग को फोरलेन कर दिया गया है। हालांकि, वह अब एनएचएआई में शामिल हो गया है। इसके बाद सिर्फ एक ही स्टेट हाईवे था, अभी कुछ महीने पहले छतारी से अतरौली-कासगंज को भी स्टेट हाईवे घोषित कर दिया गया। वर्तमान में जिले में दो स्टेट हाईवे हैं। मगर, दोनों पहले से सात मीटर चौड़े हैं, इसलिए इनपर अभी काम होने की संभावना कम है।
बढ़ता जा रहा है वाहनों का भार
अलीगढ़-राया-मथुरा मार्ग पर तो वाहनों का जबरदस्त भार बढ़ता जा रहा है। वाहनों की बढ़ती संख्या के चलते इस मार्ग पर तो चलना मुश्किल हो जाता है। क्षतिग्रस्त होने के चलते भी इस मार्ग पर काफी परेशानी आती है। वहीं, दूसरी ओर तीर्थनगरी मथुरा को भी यह मार्ग सीधे जोड़ता है। इसलिए इस मार्ग के फोरलेन की मांग काफी दिनों से चल रही है। लगातार दवाब पड़ने के बाद पीडब्ल्यूडी सीडी वन की ओर से प्रस्ताव बनाकर भी भेजा जा चुका है। करीब 230 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है। मगर, एक साल हो गए इस प्रस्ताव पर अभी तक मुहर नहीं लगी है। कोरोना के चलते बजट भी मिलने की संभावना कम ही लग रही है।
दो लेन है रामघाट रोड
रामघाट रोड प्रमुख जिला मार्ग के अंतर्गत आता है। इसपर भी लगातार वाहनों संख्या बढ़ती जा रही है। इसलिए इसके भी फोरलेन की मांग काफी समय से उठ रही है। क्वार्सी से लेकर हरदुआगंज नहर तक तो यह मार्ग फोरलेन बना हुआ है, मगर हरदुआगंज से अतरौली और रामघाट तक यह मार्ग दो लेन है। सात मीटर चौड़ा होने के चलते वाहनों की रफ्तार इसपर बढ़ नहीं पाती है। काली नदी पुल और नहर पर तो वाहनों का निकलना भी मुश्किल होता है। अतरौली विधायक और सूबे के वित्त राज्यमंत्री संदीप सिंह ने इस मार्ग को एनएचएआई में शामिल किए जाने को लेकर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिख चुके हैं, मगर चार साल हो गए अभी तक यह मार्ग एनएचएआई में शामिल नहीं हुआ।
सड़कों की स्थिति (प्रांतीय खंड )
मार्ग का नाम -संख्या- लंबाई
स्टेट हाईवे - 02- 95 किमी
प्रमुख जिला मार्ग-02- 42.63किमी
अन्य जिला प्रमुख-29- 131.59किमी
इनका कहना है
जिले में स्टेट हाईवे के फोरलेन के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। इसमें अलीगढ़-राया-मथुरा मार्ग प्रमुख है। क्योंकि इसपर लगातार वाहनों की संख्या बढ़ रही है। शासन से इसपर अनुमति नहीं मिली है। अनुमति मिलने के बाद कार्य शुरू कराया जाएगा।
आरके मिश्रा, पीडब्ल्यूडी अधीक्षण अभियंता
शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
हसनपुर। हिन्दुस्तान संवाद
रुखालू-मंगरौला लिक पर जलभराव से आवागमन दुश्वार है। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव आते ही नेता वोट पाने के लिए तरह-तरह के वादे करते हैं, लेकिन जीतने के बाद समस्या का समाधान नहीं कराते। आला अफसरों से समस्या निस्तारण की गुहार लगाई गई है।
ग्रामीणों का कहना है कि कई वर्षों से रुखालू से मंगरौला लिंक मार्ग को सही कराने की मांग की जा रही है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। जबकि इस मार्ग से एक दर्जन गांवों के लोग होकर गुजरते हैं। पानी भरा होने के कारण मच्छरों की संख्या बढ़ रही है। गांव में मलेरिया आदि बीमारी फैलने का भी खतरा है। ग्रामीणों ने विरोध में प्रदर्शन किया। इस मौके पर बब्लू गौतम, जयवीर सिंह, ईश्वरचंद, कमल कुमार, जगपाल सिंह, मनवीर सिंह, दयाराम सिंह, फूल सिंह व रूमाल सिंह आदि मौजूद रहे।
शायद आप ऐड ब्लॉकर का इस्तेमाल कर रहे हैं। पढ़ना जारी रखने के लिए ऐड ब्लॉकर को बंद करके पेज रिफ्रेश करें।
पेज रिफ्रेश करें
उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के बताये मार्ग पर चलते हुए सभी देशवासी एकजुटता और सामूहिक संकल्प के बल पर कोविड-19 से मुक्त हों।
राष्ट्रपति भवन ने रामनाथ कोविंद के हवाले से ट्वीट किया, ‘‘ भगवान बुद्ध के सभी अनुयायियों को बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं। बुद्ध की शिक्षाएं संपूर्ण विश्व को पीड़ा व दुख से मुक्ति का मार्ग दिखाती हैं।’’
कोविंद ने कहा, ‘‘ भगवान बुद्ध के बताए ज्ञान, करुणा व सेवा के मार्ग पर चलते हुए सभी देशवासी एकजुटता और सामूहिक संकल्प के बल पर कोविड-19 से मुक्त हों।’’
संवाद सूत्र, कालसी: गडोल-सकरोल-खड़ीन मोटर मार्ग के डामरीकरण कार्य में बरती जा रही अनियमितताओं को लेकर ग्रामीणों ने नाराजगी जताई है। ग्रामीणों ने पीएमजीएसवाई के अधिशासी अभियंता को भेजे ज्ञापन में मार्ग कार्य गुणवत्तापरक न कराने पर 31 मई को धरना प्रदर्शन कर काम रोकने की चेतावनी दी। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि मार्ग के डामरीकरण और सुधारीकरण कार्य में ठेकेदार और विभाग की सांठगांठ चल रही है। कई बार अधिशासी अभियंता और उच्च अधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
पीएमजीएसवाई कालसी की ओर से गास्की खडड के पास से गडोल सकरोल तक 10 किमी मोटर मार्ग का निर्माण कराया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि मार्ग की कटिग, पुश्ते, दीवारें मानक अनुसार नहीं बनाए जा रहे हैं। कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा, जिससे मार्ग निर्माण की गुणवत्ता में सुधार आ सके। मोटर मार्ग से जुड़ी तीन ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों की अध्यक्षता में ग्रामीणों की पंचायत में यह तय किया गया कि 31 मई को ग्रामीणों के बीच अधिशासी अभियंता पीएमजीएसवाई कालसी मोटर मार्ग का निरीक्षण करें। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग के एई और जेई गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि अधिशासी अभियंता मौके पर जांच के लिए नहीं पहुंचते हैं तो समस्त ग्रामीण काम रोक कर धरना देंगे। ज्ञापन पर ग्राम प्रधान सकरोल गीता तोमर, लायक सिंह, बलवीर सिंह, मोहन सिंह, क्षेत्र पंचायत सदस्य रमेश तोमर, चमन सिंह तोमर, गंभीर सिंह तोमर, बलवीर सिंह तोमर, संसार सिंह तोमर, लायक सिंह, बलवीर सिंह आदि के हस्ताक्षर हैं। उधर, अधिशासी अभियंता पीएमजीएसवाई कालसी बीसी पंत के अनुसार मोटर मार्ग में निर्माण कार्यों में अनियमितताओं को दूर कराया जाएगा। विभाग के जेई को मौके पर भेजकर निरीक्षण कराया जाएगा।
शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
अमर उजाला नेटवर्क, उदयपुर (लाहौल- स्पीति) Published by: Krishan Singh Updated Tue, 25 May 2021 09:39 PM IST
ग्रांफू-काजा-समदो सामरिक मार्ग बहाल। - फोटो : अमर उजाला
ख़बर सुनें
खराब मौसम और बर्फीली हवाओं ने सड़क बहाली के अभियान को प्रभावित किया। इसके बावजूद बीआरओ के जवान व अधिकारी डटे रहे। गौर रहे कि पिछले साल तीन नवंबर को यह मार्ग यातायात के लिए बंद हो गया था। कुंजुम दर्रा बंद रहने से स्पीति घाटी के लोगों को कुल्लू, मनाली आने के लिए जलोड़ी व करसोग के रास्ते सफर करना पड़ रहा था। लेकिन अब जनजातीय क्षेत्र स्पीति घाटी के बाशिंदों को मनाली, कुल्लू व लाहौल की ओर आने में दिक्कतें नहीं आएंगी।
इस रूट से होते हुए स्पीति के लोग महज सात से आठ घंटे में काजा से अटल टनल रोहतांग होते हुए मनाली पहुंचेंगे। समदो में तैनात 108 के ओसी चंद्रमा प्रसाद का कहना है कि उनके अधीन यह सड़क समदो से छोटा दड़ा तक है। ग्रांफू से छोटा दड़ा तक 32 किमी सड़क 94 आरसीसी के अधीन है। 38 बीआरटीएफ के कमांडर उमा शंकर ने कहा कि दोनों छोर मिला दिए गए हैं। मार्ग में अभी लोग आवाजाही न करें। दो तीन दिन में सड़क पूर्ण रूप से यातायात के लिए बहाल की जाएगी।
जागरण संवाददाता, गोविदपुर(सोनभद्र) : मुर्धवा मोड़ से बीजपुर जाने वाला मार्ग पर विगत कई वर्षों से लोगों को जाम की समस्याओं से जुझना पड़ रहा है। अक्सर लगने वाले जाम के चलते लोगों को नुकसान के साथ परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
मुर्धवा मोड से बीजपुर मार्ग जो बभनी से हो कर छत्तीसगढ़ व बीजपुर से बैढ़न एवं सीधी को जाता है, विगत कई वर्षों से जाम का पर्याय सा बन गया है। इसके चलते दैनिक श्रमिक, दूध बेचने वाले, सब्जी विक्रेता, मरीज व अन्यजरूरी कार्य से जा रहे लोगों को सर्वाधिक नुकसान उठाना पड़ता हैं। ओवर लोड ट्रकों पर अंकुश नहीं लगाए जाने के कारण लोगों को जाम की समस्या से जुझना पड़ता है। स्थानीय रहवासी रामसेवक, शिवप्रसाद का कहना है कि प्रदेश सरकार ने बागडोर संभालते ही ओवर लोड वाहनों पर विराम लगाने की घोषणा की थी, लेकिन कार्यकाल समाप्त होने के कगार पर आ गया है इसके बावजूद इस पर रोक नहीं लग पा रही है। यह मार्ग मुर्धवा से आश्रम मोड़ तक नौ किलोमीटर मोड़, चढ़ाई, ढाल के साथ-साथ कई जगहों पर पहाड़ियों को काटकर बनाए जाने के कारण संकरा हो गया है। कई जगहों पर सड़क के किनारे पटरी भी नहीं है। इसके चलते प्रतिदिन इस मार्ग पर वाहन दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं। रामदेव, विजय, संतोष, हरदेव अनिल ने कहा कि अगर वे प्रतिदिन काम न करें तो बच्चों की परिवरिश व परिवार का खर्च नहीं चल पाएगा। जाम के कारण माह में 10 से 15 दिन की ड्यूटी छूट जाती है। सब्जी के विक्रेता सुदामा, जगनाथ, सीतादेवी, अमरावती का कहना है कि जाम के कारण हमें भारी नुकसान सहन पड़ता हैं। कहा कि इस समस्या के लिए पूरी तरह से परिवहन, खनन व पुलिस विभाग जिम्मेदार है। रामसेवक, शिवप्रसाद, विजय, शाह मुहम्मद, रियाज ने सड़क चौड़ीकरण कराए जाने की मांग की।
शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप
जागरण संवाददाता, चतरा : स्वास्थ्य सेवा की आधारभूत संरचना का सशक्त करने का मार्ग प्रशस्त हो गया। डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट के शासी समिति की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पारित कर दिया गया। अब जल्द ही डीएमएफटी शासी परिषद की बैठक में उसका अनुमोदन होगा। उसके बाद जिले की बुनियादी चिकित्सकीय सुविधाओं को विकसित किया जाएगा। शासी समिति की बैठक मंगलवार को उपायुक्त दिव्यांशु झा की अध्यक्षता में हुई। बैठक डीसी आफिस स्थित सभा कक्ष में हुई। जिसमें स्थानीय विधायक सह राज्य के श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण सह कौशल विकास मंत्री सत्यानंद भोक्ता, पुलिस अधीक्षक ऋषभ कुमार झा एवं अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे। जबकि स्थानीय सांसद सुनील कुमार सिंह, सिमरिया विधायक किशुन कुमार दास एवं बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद बैठक में वर्चुअल जुड़े हुए थे।
बैठक में तीन वर्षीय विस्तृत कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्ययोजना के अनुसार जिले के अस्पतालों को इंडियन मेडिकल हेल्थ स्टैंडर्ड के अनुरूप विकसित किया जाएगा। सदर अस्पताल, हंटरगंज, इटखोरी, गिद्धौर, सिमरिया और टंडवा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को इसके लिए चयनित किया गया। उन अस्पतालों से लाभान्वित होने वाले प्रति हजार व्यक्ति पर एक बेड, दस हजार व्यक्ति पर एक डाक्टर व तीन नर्स के अलावा प्रत्येक एक लाख की आबादी पर दस आइसीयू के इंतजाम किया जाएगा। इंडियन मेडिकल हेल्थ स्टैंडर्ड के मानक के अनुरूप 50 स्वास्थ्य कल्याण विकसित किए जाएंगे। इसके साथ ही प्रत्येक प्रखंड स्वास्थ्य केंद्र में आपरेशन थिएटर की व्यवस्था होगी। जिले में सीटी स्कैन, एमआरआइ के समेत सभी महंगी जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। सदर अस्पताल, हंटरगंज, इटखोरी और टंडवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 17 बुनियादी जांच केंद्र स्थापित होंगे।
:::::::::::::::::::::::::::::::::
विशेषज्ञ चिकित्सकों की होगी बहाली
सभी जन स्वास्थ्य केंद्रों पर 2021 तक हड्डी शल्य चिकित्सा और 2024 तक हृदय रोग शल्य चिकित्सा की व्यवस्था की जाएगी। टंडवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को उत्क्रमित करते हुए उसके दस कमरों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। वहां ट्रामा सेंटर की व्यवस्था की जाएगी। उत्क्रमित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और ट्रामा सेंटर में एक फिजीशियन, एक सर्जन, एक महिला रोग विशेषज्ञ, एक हड्डी रोग विशेषज्ञ, एक रेडियोलाजिस्ट, एक शिशु रोग विशेषज्ञ, एक एनेस्थेटिक्स, पांच ग्राउंड स्टाफ, चार प्रशासनिक कर्मी और 17 पारा मेडिकल स्टाफ बहाल किए जाएंगे। इसी प्रकार सदर अस्पताल में एक औषधि विशेषज्ञ, एक शल्य चिकित्सक, दो स्त्री रोग विशेषज्ञ, एक शिशु रोग विशेषज्ञ, दो एनेस्थेटिक्स, एक हड्डी रोग विशेषज्ञ, एक आंख कान गला रोग विशेषज्ञ, एक रेडियोलाजिस्ट, एक पैथोलाजिस्ट, पांच चिकित्सा पदाधिकारी, पांच ग्राउंड स्टाफ, चार प्रशासनिक कर्मी, और 50 पारा मेडिकल स्टाफ नियुक्त किए जाने की आवश्यकता है। प्रस्ताव में चतरा के लिए दो तथा टंडवा के लिए एक-एक सफाई ट्रक की व्यवस्था इंगित की गई है।
:::::::::::::::::::::::::
रेफर अस्पताल भी मानक के अनुसार होगा विकसित
सिमरिया का रेफरल अस्पताल भी इंडियन मेडिकल हेल्थ स्टैंडर्ड के आधार पर विकसित होगा। पत्थलगडा एवं कान्हाचट्ट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डाक्टर व पारा मेडिकल स्टाफ की कमी को दूर किया जाएगा। दो-दो डाक्टर व आठ-आठ पारा मेडिकल स्टाफ बहाल करने का प्रस्ताव लिया गया है। थैलेसिमिया रोगी के लिए स्पेशल सेल बनाने की भी योजना है। जहां पर सारी व्यवस्था होगी। कुंदा, लावालौंग, पत्थलगडा व कान्हाचट्टी में आधुनिक सुविधाओं से लैस एंबुलेंस का भी प्रस्ताव है।
शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, धारचूला (पिथौरागढ़) Published by: अलका त्यागी Updated Mon, 24 May 2021 10:11 PM IST
मुनस्यारी-मिलम मार्ग पर जमी बर्फ - फोटो : अमर उजाला फाइल फोटो
ख़बर सुनें
Uttarakhand News: लिपुलेख मार्ग पर पहाड़ी दरकने से खाई में गिरे तीन लोगों की मौत, देखें वीडियो...
इधर थल-मुनस्यारी मोटर मार्ग पर बनिक के पास आया मलबा पूरी तरह से न हटने के कारण भारी वाहन मुनस्यारी नहीं पहुंच पा रहे हैं। इस कारण मुनस्यारी सामग्री लाने वाले ट्रक बनिक में ही फंसे हैं। यदि दो, चार दिनों में बड़े वाहनों के लिए यातायात बहाल नहीं होता है तो क्षेत्र में जरूरी वस्तुओं का संकट गहरा सकता है।
उधर, भारी बारिश के कारण बूंदी और छियालेख में बंद पड़ी तवाघाट-लिपुलेख सड़क को वाहनों के लिए खोल दिया गया है। सड़क बंद होने से व्यास घाटी के माइग्रेशन जाने वाले 50 से 60 परिवार अपने जानवरों के साथ बूंदी में फंसे थे। मार्ग खुलने के बाद इन लोगों ने राहत की सांस ली है।
20 जून तक दस्तक दे सकता है मानसून
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक इस बार मानसून 20 जून तक राज्य में दस्तक दे सकता है। सोमवार को हल्द्वानी का अधिकतम तापमान 34.2 और न्यूनतम तापमान 21.2 डिग्री सेल्सियस रहा। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने बताया कि अगले चार-पांच दिन प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा।
20 मई को भारी बारिश के दौरान रडांग बैंड में हाईवे का लगभग 50 मीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था और पुश्ते भी बह गए थे, जिससे सीमा क्षेत्र में सेना की आवाजाही भी थम गई है। साथ ही देश के अंतिम गांव माणा के ग्रामीणों को भी आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हाईवे बंद होने के बाद से बीआरओ की नौ जेसीबी व पोकलैंड मशीनें हाईवे को सुचारु करने में जुटी हुई हैं।
अलकनंदा साइड पुश्ता निर्माण के लिए कोई जगह न मिलने के कारण अब बीआरओ की ओर से यहां हिल कटिंग कर हाईवे का निर्माण किया जा रहा है। बीआरओ के कमांडर मनीष कपिल ने बताया कि मंगलवार तक हाईवे सुचारु करने की पूरी कोशिश की जा रही है, जिस स्थान पर हाईवे ध्वस्त है, वहीं नदी साइड पुश्ता निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा है। इस कारण यहां हिल कटिंग कर नए हाईवे का निर्माण किया जा रहा है।
ख़बर सुनें
सिढ़पुरा, संवाद सूत्र : सिढ़पुरा-सहावर बाया मोहनपुर तक सड़क बदहाल हालत में है। इस मार्ग पर सफर करना जोखिम भरा है। वाहन चालकों को तो परेशानी ...